नीलम सिंह चौहान, खबरी मीडिया
Delhi Metro: दिल्ली से रोजाना नोएडा ट्रैवल करने वालों के लिए मेट्रो किसी भी तरह के वरदान से कम नहीं है। हर रोज सुबह से लेकर के रात तक पटरियों के ऊपर दौड़ती मेट्रो दिल्ली सहित एनसीआर के लोगों के लिए लाइफलाइन साबित होती है। लेकिन क्या आपकी भी नजर मेट्रो में एंट्री करते हुए छोटी बच्ची की Mascot में पड़ी है।
पड़ी तो होगी सही, ऐसे में आप भी ये सोचते होंगे कि आखिकार इस बच्ची का Mascot क्यों लगा रखा है। ऐसे में इसी का जवाब आज हम आपको बताएंगे। दिल्ली मेट्रो की इस Mascot का नाम मैत्री है। ऐसे में जानिए कि ये छोटी बच्ची दिल्ली मेट्रो तक कैसे पहुंची।
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11 साल पुराना है कनेक्शन
दरअसल, ये मामला साल 2012 का है, हर रोज की तरह उस दिन भी मेट्रो में आम दिनों की तरह ही चल रही थी। जूली नाम की प्रेगनेंट औरत फरीदाबाद से सफदरजंग हॉस्पिटल जाने के लिए मेट्रो में चढ़ी। अस्पताल के पहुंचने से पहले ही महिला का लेबर पेन स्टार्ट हो गया। जिसके बाद खान मार्केट मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो के आखिरी कोच में दो महिलाओं ने मिलकर जूली की डिलीवरी करवाई। जूली ने एक बेटी को जन्म दिया। इसके बाद मेट्रो के कर्मचारियों ने एंबुलेंस से मां और बच्ची को अस्पताल भेजा। ऐसा पहली बार था कि किसी का मेट्रो में जन्म हुआ था।
इसी बच्ची के नाम के ऊपर रखा गया Mascot का नाम
जूली देवी ने बच्ची को मेट्रो में जन्म दिया था। इसलिए परिवार वालों ने उस छोटी बच्ची का नाम मैत्री रखने का फैसला लिया। मैत्री का अर्थ होता है दोस्ती, इसके साथ ही ये मेट्रो से काफी मिलता जुलता भी है।
DMRC ने ली परिवार से परमिशन
उसके बाद दिल्ली मेट्रो ने अपनी Mascot का नाम मैत्री रखने का प्लान किया। इसके लिए सबसे पहले दिल्ली मेट्रो ने बच्ची के परिवार वालों से परमिशन मांगी। परिवार की सहमति के बाद मेट्रो की Mascot का नाम मैत्री रखा गया।
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