राहुल देव…Coming soon

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ज्योति शिंदे, एडिटर, खबरीमीडिया

इस बार राहुल देव जी के साथ। अंग्रेजी-हिंदी पत्रकारिता के पुरोधाओं में से एक राहुल जी किसी टीवी सीरिज को पेश करने बरसों बाद आ रहे हैं। ये सुखद संयोग है- करियर के इस पड़ाव पर, खासतौर पर मेरे लिए। 2 दशकों में कभी एक दूसरे के साथ काम नहीं किया, अपनी तरफ से मैंने सिर्फ उन्हें पढ़ा, जाना और समझा। आज पहले ही दिन शूट के दौरान कुछ ऐसा कह गए अपन के बारे में- जिसे मैं ऐतिहासिक ही कहना चाहूंगा।

वो राज़ की बात है। आज से परदा हट रहा है। धीरे धीरे सब खुलेगा। #NewsNation पर आज से #कमिंग_सून है।

वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव जल्द ही न्यूज नेशन पर नज़र आएंगे। बरसों बाद राहुल देव को आप किसी शो की एंकरिंग करते देख पाएंगे।

वैसे तो राहुल देव को अक्सर टीवी पर चैट शौ में देखा जाता है। पर अब सालों बाद राहुल देव फिर अपने दर्शकों के लिए स्क्रीन साझा करते नजर आएंगे।

राहुल देव करीब 4 दशकों से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अपने अनुभव का छाप छोड़ चुके हैं। 20 दिसंबर 1956 को जन्मे राहुल देव ने लखनऊ विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. किया है। 1979 में उनके पत्रकारिता जीवन का आरंभ एम.ए. की पढ़ाई के दौरान ही हुआ। । लखनऊ के अंग्रेजी दैनिक ‘दि पायनियर’ में बतौर ट्रेनी सब-एडिटर राहुल देव की एंट्री हुई। । उसके बाद शायद ही ऐसी कोई पत्र-पत्रकारिता रही होगी जिसमें राहुल देव ने अपनी काबिलियत नहीं दर्ज करवाई होगी।

राहुल देव ने 1997 में आजतक के एंकर के रूप में अपनी टीवी पत्रकारिता की शुरुआत की।  1998 के लोकसभा चुनावों में काउंटिंग के समय दूरदर्शन और टीवी टुडे के संयुक्त कार्यक्रम जनादेश से राहुल देव को अलग पहचान मिली। आपको बता दें कि ये टीवी का सबसे बड़ा और लंबा चलने वाला कार्यक्रम रहा जो नॉनस्टॉप 72 घंटे तक चला। इसमें राहुल देव ने 12-12 घंटे की लगातार एंकरिंग की। इसके अलावा बजट पर लगभग 10 घंटे के सीधे प्रसारण की एंकरिंग राहुल देव ने की। साल 1999 में राहुल देव दूरदर्शन से जुड़ गए। और मृणाल पांडे के साथ प्राइम टाइम एंकर के तौर पर अपनी अलग पहचान बनाई।

1999 के लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल देव अपनी चुनावी विश्लेषण से खूब लोकप्रियता हासिल की। साल 2000 में संयुक्त राष्ट्र संघ के सहस्राब्दी समारोह में भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की न्यूयार्क यात्रा के दौरान राहुल देव उनके साथ रहे। 

साल 200 में राहुल देव ज़ी न्यूज़ से संपादकीय सलाहकार बने। 2004 के लोक सभा चुनाव की संपूर्ण कवरेज और चुनाव विश्लेषण कार्यक्रम का उन्होंने नेतृत्व किया। एक नया कार्यक्रम ‘जवाबदेही’ शुरू किया और उसकी एंकरिंग की।

साल 2006 से 2008 तक राहुल देव जनमत टीवी पर भी एंकरिंग करते नजर आए।  2008 में CNEB न्यूज चैनल के मुख्य संपादक और CEO जिम्मेदारी उन्होंने संभाली। कम ही समय में चैनल ने अपनी एक अलग पहचान बनाई। राहुल देव 2010 से 2012 तक दैनिक आज समाज और साप्ताहिक इंडिया न्यूज़ के प्रधान संपादक भी रहे। 

ढेरों पुरस्कार, ढेरों सम्मान..राहुल देव का व्यक्तित्व ही उन्हें दूसरों से अलग बनाता है।

वरिष्ठ पत्रकार कुमार विनोद के फेसबुक वॉल से साभार

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