Noida News: नोएडा के 80 आईटी कंपनियों को नोटिस भेजा है। इन कंपनियों (Companies) को औद्योगिक कनेक्शन पर वाणिज्यिक बिजली (Electricity) का प्रयोग करने पर नोटिस दिया गया। पढ़िए पूरी खबर…
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आपको बता दें कि विद्युत निगम ने शहर की करीब 80 आईटी कंपनियों को नोटिस भेजा है। इन कंपनियों को औद्योगिक कनेक्शन पर वाणिज्यिक बिजली का प्रयोग करने पर नोटिस दिया गया। इसके साथ ही चेतावनी भी दी गई है कि नोटिस के 2 सप्ताह के अंदर टैरिफ सही करा लें नहीं तो बिजली चोरी की कार्रवाई की जाएगी।
राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ रहा
विद्युत निगम (Electricity Corporation) के अधिकारियों के मुताबिक औद्योगिक कनेक्शन पर वाणिज्यिक प्रयोग किया जा रहा है। इससे विद्युत अधिनियम का उल्लंघन होने के साथ ही निगम को राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ रहा। औद्योगिक सेक्टरों की टैरिफ दर वाणिज्यिक कनेक्शन के टैरिफ से कम होती है। ऐसे में उपभोक्ता गलत टैरिफ दर पर बिजली का उपयोग कर रहा है।
उन्होंने बताया कि वाणिज्यिक श्रेणी में 330 रुपये से लेकर 450 रुपये तक प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज लिया जाता है। इसके साथ प्रति यूनिट शुल्क भी 7 रुपये पचास पैसे से लेकर 8 रुपये 75 पैसे तक वसूला जाता है। वहीं औद्योगिक श्रेणी में केवल 290 रुपये प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज लिया जाता है। इसके साथ सात रुपये 30 पैसे से लेकर सात रुपये 90 पैसे तक प्रति यूनिट शुल्क वसूला जाता है।
दूसरी तरफ एनईए की विद्युत कमेटी के चेयरमैन हरीश जोनेजा (Harish Joneja) ने बताया कि औद्योगिक सेक्टरों में चल रही आईटी कंपनियों को भी सरकार और प्राधिकरण द्वारा औद्योगिक इकाई का दर्जा दे दिया है। लेकिन विद्युत निगम ने औद्योगिक सेक्टर में चले रही आईटी कंपनियों को औद्योगिक इकाई का दर्जा नहीं दिया। इसी वजह से विद्युत निगम द्वारा आईटी कंपनियों को नोटिस जारी किया जा रहा। इससे आईटी कंपनियों के मालिकों की परेशानी बढ़ रही है।
नोएडा पावर कंपनी को मिला था 30 साल का लाइसेंस
गौरतलब है कि विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी की ओर से विद्युत अधिनियम 1910 की धारा 6 व 7 के मुताबित कंपनी को नोटिस भेज दिया गया है।
नोएडा पावर कंपनी (Noida Power Company) को 30 अगस्त, 1993 को 30 साल के लिए विद्युत अधिनियम 1910 की धारा छह व सात के अनुसार लाइसेंस दिया गया था। लाइसेंस की अवधि 30 अगस्त, 2023 को समाप्त हो रही है।
पहले से व्यवस्था तय थी कि नोएडा पावर कंपनी का लाइसेंस 30 वर्ष के लिए होगा, लेकिन पूर्ववर्ती राज्य विद्युत परिषद चाहे तो विद्युत अधिनियम 1910 के अनुसार 30 साल पूरा होने के एक वर्ष पहले नोएडा पावर कंपनी को नोटिस देकर टेकओवर कर सकता है। अन्यथा दूसरा कार्यकाल 20 वर्ष के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है। अब देश में विद्युत अधिनियम 2003 लागू हो चुका है।
विद्युत अधिनियम 1910 समाप्त हो चुका है। इसलिए राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद लगातार मांग कर रहा था कि प्रदेश सरकार व ऊर्जा निगम को अविलंब नोएडा पावर कंपनी को 30 अगस्त, 2022 से पहले नोटिस देकर टेकओवर की कार्यवाही शुरू कर देनी चाहिए।
इससे पहले विद्युत नियामक आयोग ने जब इस प्रक्रिया पर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा के तहत कार्यवाही शुरू की और कंसलटेंट नियुक्त किया तो नोएडा पावर कंपनी ने अपीलेट ट्रिब्यूनल में वाद दाखिल कर दिया था।