नीलम सिंह चौहान, ख़बरीमीडिया
भारत देश की आर्थिक राजधानी मुंबई(Mumbai) पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि अगर जल्दी बारिश नहीं हुई तो मुंबईकरों को पानी का सामना करना पड़ सकता है।
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बताते चलें कि यहां पर 7 झीलें हैं जो कि पानी की पूर्ति करते है पूरे शहर में, लेकिन अब इन झीलों में मात्र 45 दिन का ही पानी बचा है। इस वजह से मुंबई नगरपालिका की भी चिंता दोगुनी हो गई है। महाराष्ट्र के डिफरेंट-डिफरेंट पार्ट्स में लोग पानी की किल्लत का सामना कर रहे हैं। मुंबई में भिवडी, नासिक, ठाणे जैसे क्षेत्रों की सात झीलों से पाइपलाइन -टनल के लिए पानी सप्लाई होता है।
बीएमसी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक ये झीलें बारिश के पानी पर पूरी तरह से निर्भर हैं, मुंबई शहर को पानी देने वाले जलाशयों में 15.2 प्रतिशत स्टॉक ही बचा है जो करीब 2.4 लाख मिलियन लीटर के बराबर है। इसमें से एक फीसदी पानी मुंबई में तीन दिनों के इस्तेमाल करने के लायक होता है। वहीं बीते वर्ष 15 जून 2022 को ये आंकड़ा 12.24 प्रतिशत था, और इसी तारीख में 2021 में स्टॉक 12.75 प्रतिशत था।
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मुंबई शहर में साल भर में 14,47,36.3 मिलियन लीटर पानी की आवश्यकता होती है। पिछले वर्ष महाराष्ट्र में बारिश काफी अच्छी हुई थी, और ये 7 झीलें पूरी भर गई थी। अक्टूबर के अंत में बांधों में 97 प्रतिशत कुल पानी था। बीते साल तो इस समय तक बारिश का आगमन हो गया था, लेकिन इस साल भीषण गर्मी से कई जलाशयों में तेजी से पानी सूखना स्टार्ट हो गया है।
IMD की मानें तो मुंबई की वैज्ञानिक सुषमा नायर का कहना है कि चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के चलते मॉनसून में खलल पड़ा है। अब 18 से लेकर 21 जून के बीच मॉनसून आने के संकेत हैं। अगर ये समय पर आ गया तो मुंबईवालों को पानी की किल्लत से राहत मिल सकती है।
मुंबई में रोजाना 3800 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति की आवश्यकता होती है। जलाशयों में एकत्रित पानी पर ही मुंबई निर्भर करता है। लेकिन पानी की कटौती की अभी कोई उम्मीद नहीं है, लेकिन जलपूर्ति की योजना इस आधार पर बनेगी की जून और जुलाई में बारिश कितनी होती है।