कुमार विकास, ख़बरीमीडिया
महेंद्र सिंह धोनी(Mahendra Singh Dhoni) कैप्टन कूल ..अनगिनत रिकॉर्ड..अनगिनत फैंस..टीम इंडिया को 2007 का T-20 विश्वकप और 2011 का विश्वकप दिलवाने में बड़ा रोल।
शायद आपको याद होगा..महेंद्र सिंह धोनी ने 2011 विश्वकप के फाइनल में बेहतरीन पारी खेलकर भारतीय टीम को 28 साल बाद वनडे विश्वकप दिलवाया था। उस मैच में खुद धोनी ने 79 गेंदों पर 91 रन की बेजोड़ पारी खेली थी जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच से भी नवाजा गया था। उनकी उस पारी का सबसे अहम पल वो था जब उन्होंने नुवान कुलसेकरा की गेंद पर छक्का लगाकर भारत विश्वकप जिताया था।
धोनी ने जिस बल्ले का इस्तेमाल फाइनल में किया था उस बल्ले को एक धोनी के प्रसंसक ने 1 करोड़ की बोली लगाकर हासिल किया है। हालांकि, बाद में यह बताया गया कि खरीदार वास्तव में आर के ग्लोबल शेयर्स एंड सिक्योरिटीज लिमिटेड नामक एक कंपनी थी।
माही के इस उम्दा बल्लेबाजी के बदौलत भारत ने श्रीलंका द्वारा दिए गए 275 रन के लक्ष्य को 48.2 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर आसानी से प्राप्त कर लिया. फाइनल मुकाबले में मैच जिताऊ पारी के लिए धोनी को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया.
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