Prayagraj: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिसे संगम नगरी के नाम से भी जाना जाता है, वहां से एक चौका देने वाला मामला सामने आया है। आपको बता दें कि संगम के तट पर लगने वाला महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) को दिव्य और भव्य बनाने के लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इसी क्रम में प्रयागराज (Prayagraj) में काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) और मिर्जापुर के विंध्याचल कॉरिडोर (Vindhyachal Corridor) की तरह ही महर्षि भारद्वाज (Maharishi Bhardwaj) का भी दिव्य और भव्य कॉरिडोर बनना है। इस कॉरिडोर निर्माण की जद में 35 मकान आ रहे हैं, जिन पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण (Prayagraj Development Authority) ने बुलडोजर चलाना शुरु कर दिया है।
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पहले ही दिन चार मकानों पर बुलडोजर चला। जैसे ही एक 200 पुराने मकान पर बुलडोजर गिराना शुरु किया तो जमीन के अंदर अजीब सा नजारा देखने को मिला। जिसको देखकर ड्राइवर भी घबरा गया और उसने थोड़ी देर के लिए बुल्डोजर को बंद कर दिया।
आपको बता दें कि जब 200 साल पुराने घर को गिराना शुरु हुआ तो जमीन के अंदर भगवान की बड़ी-बड़ी मूर्तियां नजर आईं। मूर्तियों को देखने को लोगों की भीड़ आ गई। वहां मौजूद लोग मूर्तियों को उठाकर सुरक्षित स्थान पर रख दिए।
हो रहा है भारद्वाज कॉरिडोर का निर्माण
आपको बता दें कि भारद्वाज कॉरिडोर निर्माण के लिए योगी सरकार ने 13 करोड़ 35 लाख रुपये का बजट पास किया है। 3.33 करोड़ की पहली किस्त भी सितंबर 2023 में ही जारी कर दी गई थी। कॉरिडोर में महर्षि भारद्वाज के म्यूरल्स लगेंगे। इसके साथ ही साथ यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को महर्षि भारद्वाज के बारे में जानकारी देने वाले साइन बोर्ड भी लगेंगे।
सरकार की इच्छा है कि महर्षि भारद्वाज की तपस्थली को पुनर्स्थापित किया जाए। यहां पर महर्षि भारद्वाज का मंदिर भी स्थित है, उसका भी सौंदर्यीकरण होना है और उसके आसपास के अतिक्रमण को भी हटाया जाएगा। महर्षि भारद्वाज के कॉरिडोर को लेकर विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। प्रसाद की दुकानों को भी ठीक ढंग से स्थापित होनी हैं। भारद्वाज कॉरिडोर हिंदू मंदिर शैली पर आधारित होगा। यूपी प्रोजेक्ट कार्पोरेशन को इस पुनर्निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था बनाया गया है।
म्यूरल्स का होगा निर्माण
महर्षि भारद्वाज के महत्व को समझाने के लिए ही म्यूरल्स का निर्माण किया जाएगा। संगम की धरती पर पूरे देश के साथ ही विदेश से भी श्रद्धालु आते हैं, इसलिए यहां पर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भी श्रद्धालु यहां के महत्व को समझ सकें, इसकी भी व्यवस्था की जाएगी। सड़क से लेकर महर्षि भारद्वाज मंदिर तक कॉरिडोर बनाया जाएगा और इसकी थीम महर्षि भारद्वाज की जीवन और उनके अनुसंधान पर आधारित होगी। छोटे-छोटे निर्माण को ध्वस्त कर यहां पर आरती स्थल भी बनाया जाएगा।
भारद्वाज मुनि की यह है महिमा
बता दें कि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण में प्रयागराज के भारद्वाज मुनि आश्रम का उल्लेख किया है। उनके आश्रम को देश का पहला गुरुकुल होने का गौरव प्राप्त है। महर्षि भारद्वाज को पहला कुलगुरु यानी कुलपति भी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि वैदिक काल में इस स्थान पर एक भव्य गुरुकुल था, जहां देशभर के छात्र आकर वैदिक शिक्षा प्राप्त करते थे। महर्षि भारद्वाज का आश्रम प्राचीन काल में अपनी प्रमाणिकता और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विश्व विख्यात था।
भारद्वाज मुनि के गुरुकुल में देशभर से आने वाले विद्यार्थी ज्ञान अर्जन के साथ ही वैज्ञानिक अनुसंधान भी करते थे। पिछले कुंभ के दौरान भारद्वाज आश्रम के पास स्थित पार्क का जीर्णोद्धार करवाया गया था। यहां पर योगी सरकार ने भव्य प्रतिमा लगवाई थी। कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत भारद्वाज कॉरिडोर को इसकी प्राचीन और पौराणिकता के साथ स्थापित किया जाएगा ताकि विश्व पटल पर यह तीर्थ स्थल के रूप में विकसित हो सके।