सिक्किम में मौत की वो झील जिसमें 22 सैनिक समेत 69 लोग समा गए!

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उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया

Sikkim Flash Flood Death: सिक्किम में बादल फटने से अचानक आई प्राकृतिक आपदा के कारण अगले 48 घंटे भारी हैं। मौसम विभाग (IMD) ने दो दिनों के लिए सिक्किम में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। सिक्किम (Sikkim) में बुधवार को जो तबाही आई उसने 10 से ज्यादा लोगों की जान ले ली और अब भी सेना के 22 जवानों समेत करीब 70 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

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बादल फटने के बाद के जलजले का जख्म हर ओर दिखाई दे रहा है। तीस्ता नदी (Teesta River) का प्रलयकारी बहाव अपने साथ सबकुछ बहा ले जाने के लिए तैयार है। लेकिन ये तबाही फिर से देखने को मिल सकती है। आने वाले कुछ घंटों में फिर से वही सैलाब का सितम दिख सकता है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के लिए सिक्किम में अलर्ट (Alert) जारी किया है।
रात में फटा बादल सुबह तबाही ही तबाही

आपको बता दें कि सिक्किम में रात के अंधेरे में बादल फटा और सुबह जब उजाला हुआ चारों तरफ तबाही ही तबाही दिख रही थी। सैलाब के आगे जो आया वह सब कुछ बहा ले गया। जहां तक नजरें जा रही हैं सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है। जानकारी के मुताबिक, ल्होनक झील (Lhonak Lake) के ऊपर मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे के आसपास बादल फटा, इसके बाद लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई। नदी का जलस्तर अचानक 15 से 20 फीट तक बढ़ गया। इसके बाद नदी से लगे आसपास के इलाकों में पानी भर गया। कई घरों में भी नदी का पानी घुस आया।
नदी के पास ही आर्मी कैंप था जो बाढ़ की चपेट में आने के बाद बह गया और यहां खड़ी कई गाड़ियां डूब गईं। सैलाब में लापता लोगों को खोजने के लिए सेना की ओर से रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है जबकि 4 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बचाया जा चुका है।

पीएम मोदी ने दिया मदद का आस्वासन
पीएम मोदी (PM Modi) ने अपने आधिकारिक X हैंडल से पोस्ट किए सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (Prem Singh Tamang) से बात की और राज्य के कुछ हिस्सों में दुर्भाग्यपूर्ण प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर स्थिति का जायजा लिया। चुनौती से निपटने में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। मैं सभी प्रभावितों की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं।
पांच पुल ढहे, बांधों को हुआ नुकसान
इस आपदा के कारण पांच पुल गिर गए हैं, जिनमें मंगतम झील का पुल, सिंघताम का इंद्राणी पुल, शिरवानी पुल, लिंगी पुल और जंगू का पुल शामिल हैं। चुंगथान में 1200 मेगावाट का तीस्ता ऊर्जा बांध बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सिंघताम में एनएचपीसी का बांध क्षतिग्रस्त हुआ है।
सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारी ने ये कहा
सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SSDMA) के एक अधिकरी ने कहा कि बचाव और राहत प्रयासों के दौरान सिंगताम से तीन शव बरामद किए गए हैं। एसएसडीएमए ने एक समाचार विज्ञप्ति में बताया कि ल्होनक झील के कुछ हिस्सों पर बादल फटने से बुधवार तड़के तीस्ता नदी बेसिन पर झील में अचानक जलस्तर बढ़ गया, जिससे मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में कई प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा।

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कैसे आई इतनी तबाही
सिक्किम में पहले बादल फटा, इसका पानी चुंगतांग (Chuntangang) के करीब लेचन वैली में साउथ लहोनल झील में गिरा। पहले से खतरनाक मानी जाने वाली ये ग्लेशियल झील इससे इस कदर ओवरफ्लो हुई कि तीस्ता नदी में तबाही आ गई। इसके किनारे आर्मी का एक बेस बना था, वहां से 23 सैनिक बहकर लापता ही नहीं हुए बल्कि इसमें बहकर 120 अन्य लोग भी गायब हो गए तो बहुत कुछ तहस-नहस हो गया। जानते हैं इस लंबी चौड़ी झील के बारे में, जिसे लेकर खतरे की चेतावनी कई सालों से दी जा रही थी।

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ये झील है साउथ लहोनक झील, जो हिम लेक या ग्लेशियल लेक कही जाती है, ये ग्लेशियर के पानी से बनी है। झील लगभग ढाई किलोमीटर लंबी है तो आधा किमी से ज्यादा चौड़ी। इसकी गहराई करीब 10 मंजिला बिल्डिंग के बराबर है। कई सालों से एक्सपर्ट इसे इस इलाके बनी 14 ऐसी ग्लेशियल झीलों के तौर पर चिन्हित कर रहे थे, जो बेहद संवेदनशील है।
यह झील सिक्किम के सुदूर उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में है। कुछ सालों पहले तक ये छोटी झील थी लेकिन ग्लेशियर के पानी की वजह से ये तेजी से विस्तार लेने लगी, तभी एक्सपर्ट्स आगाह करने लगे थे कि जिस तरह इसमें पानी बढ़ रहा है और ये विस्तार ले रही है तो भविष्य अगर कभी भी यहां ज्यादा बरसात हो गई या बादल फट गया तो ये तबाही लेकर आएगी। अब यही हुआ।
8 अक्टूबर तक सभी स्कूल बंद
वहीं शिक्षा विभाग की ओर से मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में स्थित सभी स्कूल आठ अक्टूबर तक बंद कर दिए गए हैं। सिक्किम में भयंकर बाढ़ की वजह से कई पुल ध्वस्त हो गए। जहां कल तक सड़कें थीं वो आज नदी बन गई हैं और बादल फटने से आई तबाही ने सिक्किम के लोगों को कभी ना भूलने वाला दर्द दे दिया है।
16 जून को भी बादल फटा था
इससे पहले सिक्किम में 16 जून को भी बादल फटा था। यहां के पेक्योन्ग में जमीन खिसकने और फिर बादल फटने से घरों में पानी भर गया था। कई लोग इससे प्रभावित हुए थे।
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