MP News: मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) में पिछले एक हफ्ते में करीब 10 जंगली हाथियों की मौत हो चुकी है। जिससे वन्यजीव प्रेमियों और पर्यावरणविदों में चिंता बढ़ गई है। वन विभाग द्वारा प्राथमिक जांच में जहरीले पदार्थ के सेवन का संदेह जताया जा रहा है।
जांच में जुटी दिल्ली से आई विशेष टीम
वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF वाइल्डलाइफ) वी.के.एन. अंबाडे के अनुसार, बुधवार को एक हाथी की और गुरुवार को दो हाथियों की मौत हुई। दिल्ली से वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो की पांच सदस्यीय टीम भी जांच के लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मौजूद है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के नागपुर स्थित सहायक वन महानिरीक्षक नंदकिशोर काले और राज्य बाघ स्ट्राइक बल भी इस जांच में सक्रिय रूप से शामिल हैं। टीम ने हाथियों के आस-पास के कृषि क्षेत्रों, धान के खेतों, जल स्रोतों से सैंपल्स एकत्र किए हैं।
कोदो बाजरा में मिला विष? माइकोटॉक्सिन की भूमिका की जांच
जांच के दौरान मृत हाथियों के पेट में कोदो बाजरा पाया गया है, जिसमें संभावित रूप से साइक्लोपियाज़ोनिक एसिड नामक माइकोटॉक्सिन विष हो सकता है। माइकोटॉक्सिन की पुष्टि के लिए पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (Indian Veterinary Research Institute- IVRI), भारतीय वन्यजीव संस्थान (Wildlife Institute of India- WII), राज्य फोरेंसिक प्रयोगशाला (State Forensic Laboratory), सागर (Sagar) और सीसीएमबी हैदराबाद (CCMB Hyderabad) के विशेषज्ञों से परामर्श किया जा रहा है।
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हाथियों की मौत के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए 10 दिनों में आएगी रिपोर्ट
पूर्वी मध्य प्रदेश के उमरिया (Umria) और कटनी (Katni) जिलों में फैले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में राज्य सरकार द्वारा नियुक्त पांच सदस्यीय जांच समिति का नेतृत्व कर रहे कृष्णमूर्ति ने बताया कि दस हाथियों का पोस्टमार्टम किया जा चुका है, और सैंपल्स को जबलपुर स्थित वाइल्डलाइफ फॉरेंसिक और हेल्थ स्कूल में भेजा गया है। राज्य सरकार ने समिति को दस दिनों के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
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