Mata Vaishno Devi जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए खुश कर देने वाली खबर
Mata Vaishno Devi: माता वैष्णो देवी दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। आपको बता दें कि श्री मां वैष्णो देवी के दर्शन श्रद्धालु बहुत कम समय में कर सकेंगे। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (Shri Mata Vaishno Devi Shrine Board) ने तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक और आसान बनाने के लिए काफी समय से चल रहे रोपवे प्रोजेक्ट (Ropeway Project) लागू करने का फैसला किया है।
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श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (Shri Mata Vaishno Devi Shrine Board) के सीईओ (CEO) अंशुल गर्ग के मुताबिक रोपवे परियोजना एक परिवर्तनकारी परियोजना होगी, विशेषकर उन तीर्थयात्रियों के लिए, जिन्हें मंदिर तक पहुंचने के लिए 13 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़ना मुश्किल होता है। कटरा में मीडिया से बातचीत में बताया कि बोर्ड ने आखिरकार रोपवे परियोजना को लागू करने का निर्णय कर लिया है।
रोपवे प्रोजेक्ट (Ropeway Project) पूरा हो जाने पर, हर साल पवित्र गुफा में आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और भी बढ़ जाएगी और उनकी आवश्यकता पूरी हो सकेगी। अंशुल गर्ग ने बताया कि पिछले साल माता वैष्णो देवी की यात्रा ने 95 लाख तीर्थयात्रियों से अधिक का नया रिकॉर्ड बनाया…”।
अंशुल गर्ग ने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर कई सालों से चर्चा चल रही थी। और अब बोर्ड ने तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करते हुए आगे बढ़ने का फैसला किया है। अंशुल गर्ग ने बताया कि रोपवे से विशेष रूप से बुजुर्ग तीर्थयात्रियों और उन लोगों को फायदा होगा जो शारीरिक कमियों या हेलीकॉप्टर सेवाओं की सीमित क्षमता के कारण कठिन यात्रा पूरी नहीं कर सकते।
इसके साथ ही, बोर्ड ने इस बात पर जोर दिया कि परियोजना के दौरान लोकल लोगों की चिंताओं पर भी विचार हो। अधिकारियों के मुताबिक निर्णय को अंतिम रूप दिए जाने के बाद बोर्ड का लक्ष्य जल्द ही जमीनी कार्य शुरू करना है।
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घंटो की लंबी यात्रा-मिनटों में होगी पूरी
अधिकारियों के मुताबिक, रोपवे ताराकोट मार्ग (Tarakot Marg) को मुख्य भवन से कनेक्ट करेगा। अंशुल गर्ग ने जानकारी दी कि पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना तैयार की गई है, जिससे श्रद्धालुओं को त्रिकुटा पहाड़ियों के शानदार दृश्य देखने को मिल सके, जिससे आध्यात्मिक और सुंदर अनुभव में वृद्धि होगी। रोपवे से हरदिन कई हजार श्रद्धालुओं के आवागमन की उम्मीद है, जिससे पारंपरिक पैदल पथ पर भीड़भाड़ काफी कम हो जाएगी। अधिकारियों ने जानकारी दी कि घंटों लंबी यात्रा की तुलना में यह यात्रा कुछ ही मिनटों की रह जाएगी।