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Bihar News: नीतीश सरकार के भवन निर्माण विभाग की उपलब्धियां पढ़िए

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Bihar News: नीतीश सरकार की भवन निर्माण विभाग की उपलब्धियाँ पढ़ लीजिए

Bihar News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) लगातार विकास कार्य कर रहे हैं। बिहार को बेहतर बनाने के लिए नीतीश सरकार (Nitish Government) हस संभव प्रयास कर रही है। सीएम नीतीश कुमार के प्रयासों का ही परिणाम है कि आग देश के तेजी से विकसित हो रहे प्रदेशों में बिहार का भी नाम दर्ज हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्व में बिहार विकास के पथ पर तेजी से बढ़ चला है। इसी क्रम में भवन निर्माण विभाग द्वारा उत्तरोत्तर विकास का पैमाना गत वर्ष 4242.36 करोड रु० व्यय से परिलक्षित है जो कि वर्ष 2006-07 में मात्र 201.06 करोड रु० था। उक्त बातें रखते हुए मंत्री, भवन निर्माण विभाग जयंत राय ने बताया कि विगत वर्षों में भवन निर्माण विभाग के उत्तरदायित्व में गुणात्मक वृद्धि हुई है जो विभाग द्वारा किए जा रहे व्यय से परिलक्षित होता है।

जहां वर्ष 2006-07 में विभाग का बजट उपबंध योजना मद 58.65 करोड़ एवं गैर योजना मद-214.01 करोड़ कुल 272.66 करोड़ के विरूद्ध योजना मद में 19.58 करोड़ एवं गैर योजना मद में 181.48 करोड़ कुल- 201.06 करोड़ व्यय किया गया था जबकि वर्ष 2023-24 के दौरान योजना मद में 5686.32 करोड़ एवं गैर योजना मद में 709.21 करोड़ कुल-6395.53 करोड़ उपबंधित राशि के विरूद्ध योजना मद में 3565.50 एवं गैर योजना मद में 646.86 करोड़ कुल-4212.36 करोड़ रूपये का व्यय किया गया। इस अवसर पर सचिव, कुमार रवि ने भवन निर्माण विभाग के कार्यों/उपलब्धियों पर बिंदुवार प्रकाश डालते हुए बताया कि विगत 15-20 वर्षों में भवन निर्माण विभाग द्वारा राजधानी क्षेत्र पटना में कई आईकॉनिक भवनों का निर्माण किया गया है तथा कई कार्यालय भवनों के उन्नयनीकरण का कार्य किया गया है।

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नए भवनों के निर्माण एवं पुराने भवनों के उन्न्यनीयकरण से राजधानी क्षेत्र के व्यापक स्वरूप में सकारात्मक बदलाव स्पष्ट परिलक्षित होता है। राजा बाजार फ्लाईओवर से उतरने के पश्चात सरदार पटेल भवन की मनोरम वास्तुकला सहज ही लोगों का ध्यान आकृष्ट करती है। यह बिहार का पहला भवन है, जिसके निर्माण में भूकपरोधी तकनीक का उपयोग किया गया है। विश्वेश्वरैया भवन एवं विकास भवन के उन्नयनीकरण के पश्चात ये पुराने भवन भी अत्यंत आकर्षक स्वरूप में दिखने लगे हैं। इन भवनों के साथ बेसमेंट पार्किंग का निर्माण किया गया है जिससे वाहनों के सुगम एवं सुचारू पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसमें लगाए गए फसाड लाईटिंग रात्रि प्रहर में इन भवनों को और अधिक सुंदरता प्रदान करते है। बिहार संग्रहालय का भवन आधुनिक वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इस भवन को कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। आयकर गोलंबर के पास निर्मित नियोजन भवन भी अपना एक अलग पहचान रखता है।

तारामंडल, पटना उन्नयन कार्य के उपरांत राज्य भर के लोगों का आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। नेहरू पथ पर अवस्थित ये सभी भवन तथा नवनिर्मित नेहरू पार्क पटना शहर को एक नया एवं आकर्षक स्वरूप प्रदान कर रहा है। नवीन राजधानी क्षेत्र पटना एवं अन्य स्थानों पर विभाग के स्वामित्व में स्थित भूमि पर कार्यालय एवं आवासीय भवनों का निर्माण, रख रखाव तथा प्रशासी विभाग के अनुरोध पर नए कार्यालय/आवासीय भवनों का निर्माण, प्राचीन एवं ऐतिहासिक स्मारकों का मरम्मति एवं रख-रखाव भवन निर्माण विभाग की मुख्य जिम्मेवारी है।

शास्त्रीनगर में वरीय पदाधिकारियों के लिए बहुमंजिले आवासीय परिसर का निर्माण किया गया है। इसके समीप ही योग एवं ध्यान केन्द्र का निर्माण किया गया है। बिहार योग विद्यालय, मुंगेर के सहयोग से यहां नियमित योगाभ्यास की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

माननीय विधान पार्षद एवं माननीय विधान सभा सदस्यों के आवासन हेतु वीरचन्द पटेल पथ पर बिहार में प्रथम बार रो हाउसिंग का निर्माण किया गया है जिसमें माननीय विधान पार्षदों हेतु 75 बंगलो का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। माननीय विधान सभा सदस्यों हेतु 243 भवनों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें से 88 बंगलों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शेष का निर्माण अग्रिम चरण में है। जिला अतिथिगृह, पटना का नया भवन भी आधुनिक सुविधाओं से युक्त एवं आकर्षक है। राज्य सरकार के निदेशानुसार गर्दनीबाग आवासीय क्षेत्र का पुनर्विकास किया जा रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत माननीय मंत्रीगण हेतु 20 अदद डुप्लेक्स बंगलों का निर्माण किया गया है। वरीय पदाधिकारियो के आवासन हेतु बहुमंजिले आवासीय परिसर का निर्माण किया गया है, जिसमें 752 फ्लैट है। इसी प्रकार तृतीय श्रेणी के कर्मियों हेतु भी 752 फ्लैटों एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मियों के लिए 432 फ्लैट का निर्माण किया गया है।

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महात्मा गांधी के मोहन से महात्मा बनने की गाथा, बिहार में विशेषकर चम्पारण में उनके द्वारा किए गए कार्यों, स्वतंत्रता आंदोलन में बापू के योगदान, उनके आदर्शों एवं बिहार सरकार द्वारा प्रारंभ की गई महात्मा गांधी के विचारों पर आधारित योजनाओं की जानकारी मनोरंजक ढंग से आम जनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से भवन निर्माण विभाग द्वारा गर्दनीबाग में बापू टावर का निर्माण किया गया है। बापू टावर आज के दिन में पटना वासियो के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है। आज तक 2602 लोग बापू टावर का भ्रमण कर चुके हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लोगों की प्रतिक्रिया इसकी सुंदरता एवं अनोखेपन की व्याख्या करने के लिए पर्याप्त है। विधान मंडल भवन के साथ निर्मित नया विधान मंडल भवन तथा फुलवारीशरीफ में निर्मित परिवहन परिसर अपनी अलग पहचान स्थापित करता है।

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गांधी मैदान के निकट निर्मित सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र में निर्मित 5000 लोगों के बैठने की क्षमता वाला बापू सभागार एवं ज्ञान भवन आधुनिक निर्माण शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है। परिसर में निर्मित सभ्यता द्वार नगर वासियों एवं पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। बिहार राज्य भवन निर्माण निगम द्वारा निर्मित अंजुमन इस्लामिया हॉल अपने वास्तुकला के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। इस भवन को अनोखे वास्तुकला के लिए विश्वकर्मा अवार्ड से पुरस्कृत किया गया है। गुरू गोविन्द सिंह जी महाराज के पावन धरती पटना साहिब में भवन निर्माण विभाग द्वारा निर्मित प्रकाश पुंज अपने अनोखे वास्तुकला के कारण पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। इसके साथ ही ओ.पी. साह सामुदायिक भवन एवं पटना साहिब भवन भी आधुनिक वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है।

नव निर्माण के साथ ही भवन निर्माण विभाग द्वारा पुराने कार्यालय भवन यथा विश्वेश्वरैया भवन, विकास भवन, सिंचाई भवन आदि का उन्नयनीकरण कार्य किया गया है जो इन भवनों को सुंदर एवं आधुनिक स्वरूप प्रदान कर रहा है। विश्वेश्वरैया भवन, विकास भवन, सिंचाई भवन, मुख्य सचिवालय भवनों में लगाए गए फसाड लाईटिग रात्रि पहर इन भवनों को अत्यंत ही मोहक स्वरूप प्रदान करते हैं तथा इनकी सुंदरता पटना शहर को एक नया पहचान प्रदान कर रहा है।

विभागीय योजना अन्तर्गत भवन निर्माण विभाग द्वारा हाल के वर्षों में पूर्ण की गई परियोजनाएं एवं वर्तमान में चालू परियोजनाएं की विवरणी निम्नवत् है :-

भवन निर्माण विभाग

₹129.39 करोड़ की लागत से गर्दनीबाग में बापू टावर का निर्माण पूर्ण किया गया। जिसका उ‌द्घाटन 02 अक्टूबर 2024 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा किया गया।

इस भवन के दो भाग है 1. शंकुकार भवन 2. आयताकार भवन। शकुकार भवन में 05 प्रदर्श रैम्प हैं तथा आयताकार भवन में 03 प्रदर्श गैलरी हैं। रैम्प एवं गैलरी में महात्मा गाँधी के द्वारा स्वतंत्रता आदोलन के दौरान किये गये कार्य विशेषकर चम्पारण सत्याग्रह से संबंधित प्रदर्श अधिष्ठापित किये गये हैं। इसके साथ ही महात्मा गाँधी के सिद्धांतो के अनुरूप बिहार सरकार द्वारा प्रारम्भ की गयी योजनाओं से संबंधित जानकारी भी आकर्षक ढंग से प्रस्तुत की गयी है। ₹52.67 करोड़ की लागत से गर्दनीबाग आवासीय परिसर में 20 डुप्लेक्स सेट का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया।

₹120.43 करोड़ की लागत से गर्दनीबाग, पटना में चतुर्थ वर्गीय कर्मियों हेतु टाईप-ए (4 युनिट्स) आवास का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है।

₹83.40 करोड़ की लागत से पटना के शास्त्रीनगर में वरीय पदाधिकारियों के आवास एवं योग केन्द्र का निर्माण कराया गया।

₹443.82 करोड़ की लागत से गर्दनीबाग, पटना में पदाधिकारियों के आवास (752 युनिट्स) का निर्माण कार्य अग्रिम चरण में है।

₹249.90 करोड़ की लागत से गर्दनीबाग, पटना में तृतीय श्रेणी के कर्मियों हेतु टाईप बी आवास (752 युनिट्स) का निर्माण कार्य अग्रिम चरण में है।

₹121.83 करोड़ की लागत से बिहार निवास, नई दिल्ली के नए भवन का निर्माण कार्य प्रारंभिक अवस्था में है।

₹51.87 करोड़ की लागत से संयुक्त कार्यालय भवन, पूर्वी गार्डेनर रोड, पटना का निर्माण कार्य प्रारंभिक अवस्था में है।

248.76 करोड़ की लागत से बिहार विधान सभा, पटना के डिजिटल संग्रहालय भवन का निर्माण कार्य प्रारंभिक अवस्था में है।

₹129.69 करोड की लागत से राज भवन, पटना के प्रस्तावित राजेन्द्र भवन, राज्यपाल सचिवालय एवं अतिथिगृह के निर्माण कार्य प्रारंभिक अवस्था में है।

₹28.66 करोड़ की लागत से गर्दनीबाग, पटना में खेल परिसर का निर्माण कार्य प्रारंभिक अवस्था में है।

विश्वेश्वरैया भवन परिसर में भवन निर्माण विभाग के नये कार्यालय भवन का निर्माण।

2 भवन निर्माण विभाग द्वारा सात निश्चय के अन्तर्गत पूर्ण की गई एवं वर्तमान में चालू परियोजनाएँ —

माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के द्वारा बिहार राज्य के युवाओं के लिए तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से सात निश्चय योजना के अवयव-7, अवसर बढ़े, आगे पढ़े के अन्तर्गत सभी जिलों में अभियंत्रण महाविद्यालय, राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान, महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एवं प्रत्येक अनुमंडल में सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने का निर्णय लिया गया तथा इन संस्थानो के भवनों के निर्माण की जिम्मेवारी भवन निर्माण विभाग को दी गयी है। निश्चय 7 अवसर बढ़े, आगे पढ़े के अन्तर्गत विज्ञान प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा 31 (इकतीस) अभियंत्रण महाविद्यालय, 15 (पन्द्रह) राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों के भवनों हेतु तथा श्रम संसाधन विभाग द्वारा 29 (उनतीस) महिला आई०टी०आई० एवं 77 (सत्तहतर) अनुमंडलीय आई०टी०आई० के भवनों के निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी। इन परियोजनाओ की प्रगति निम्नवत् है:- ₹2424.02 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति की राशि से 31 अभियंत्रण महाविद्यालय यथा

बख्तियारपुर, सासाराम, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, पूर्णियाँ, जमुई, बाँका, कैमूर, किशनगंज, पश्चिम चम्पारण, नवादा, वैशाली, मुंगेर, जहानाबाद, अरवल, लखीसराय, सीतामढ़ी, गोपालगज, अररिया मधुबनी, औरंगाबाद, बेगूसराय, सीवान, शिवहर समस्तीपुर, शेखपुरा, खगड़िया, कटिहार, बक्सर एवं आरा के भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है।

प्रत्येक अभियंत्रण महाविद्यालय के भवनों का लागत राशि लगभग ₹73.13 करोड है। भवनों का कुल निर्मित क्षेत्रफल 2,83,157 वर्ग फीट है। इसमें एक प्रशासनिक -सह-एकैडमिक भवन है, जिसका निर्मित क्षेत्र 1,06,671 वर्ग फीट है। इस भवन में प्रिंसिपल ऑफिस, डिपार्टमेंट ऑफिस, क्लास रूम, लैब, सेमीनार रूम, परीक्षा हॉल, कैफिटेरिया, प्लेसमेंट रूम, लडके एवं लड़कियों हेतु कॉमन रूम आदि अवस्थित है।

बड़े-बड़े सेमिनार, सिम्पोजियम एवं सास्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन हेतु 500 क्षमता का आधुनिक सुविधाओं से युक्त ऑडिटोरियम का निर्माण भी किया गया है। परिसर में छात्र-छात्राओं के आवासन हेतु 300 बेड का ब्यॉज हॉस्टल एवं 200 बेड का गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण किया गया है। इंजीनियरिंग कॉलेज के फेकल्टी एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के आवास हेतु परिसर में ही तीन भवनों का निर्माण किया गया है।

₹598.18 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति की राशि से 15 राजकीय पॉलिटेक्निक यथा मधेपुरा, मुंगेर, समस्तीपुर, शेखपुरा, नवादा, अररिया, सीवान, बक्सर, किशनगंज, औरंगाबाद, खगड़िया, प० चम्पारण, जहानाबाद, अरवल एवं आरा का कार्य पूर्ण किया गया है।

राजकीय पॉलिटेक्निक सस्थानों के भवनों का कुल निर्मित क्षेत्र 167729 वर्ग फीट है। इसमे प्रशासनिक-सह-एकैडमिक भवन है, जिसमें प्रिंसिपल का कार्यालय, क्लास रूम, लैब, लाई।

कम्प्यूटर सेन्टर, सेमिनार हॉल आदि अवस्थित है। परिसर में ही 200 क्षमता का ब्यॉज हॉस्टल ५० 100 क्षमता का गर्ल्स हॉस्टल है। साथ ही प्रिंसिपल, लेक्चरर एवं अन्य स्टॉफ के रहने हेतु भी आवास की व्यवस्था है।

₹376.47 करोड़ की लागत से 24 महिला आई०टी०आई० का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है। ₹96.01 करोड़ की लागत से 5 जगह औरंगाबाद, लखीसराय, जमुई, खगड़िया एवं जहानाबाद में महिला आई०टी०आई० का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसे शीघ्र पूर्ण करने का लक्ष्य है।

₹1099.45 करोड़ की लागत से 65 अनुमंडल आई०टी०आई० का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है। ₹267.61 करोड़ की लागत से 12 जगह अनुमडल आई०टी०आई० का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

आई०टी०आई० के भवनों का कुल निर्मित क्षेत्रफल लगभग 81005 वर्ग फीट है। इसमें एक शैक्षणिक-सह-प्रशासनिक भवन है, जो तीन मंजिला इमारत है। इस भवन में क्लास रूम, परीक्षा भवन, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला, कॉमन रूम आदि हैं। इस भवन के छत पर सोलर पैनल लगाया गया है। इसके अतिरिक्त 16 अद्द स्टाफ क्वाटर, प्राचार्य आवास, उप प्राचार्य आवास, कँटिन, इत्यादि।

3 आईकॉनिक भवन जिनका निर्माण भवन निर्माण विभाग द्वारा किया गया है-

₹88.44 करोड़ की लागत से ओ०पी० साह सामुदायिक केन्द्र मालसलामी, पटना का निर्माण

कार्य पूर्ण कराया गया। ₹145.00 करोड़ की लागत से बोध गया में महाबोधि सांस्कृतिक केन्द्र, बोधगया का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया।

₹136.15 करोड़ की लागत से बोध गया में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 100 कमरों का राज्य अतिथि गृह, बोधगया का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया।

₹105.04 करोड़ की लागत से मुंगेर में वानिकी महाविद्यालय का निर्माण कराया गया।

परिसर में प्रशासनिक भवन, ऑडिटोरियम (300 क्षमता) बालक छात्रावास (170 क्षमता), बालिका छात्रावास (70 क्षमता), किसान डॉरमेटरी, पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आवास, छात्रा सुविध केन्द्र इत्यादि का निर्माण किया गया है। ₹30.52 करोड़ की लागत ₹164.31 करोड़ की लागत से पटना के फुलवारीशरीफ में परिवहन परिसर का निर्माण कार्य कराया गया।

प्रशासी विभाग परिवहन विभाग 120.21 करोड़ की लागत से पश्चिमी चम्पारण जिलान्तर्गत वाल्मीकिनगर में वाल्मीकि सभागार परिसर का निर्माण कार्य:- वाल्मीकि टाईगर रिजर्व एवं भीमनगर बैराज के निकट 27 एकड़ के भूखंड पर अत्यंत मनोरम स्थल पर इस परियोजना का निर्माण किया गया है। वाल्मीकि सभागार परिसर में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 500 क्षमता का 01 प्रेक्षागृह, 132 क्षमता का बहुउद्देशीय सभागार, 22 क्षमता का 01 मीटिंग हॉल का निर्माण किया गया है। परिसर में 04 अद्द अतिथिगृह है। इसमें अतिथिगृह सं0-01 अतिविशिष्ट व्यक्तियों के लिए चिन्हित है। अतिथिगृह सं0-02 में 02 सुईट कमरे, 06 सुपर डिलक्स कमरे, 15 डिलक्स कमरे है। अतिथिगृह स0-03 में 10 सुपर डिलक्स कमरे और 15 डिलक्स कमरे हैं। अतिथिगृह स0-04 में 25 सामान्य कमरे हैं। इसके अतिरिक्त महिला एवं पुरूषों के लिए 20-20 क्षमता का 02 डोरमेट्री भी है।

263.40 करोड़ की लागत से बापू परीक्षा परिसर, पटना का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है। इस परियोजना के अन्तर्गत 03 भवनों का निर्माण किया गया है, जिनमें 25000 छात्र-छात्राओं के एक साथ बैठकर परीक्षा देने की सुविधा उपलब्ध है। इसमें 5000 छात्र-छात्राए ऑनलाईन माध्यम से भी परीक्षा दे सकेंगे।

₹47.91 करोड़ की लागत से बेतिया में एवं 47.77 करोड़ की लागत से मोतिहारी में 2000 क्षमता का प्रेक्षागृह का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया।

₹550.48 करोड़ की लागत से बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप, वैशाली, वि का निर्माण अग्रिम चरण पर है।

भगवान बुद्ध की पावन धरती वैशाली में पवित्र पुष्करणी तालाब एव पौराणिक मिट्टी स्तूप निकट 72 एकड के भूखण्ड पर भगवान बुद्ध के स्मृति अवशेषों को सुरक्षित एवं आम जनो के दर्शन हेतु रखने के लिए बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप, वैशाली का निर्माण किया जा रहा है।

परिसर के लगभग 4300 वर्गमीटर के भूखण्ड पर स्तूप का निर्माण किया जा रहा है। इसका निर्माण राजस्थान से लाये गये लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से किया जा रहा है। स्तूप की कुल ऊँचाई 33 मीटर, आंतरिक व्यास 38 मीटर तथा बाहरी व्यास 50 मीटर है। स्तूप के भूतल पर 2000 श्रद्धालुओ के बैठकर ध्यान करने हेतु एक विशाल हॉल का निर्माण किया गया है। स्तूप में 04 द्वार, 04 रैम्प एवं 04 तोरण द्वार हैं।

परिसर में संग्रहालय भवन, आगन्तुक केन्द्र भवन, पुस्तकालय भवन, ध्यान केन्द्र भवन, अतिथिगृह एवं ओपन एयर थियेटर का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। परिसर में भगवान बुद्ध से जुडी हुई स्मृतियों को रखने हेतु संग्रहालय में भगवान बुद्ध से संबंधित प्रदर्श एवं कलाकृतियो का अधिष्ठापन किया जा रहा है। ₹158.00 करोड़ की लागत से पटना संग्रहालय, पटना का विस्तारीकरण एवं नव-निर्मित गैलरी में प्रदर्श अधिष्ठापन का कार्य अग्रिम चरण में है।

इस परियोजना के अन्तर्गत 2 नये प्रदर्श दिर्घाओं का निर्माण किया गया है, जिसे गंगा गैलरी एवं पाटली गैलरी नाम दिया गया है। इसके अतिरिक्त प्रेक्षागृह, अस्थायी प्रदर्श गैलरी, कलाकृतियों को रखने हेतु आधुनिक तकनीक से युक्त भण्डार गृह का निर्माण किया गया है। साथ ही पुराने संग्रहालय भवनों के प्रदर्श दिर्घाओं के जिर्णोद्धार एवं नवीनीकरण का कार्य किया जा रहा है।

₹250.00 करोड़ की लागत से विकास प्रबंधन संस्थान, बिहटा, पटना का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

इस परिसर में मुख्य रूप से चार बड़े भवनों का निर्माण किया जा रहा है। 1 शैक्षणिक-सह-केयर ब्लॉक कुल निर्मित क्षेत्रफल 9281 वर्ग मीटर, 2 शैक्षणिक सह सी०ई०पी० ब्लॉक कुल निर्मित क्षेत्रफल 9423 वर्ग मीटर, 3. फैकल्टी आवासन ब्लॉक कुल निर्मित क्षेत्रफल 11641 वर्ग मीटर, 4. छात्रावास ब्लॉक कुल निर्मित क्षेत्रफल 11366 वर्ग मीटर है। इसके अतिरिक्त डीन एवं निदेशक आवास, 250 क्षमता वाला प्रेक्षागृह इत्यादि का निर्माण किया जा रहा है।

₹633.00 करोड़ की लागत से अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम-सह खेल अकादमी का निर्माण अग्रिम चरण पर है। दिनाक 29.08.2024 को माननीय मुख्यमंत्री जी के कर कमलों द्वारा राजगीर खेल परिसर में राज्य खेल अकादमी, बिहार खेल विश्वविद्यालय एवं एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान का लोकार्पण सम्पन्न हुआ।

राजगीर की पहाड़ियों के प्राकृतिक सौंदर्य के बीच तथा महाभारत काल के प्रसिद्ध जरासंध के अखाड़े के निकट 90 एकड़ के भूखंड पर खेल अकादमी एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है।

राजगीर खेल परिसर में 05 विशाल इनडोर खेल हॉल का निर्माण किया गया है, जिसका कुल निर्मित क्षेत्र 31,482 (इकतीस हजार चार सौ बयासी) वर्गमीटर हैं। आधुनिक खेल सुविधाओं से युक्त इनडोर हॉलों में कुश्ती, भारोत्तोलन, जूडो, ताइक्वांडो, तलवारबाजी, निशानेबाजी, टेबल टेनिस, वुशु, सेपेक टेकरा आदि खेलों के आयोजन एवं अभ्यास की व्यवस्था की गई है। माननीय मुख्यमंत्री के परिकल्पना के अनुसार परिसर में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिताओं के आयोजन हेतु एक विश्वस्तरीय हॉकी के मैदान का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त फुटबॉल, हैण्डबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, साइकलिंग, तीरदाजी, कबड्‌डी, तैराकी एवं एथलेटिक्स के आयोजन हेतु अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खेल मैदान का निर्माण किया गया है।

मुख्यमंत्री के निदेशानुसार अकादमी भवन का निर्माण किया गया है जिसका कुल निर्मित क्षेत्रफल 6,744 (छ. हजार सात सौ चौवालीस) वर्गमीटर है। अकादमी अन्तर्गत बालक-बालिकाओं के लिए छात्रावास, प्रशिक्षकों के लिए आवासन, ट्रांजिट हॉस्टल, भोजनालय, उप निदेशक एवं निदेशक आवास आदि का निर्माण किया गया है।

परिसर के दूसरे भाग के 72,843 (बहत्तर हजार आठ सौ तैतालीस) वर्गमीटर भूखंड पर 40 हजार लोगों के बैठने की क्षमता वाले आधुनिक सुविधाओं से युक्त क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण अग्रिम चरण में है, जिसे शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा।

वाहिनी मुख्यालय के 267.24 करोड़ की लागत से पटना (बिहटा) में एस०डी०आर०एफ० स्थाई संरचनाओं का निर्माण कार्य प्रगति पर है। राज्य आपदा मोचन बल राज्य में किसी भी आपदा की परिरिस्थिति में लोगों के बचाव हेतु त्वरित कार्य करती है। राज्य स्तरीय आपदा मोचन बल का मुख्यालय अस्थायी रूप से बिहटा के दिलावरपुर में 25.00 एकड के भूखण्ड पर वर्तमान में चल रहा है। प्रशिक्षण केन्द्र के अभाव में जवानों को प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है।

उक्त समस्याओं के निवारण हेतु वर्ष 2023 में बिहटा दिलावरपुर में 25.00 एकड़ में 267.24 करोड़ के लागत से राज्य आपदा मोचन बल का मुख्यालय परिसर एवं प्रशिक्षण केन्द्र का निर्माण प्रारम्भ किया गया है। इस निर्माणाधीन योजना में विभिन्न भवनों यथा प्रशासनिक भवन, ऑडिटोरियम, प्रशिक्षण केन्द्र त्वरित आपदा टीम भवन, बाढ़ राहत के प्रशिक्षण हेतु राष्ट्रीय स्तर का स्वीमिंग पुल के अतिरिक्त पदाधिकारियो, कर्मचारियों एवं जवानों के लिए आवासीय परिसर का निर्माण किया जा रहा है।

₹889.26 करोड़ की लागत से बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना का निर्माण कार्य प्रगति पर है। बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का कुल निर्मित क्षेत्रफल 632408 वर्ग फीट है। इसमें प्रशासनिक

भवन, शैक्षणिक भवन, टीचिंग वेटेनरी क्लीनिकल परिसर, 1200 क्षमता वाले प्रेक्षागृह, किसान प्रशिक्षण केन्द्र, 350 छात्रों की क्षमता का छात्रावास, 150 छात्राओं की क्षमता का छात्रावास, 50 वैज्ञानिकों की क्षमता का छात्रावास, कुलपति आवास, विभिन्न श्रेणियों के 222 आवासीय फ्लैट, विश्वविद्यालय अतिथि गृह इत्यादि का निर्माण किया जा रहा है।

प्रशासी विभाग-पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग। ₹889.98 करोड़ की लागत से डा० ए०पी० जे० अब्दुल कलाम साइंस सिटी, पटना कार्य का निर्माण अग्रिम चरण पर है।

डा० ए०पी० जे० अब्दुल कलाम साईस सिटी के मुख्य अवयव 5 अदद् प्रदर्श गैलरी यथा- बी०ए० साईटिस्ट, 2. बेसिक साइंस, 3. बॉडी एण्ड माइंड, 4. ससटेनेबल प्लानेट एवं 5 स्पेस एण्ड स्ट्रॉनॉमी गैलरी है। इसके अतिरिक्त ऑडिटोरियम (500 क्षमता), डोरमेटरी (150 छात्रो एवं 3 शिक्षकों के आवास), भूतल पर एट्रियम, सलग्न 4 डी थियेटर, प्री फक्सनल हॉल, बहुउद्देशीय हॉल एवं कैफेटेरिया आदि प्रदर्श अधिष्ठापन का कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है।

प्रशासी विभाग-विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग। ₹186.42 करोड़ की लागत से पटना समाहरणालय, पटना का निर्माण:-

पटना समाहरणालय के नये भवन का निर्माण 6.32 एकड़ के भूखण्ड पर किया जा रहा है, जिसका कुल निर्मित क्षेत्रफल 28388 वर्गमीटर है। समाहरणालय परिसर में 03 भवन है। मुख्य भवन एक 05 मंजिला भवन है, जिसमे जिला पदाधिकारी का कार्यालय अवस्थित होगा। इसका कुल निर्मित क्षेत्रफल 16408 वर्गमीटर है। दूसरा भवन जिला परिषद्-सह-बहुउद्देशीय भवन है, जिसका कुल निर्मित क्षेत्रफल 5288 वर्गमीटर है। अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय भवन का कुल निर्मित क्षेत्रफल

5280 वर्गमीटर है। इसके अतिरिक्त बेसमेंट पार्किंग, सोलर लाईट आदि की व्यवस्था है। • ₹213.59 करोड़ की लागत से प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान, गया एवं ₹7273 करोड़ की लागत से बिपार्ड, पटना का निर्माण:-

बिहार सरकार के अधीन कार्यरत पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के कौशल विकास हेतु प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण गया एवं पटना में किया गया है। यह प्रशिक्षण संस्थान पूर्णरूपेण आवासीय है, जहां प्रशिक्षणार्थियों के रहने, भोजन, व्यायाम, योगाभ्यास, खेल-कूद, पठन-पाठन हेतु आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है।

मुख्य सचिवालय स्थित सामान्य प्रशासन विभाग के कार्यालय का उन्नयनीकरण कार्य।

प्रशासी विभाग-सामान्य प्रशासन विभाग।

अन्य महत्त्वपूर्ण परियोजनाएं

1 ग्रामीण विकास विभाग

    राज्य के 97 प्रखण्डों में लगभग ₹890.87 करोड़ की लागत से प्रखंड सूचना प्रावैधिकी केन्द्र का निर्माण पूर्ण हो चुका है। ₹9.26 करोड़ की लागत से नौहट्टा, सहरसा में प्रखंड सूचना प्रावैधिकी केन्द्र का निर्माण कार्य प्रगति पर है। यह एक 03 मंजिला भवन है, जिसका निर्मित क्षेत्रफल 25523 वर्ग फीट है। इसमें भूतल पर

    पदाधिकारियो का कार्यालय प्रकोष्ठ तथा कैटिन, प्रथम तल पर पदाधिकारी प्रकोष्ठ एवं बैंक के लिए स्थान, द्वितीय तल पर मीटिंग हॉल का निर्माण किया गया है।

    राज्य के 62 प्रखण्डों में ₹818.32 करोड़ की लागत से प्रखंड कार्यालय सह आवासीय भवन, निरीक्षण कमरा एवं परिसर विकास का निर्माण कार्य पूर्ण है। ₹51.04 करोड़ की लागत से 3 जगह बेगूसराय, नवादा एवं पटना सिटी में प्रखंड कार्यालय सह आवासीय भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

    प्रखण्ड कार्यालय भवन का कुल निर्मित क्षेत्रफल 23384 वर्ग फीट है। यह एक दो मंजिला भवन है, जिसमें प्रखण्ड स्तरीय विभिन्न पदाधिकारियों के कार्यालय, बैंक, स्वयं सहायता समूह के लिए हॉल आदि का निर्माण किया गया है। आवासीय भवन में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी एवं अन्य कर्मियों के लिए बहुमंजिले भवन का निर्माण किया गया है।

    2 आपदा प्रबंधन विभाग

    बिहार के कई जिले बाढ़ आपदा से प्रभावित होते हैं। आपदा के समय प्रभावित जन समुदाय को त्वरित सुविधा उपलब्ध कराने हेतु बेहतर आधारभूत संरचना विकसित करने के उद्देश्य से बाढ़ प्रभावित जिलों में जिला आपदा रिस्पॉन्स फैसिलिटी-सह-प्रशिक्षण केन्द्र के निर्माण का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है तथा इन भवनों के निर्माण की जिम्मेवारी भवन निर्माण विभाग को दी गयी है।

    07 प्रमंडलीय मुख्यालय के जिलो में ₹70,01,05,000/- रूपये की लागत से ए टाईप एवं 11 अन्य जिला मुख्यालय में ₹82,37,57,000/- रूपये की लागत से बी टाईप जिला आपदा रिस्पॉन्स फैसिलिटी-सह-प्रशिक्षण केन्द्र का निर्माण कराया जा रहा है। इनमें से 02 ए टाईप भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं 07 बी टाईप भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है।

    इस भवन का कुल निर्मित क्षेत्रफल 25774 वर्गमीटर है। यह तीन मंजिले भवन है, जिसके ऊपरी सोलर पैनल लगा हुआ है। आपदा के समय राहत कार्य सुगमतापूर्वक करने के उद्देश्य से इसमें एस०डी०आर०एफ० के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था है।

    राज्य के 10 जिलों अररिया, पूर्वी चम्पारण, शिवहर, पूर्णियाँ, पश्चिमी चम्पारण, कटिहार, मधुबनी, किशनगंज, सीतामढी एवं दरभंगा में बाढ़ आश्रय स्थल निर्माण की 100 अदद योजना प्रत्येक ₹1.00 करोड की लागत से स्वीकृत है। उसमें 92 जगह कार्य पूर्ण हो गया है। शेष 8 जगह कार्य प्रगति पर है। 3.

    पिछडा एवं अति पिछडा कल्याण विभाग

    ₹973.40 करोड़ की लागत से कुल 21 अदद 520 आसन वाले एक अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय +2 उच्च विद्यालयों के भवन निर्माण कार्य।

    इस भवन का कुल निर्मित क्षेत्रफल 141633 वर्ग फीट है। इसमें मुख्यतः प्रशासनिक सह-शैक्षणिक

    भवन (जी+2), दो बालिका छात्रावास (जी+3) एवं शिक्षक आवास (जी+3)। इस भवन में प्राचार्य सहित कुल 20 शिक्षको की आवास की व्यवस्था है। अशैक्षणिक कर्मचारी आवास (जी+3) इस भवन में कुल 8 कर्मचारी के आवासन की व्यवस्था है।

    ₹349.18 करोड़ की लागत से 7 अदद 100 आसन वाले अन्य पिछड़ा वर्ग छात्रावास का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

    4 अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग

    ₹1059.83 करोड़ की लागत से कुल 23 अदद् 720 आसन वाले डॉ० भीम राव अम्बेदकर

    आवासीय विद्यालय। इस भवन का कुल निर्मित क्षेत्रफल 46010.40 वर्ग फीट है। इसमें मुख्यतः विद्यालय भवन (जी+2), 360 आसन वाले बालक छात्रावास (जी+4), 360 आसन वाले बालिका छात्रावास (जी+4), शिक्षक आवास (जी+4), कर्मचारी आवास जी+3 का निर्माण किया जा रहा है।

    ₹230.59 करोड़ की लागत से कुल 47 अदद् 100 आसन वाले राजकीय कल्याण छात्रावास भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

    5 विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग

    ₹92.81 करोड की लागत से दरभंगा में तारामंडल सह-ज्ञान एवं विज्ञान संग्रहालय का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है। तारामंडल-सह-ज्ञान एवं विज्ञान संग्रहालय का कुल निर्मित क्षेत्रफल 20922.25 वर्ग मीटर है। इसमें 150 लोगों के बैठने की क्षमता वाला 01 अदद प्लेनेटेरियम, 300 लोगों के बैठने की क्षमता वाला प्रेक्षा गृह, ऑरियेंटेशन हॉल 50 क्षमता, कैफेटेरिया, गैलरी, सर्विस ब्लॉक एवं पार्किंग की व्यवस्था है।

    ₹20.77 करोड़ की लागत से तारामंडल, पटना के परिसर में आतरिक सुसज्जीकरण एवं भू-दृष्य कार्य का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है। ₹66.92 करोड़ की लागत से बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय, मीठापुर, पटना का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

    6 कृषि विभाग ₹144.70 करोड की लागत से कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय, आरा का निर्माण कार्य प्रारंभिक अवस्था में है।

    ₹72.32 करोड़ की लागत से कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, सबौर का निर्माण कार्य प्रारंभिक अवस्था में है। पंचायती राज विभाग

    7 पचायती राज विभाग द्वारा ₹6010.10 करोड की लागत से 2165 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण प्रारम्भ किया जा रहा है। इसके निर्माण से पचायत स्तर पर पचायती राज संस्थाओं एवं पंचायत के अन्य कार्यालयों को सुगमतापूर्वक कार्य करने हेतु बेहतर आधारभूत संरचना उपलब्ध हो सकेगा।

    भविष्य की योजनाएं

    160 सेट आवासीय परिसर के स्थान पर नया आवासीय परिसर।

    2 गार्डनर रोड में कार्यालय भवन।

    3.गर्दनीबाग आवासीय परिसर में स्टेडियम।

    4.40 सेट आवासीय परिसर के स्थान पर नया कार्यालय भवन।

    1. बंगले । गर्दनीबाग आवासीय परिसर में माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए 20 अदद
    2. राजभवन सचिवालय, गेस्ट हाउस एवं प्रेक्षागृह।
    3. a बिहार निवास, नई दिल्ली का नया भवन । बिहार निवास, मुम्बई का भवन।

    परियोजनाओं के सटीक पर्यवेक्षण एवं कार्य दक्षता बढ़ाने हेतु प्रारंभ किए गए कार्य –

    1 प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग इन्फॉर्मेशन सिस्टम (PMIS) विभाग द्वारा क्रियान्वित किए जा रहे योजनाओं के सटीक एव रियल टाईम पर्यवेक्षण हेत्तु प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग इन्फॉर्मेशन

    सिस्टम (PMIS) की व्यवस्था की गई है। इसमें सभी कार्यपालक अभियंताओं द्वारा चालू योजनाओ की अध्यतन प्रगति अपलोड की जाती है। योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु आवंटन की मांग भी इसी माध्यम से की जाती है। ई-निवास पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को सरकारी आवास आवंटित करना एवं

    2 इन आवासों का अनुरक्षण मरम्मति एवं रख-रखाव करना भवन निर्माण विभाग का दायित्व है। इस कार्य को पूर्ण पारदर्शिता के साथ करने के उद्देश्य से ऑनलाईन प्लेटफॉर्म ई-निवास की व्यवस्था की गई है। जिसके माध्यम से आवास आवंटन एवं रख-रखाव हेतु सरकारी कर्मी आवेदन करते है।

    3 संवेदकों का पंजीकरण भवन निर्माण विभाग के अधीन कार्य करने हेतु इच्छुक

    4 संवेदकों के पंजीकरण हेतु ऑनलाईन व्यवस्था की गई है। ई-प्रॉक योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु निविदा आमंत्रित करने हेतु ई-प्रॉक प्लेटफार्म माध्यम से पूर्णरूपेण ऑनलाईन व्यवस्था की गई है। के ई-ऑफिस कार्यालय में दैनिक कार्यों के सुगमता एवं पारदर्शी तरीके से निर्वहन

    5 हेतु ई-ऑफिस की व्यवस्था लागू की गई है। बजट उप आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु सचिकाओं का निष्पादन शत् प्रतिशत ई-ऑफिस के माध्यम से की जा रही है

    6 सम्राट अशोक केन्वेशन केन्द्र के अन्तर्गत बापू टावर एवं ज्ञान भवन तथा अधिवेशन भवन एवं मजहरूल हक ऑडिटोरियम के बुकिंग हेतु ऑनलाईन व्यवस्था। भवन निर्माण विभाग द्वारा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहयोग से आज सूचना भवन के

    संवाद कक्ष में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को माननीय मंत्री भवन निर्माण विभाग, बिहार जयंत राज द्वारा संबोधित किया गया। इस अवसर पर भवन निर्माण विभाग के माननीय मंत्री, यत राज जी एवं सचिव, कुमार रवि सहित विभिन्न पदाधिकारी एवं अभियंतागण उपस्थित रहें।