कुमार विकास, ख़बरीमीडिया
हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनका बेटा टॉप करे. पैरेंट्स बच्चों को दूसरे का उदाहरण देते हैं..उस भैया के इतने मार्क्स थे..इस दीदी ने इतने मार्क्स हासिल किए। और अगर गलती से भी बच्चे के कम मार्क्स आ जाए तो फटकार शुरू। ये ख़बर उन तमाम पैरेंट्स के लिए है जो आए दिन बच्चों पर ज्यादा नंबर लाने का प्रेशर बनाते हैं।
सोशल मीडिया पर मुंबई से सटे ठाणे के एक ऐसे ही बच्चे की चर्चा है जिसने ‘नीचे से टॉप’ किया है। मतलब, उसके सभी विषयों में 35-35 नंबर आए हैं। इसके बावजूद बच्चे के माता-पिता ने उसे डांटने फटकारने की बजाया उसके 10वीं पास करने का जश्न मनाया है,जिसकी चर्चा पूरे महाराष्ट्र में हो रही है.
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एक मराठी मीडियम स्कूल के छात्र विशाल कराड ने अपनी एसएससी परीक्षा में सभी छह विषयों में न्यूनतम अंक प्राप्त करते हुए 35% अंक से परीक्षा पास की है. अमूमन इतने अंक पाने वाले बच्चों को घर से खूब डांट पड़ती है लेकिन विशाल इस मामले में खुशकिस्मत रहे. इतने कम अंक प्राप्त करने के बावजूद उनके माता-पिता बहुत खुश हैं और उन्हें अपने बेटे पर गर्व है. और बेटे की इस उपलब्धि पर जमकर जश्न मना रहे हैं।
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परिजनों का मानना है कि विशाल अपने जीवन में पहले ही कई चुनौतियों का सामना कर चुका है. उसके लिए शिक्षा पाना भी एक कठिन लड़ाई लड़ने जैसा रहा है. दरअसल, विशाल के पिता एक ऑटोरिक्शा चालक हैं, और उसकी मां लोगों के घरों में काम करती हैं.
जब विशाल ने 10वीं कक्षा की शिक्षा शुरू की उसी दौरान उसके परिवार को उथलसर से ठाणे आना पड़ा. इसके बाद परिवार को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ा. फिर भी उनके पिता ने अपने अटूट दृढ़ संकल्प के दम पर विशाल को कठिनाइयों के बावजूद स्कूल भेजा. विशाल के माता-पिता को लगता है कि ऐसे वक्त में बच्चे का साथ नहीं दिया तो वो टूट सकता है..बिखर सकता है। जाहिर है बच्चे का अभी साथ देंगे तो मुमकिन है बच्चा इसे समझेगा और भविष्य में अच्छा करने की कोशिश करेगा।