पितृ पक्ष में दान करें 5 वस्तु..हो जाएंगे मालामाल

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नीलम सिंह चौहान, खबरीमीडिया

Pitru Paksha 2023: धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक देखा जाए तो, पितृ पक्ष के 15 दिनों में अपने पूर्वजों के श्राद्ध को किया जाता है. इसी के साथ ही पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है. घर का पुरुष सदस्य अपने पितरों को खुश करने के लिए पिंडदान, श्राद्ध, ब्राह्मण भोज आदि करता है. मान्यता है कि ऐसा करने से पितर खुश होते हैं आशीर्वाद देते हैं. लेकिन आज भी कई परिवार ऐसे हैं, जहाँ एक भी पुरुष नहीं है. तो ऐसे में महिलाएं अपने पितरों को खुश करने के लिए पितृ पक्ष में इन पांच वस्तुओं को दान कर सकती हैं. इस दान से जब आपके पितर संतुष्ट हो जाएंगे तो वो आपको वंश, सेहत, संपत्ति आदि में बढ़ोतरी का आशीष देंगे. माना जाता है कि पितर के नाराज होने से परिवार में कलह, बीमारी, धन हानि, वित्तीय संकट का आभाव होता है. पितृ पक्ष 29 सितम्बर को शुरू हो रहा है.
ऐसे में जानिए कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जिन्हें पितृ पक्ष में दान करना चाहिए:

केला
पितरों को खुश करने के लिए पितृ पक्ष में केले को दान करना अच्छा माना जाता है, लेकिन ध्यान में रहे कि केला पका हुआ होना चाहिए. केला एक सदाबहार फल है और इसे भगवान विष्णु जी का प्रिय फल भी माना जाता है. विष्णु कृपा की प्राप्ति के लिए केले के पौधे की पूजा की जाती है. भगवान विष्णु वैकुंठ धाम के मालिक हैं और ये मोक्ष को प्रदान करते हैं. मान्यता है कि पितर केले का दान पाकर बेहद प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद पूरे परिवार पर बनाए रखते हैं.

पान
क्या आपको पता है पान को दान करना भी अच्छा माना जाता है. मान्यता के मुताबिक पितरों की कृपा पाने के लिए पितृ पक्ष में उनको पान को दान करना चाहिए. लगा हुआ पान दान करते हैं तो ये और भी अच्छा होता है. लगे हुए पान का मतलब पान के बीड़े से है. यदि ये आप करते हैं तो आपका घर धन्य हो जाता है.

Pic: Social Media

दही
पितरों की तृप्ति के लिए आप दही का दान भी कर सकते हैं. दरअसल, पितृ पक्ष में दूध से ज्यादा दही का महत्व होता है. दूध कच्चा होता है, वहीं दूसरी ओर दही पके हुए दूध से तैयार किया जाता है. पितरों को दही बहुत ही ज्यादा प्रिय होता है. दही स्थिर और जमा होता है. इसलिए पितरों को दही दान करते हैं. ताकि जीवन में स्थिरता बनी रहे.

किसी भी तरह की सफ़ेद मिठाई
पितृ पक्ष में सफ़ेद मिठाई के दान को पाकर मान्यता है कि पितर खुश हो जाते हैं. मान्यता के अनुसार मृत्यु के बाद व्यक्ति प्रेत भाव में होता है, वे अन्धकार में रहता है. इस भाव में वे अपने वंश को परेशान न करें, इसलिए सफ़ेद मिठाई को दान कर सकते हैं. पितरों को सफ़ेद वस्तुएं दान करने से, अच्छा होता है क्योकि सफ़ेद रंग सकारात्मकता का प्रतीक होता है.

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दक्षिणा
दक्षिणा के बगैर किसी भी तरह के दान का फल नहीं मिलता है, और यदि करते भी हैं तो मान्यता के अनुसार वे व्यर्थ हो जाता है. दक्षिणा का अर्थ पैसे या धन से नहीं है. दक्षिणा में आप अपने पितरों के लिए कोई पात्र यानी कि बर्तन जैसे कि कटोरा, थाली, लोटा आदि चीजें दान करना होता है.

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