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Delhi: 1984 सिख दंगा पीड़ितों के लिए अच्छी और ज़रूरी ख़बर

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Delhi: 1984 सिख दंगा पीड़ितों के लिए खुश कर देने वाली खबर

Delhi News: 1984 सिख दंगा पीड़ितों के लिए बड़ी और अच्छी खबर है। आपको बता दें कि 1984 सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के जख्म पर मरहम लगाते हुए दिल्ली के उप-राज्यपाल वी.के. सक्सेना (LG V.K Saxena) ने बड़ी घोषणा कर दी है। उप-राज्यपाल वी.के सक्सेना (LG V.K Saxena) ने ऐसे लोगों को राष्ट्रीय राजधानी में नौकरी के लिए छूट देने का ऐलान कर दिया है। उपराज्यपाल ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि 1984 के सिख दंगों ने भारतीय लोकतांत्रिक परंपराओं पर कलंक लगाया। एक विशेष अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ खूब अत्याचार किए गए, जो मानवाधिकारों के सभी मानकों का उल्लंघन था।
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दिल्ली के एलजी वी.के सक्सेना (LG V.K Saxena) ने कहा कि साल 1984 के दंगों के पीड़ितों द्वारा सहन किए गए गंभीर आघात और कठिनाइयों को देखते हुए, और पिछले 4 दशकों में कुछ परिवारों के लिए राहत की अनुपस्थिति को ध्यान में रखते हुए, मानवीय दृष्टिकोण की जरूरत है।

जानिए छूट का क्या है नियम

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एमटीएस पद के लिए शैक्षणिक योग्यता में मिलेगी छूट

आपको बता दें कि दिल्ली सरकार (Delhi Government) की मल्टी-टास्किंग स्टाफ (MTS) पदों के लिए कम से कम 10वीं पास होना आवश्यक है। सेवा विभाग द्वारा समीक्षा और सिफारिशों के बाद, अब पीड़ित परिवारों के उम्मीदवारों के लिए इसे घटाकर 8वीं कक्षा कर दिया गया है। इस बदलाव का उद्देश्य पीड़ितों के परिवारों के एक बड़े वर्ग को रोजगार प्रदान करना है, जिससे उन्हें आर्थिक सहायता मिल सके।

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रोजगार का मिलेगा मौका

आवेदकों के बच्चों को रोजगार देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिनकी उम्र नौकरी के लिए तय सीमा से ज्यादा हो गई है या जिनका पहले निधन हो गया है।

आयु छूट

आयु छूट पहले से दी गई थी, फिर भी इन मामलों पर विचार होगा।

नानावटी आयोग (Nanavati Commission) की रिपोर्ट के मुताबिक, 1984 के दंगों के विषय में दिल्ली में कुल 587 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं, जिसमें 2,733 लोग की जान गई थी। कुल मिलाकर, पुलिस ने करीब 240 मामलों को बंद कर दिया और कहा कि उनमें कुछ पता नहीं चल पाया और करीब 250 मामलों में लोगों को बरी कर दिया गया।

एक नवंबर 1984 को तीन लोगों की हत्या में कथित भूमिका के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ साल 2023 के मई में एक आरोपपत्र दायर किया। सीबीआई ने आरोप लगाया कि टाइटलर ने 1 नवंबर 1984 को राष्ट्रीय राजधानी के पुल बंगश गुरुद्वारा आजाद मार्केट क्षेत्र में एकत्रित भीड़ को उकसाया और भड़काया। इस घटना के परिणामस्वरूप गुरुद्वारा जला दिया गया और ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरु चरण सिंह की हत्या कर दी गई थी।