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Noida: नोएडा में भगवान जगन्नाथ का भव्य मंदिर बनकर तैयार..ये रही डिटेल

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Noida में बना भगवान जगन्नाथ का मंदिर, पढ़िए पूरी डिटेल

Noida News: नोएडा और आस पास के लोगों के लिए बड़ी और अच्छी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि नोएडा (Noida) में बन रहा भगवान जगन्नाथ मंदिर (Lord Jagannath Temple) अब बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया है। आगामी 2 फरवरी को मंदिर में भव्य आयोजन किया जाएगा जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्घालुओं के पहुंचने की संभावना है। बुधवार से मंदिर सें पूजा-पाठ का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है।
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जगन्नाथ मंदिर समिति (Jagannath Temple Committee) के सदस्य किशन कुमार ने जानकारी दी कि मंदिर में बुधवार से प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम शुरू हो गया है। आज से 2 फरवरी तक यह कार्यक्रम चलेगा। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। किशन कुमार ने कहा कि मंदिर समिति की तरफ से प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu), केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, सांसद डॉ. महेश शर्मा, विधायक पंकज सिंह और दूसरे विशिष्ठ अतिथियों को न्यौता दिया गया है। साथ ही दक्षिण भारत के कुछ नेता भी प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हो सकते है।

उन्होंने आगे जानकारी दी कि मंदिर में भगवान गणेश, भगवान शिव, भगवान हनुमान, और माता लक्ष्मी समेत अन्य देवताओं की मूर्तियां लगाई जाएंगी। नोएडा के सेक्टर-121 में बनाए गए जगन्नाथ मंदिर के सेवादार प्रशांत कुमार ने कहा कि बुधवार से मंदिर में रत्न मुर्हूत की पूजा शुरू की गई है गुरुवार को भव्य रूप में कलश यात्रा निकाली जाएगी। मंदिर में यह आयोजन 2 फरवरी तक चलेंगे इसके लिए मंदिर समिति ने पूरी तैयारी कर ली है।

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जानिए कहां है मंदिर

मंदिर प्रबंधन समिति के महासचिव डॉ. मनोरंजन मोहंती ने बताया कि नोएडा में A-1, सेक्टर-121 के विशाल हरे-भरे परिदृश्य पर स्थित भव्य और अद्भुत जगन्नाथ मंदिर के निर्माण में 15 सालों का समय लग गया। ओडिशा के पुरी में मूल प्राचीन जगन्नाथ मंदिर की तुलना में यह अपेक्षाकृत एक आधुनिक संरचना है। मंदिर की मूल वास्तुकला पारंपरिक भारतीय मंदिर रुपरेखा को दर्शाती है, जिसमें जटिल और उत्तम पत्थरों की नक्काशी की गई है। मंदिर के विशाल और भव्य सिंह द्वार पर भक्तों का स्वागत किया जाएगा। मंदिर के गर्भगृह में चार देवताओं को स्थापित करने के लिए रत्न सिंहासन है। पुराने अस्थायी मंदिर का निर्माण 2013 में शुरू हुआ था।