नीलम सिंह चौहान, ख़बरीमीडिया
अगर कोई एक्सप्रेसवे(Expressway) जिसका उद्घाटन सिर्फ 4 महीने पहले किया गया हो। अगर वो टूटने लगे..मतलब उसका प्लास्ट झड़ने लगे.. तो क्या हाल होगा समझा जा सकता है। दिल्ली -मुंबई एक्सप्रेसवे के पुल के प्लास्टर गिरने की सूचना जैसे ही कंपनी के कर्मचाइयों को मिली तुरंत ही वे हरकत में आ गए। प्लास्टर के लगातार गिरने से कोई अनहोनी न हो इसके लिए कंपनी के कर्मचारियों द्वारा चारों ओर साइन बोर्ड लगाए गए। ताकि लोग सावधान हो जाएं।
ये भी पढ़ें: मुकेश अंबानी का ‘महल’..सच्चाई सुनकर उड़ेंगे होश!
हरियाणा राज्य के नूंह जिले से गुजरने वाला देश का सबसे बड़ा और लंबा नामचीन दिल्ली – मुंबई एक्सप्रेसवे पर बने पुल का उद्घाटन 12 फरवरी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। इस पुल के बनने में तकरीबन एक करोड़ रुपए की लागत आई थी। ये पुल लोगों के लिए तब खतरा बन गया जब बुधवार के दिन फिरोजपुर झिरका के अंतरगर्त महू गांव के पास बना ( अंडरपास) का प्लास्टर टूट कर नीचे गिरने लगा।
ये भी देखें: केदारनाथ के रहस्यमयी शिवलिंग का वीडियो
पुल से लगातार प्लास्टर गिरता देख लोग हैरान हो गए। वहीं जो वाहन पुल से निकल रहे थे उन्होंने भी अपनी रफ्तार कम कर ली। लोगों को अनहोनी का डर सताने लगा। लोगों का आरोप है कि फिरोजपुर झिरका अंतगर्त गांव महूं के पास बनाए गए पुल ( अंडरपास) में ठेकेदार द्वारा बेकार और घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। जिसकी वजह से इतनी जल्दी ही पुल में खराब आनी शुरू हो गई है। इस पुल में जो सरिया का यूज किया गया है उसने प्लास्टर छोड़ दिया है।
12 फरवरी को हुआ था उद्घाटन
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली – मुंबई एक्सप्रेसवे के पहले स्ट्रेच का उद्घाटन 12 फरवरी को किया था। उद्घाटन के बाद इस एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक सुचारू रूप से चालू भी कर दिया गया था। लेकिन चार महीने बाद ही नूंह जिले में ये पुल अचानक से टूटकर गिरने लगा। जिसके बाद मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।