Tulsi Chalisa

Tulsi Chalisa: क्या है तुलसी चालीसा..इसके पाठ के फ़ायदे क्या हैं?

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Tulsi Chalisa पाठ के हैं ढेरों लाभ, दूर हो जाते हैं सारे कष्ट

Tulsi Chalisa Path: हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व बताया गया है। साथ ही तुलसी (Tulsi) के पौधे की हिन्दू धर्म में पूजा भी होती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक जो व्यक्ति हरदिन तुलसी के पौधे की पूजा-अर्चना करता है उसके जीवन की सारी बाधा दूर हो जाती है और मां लक्ष्मी – भगवान विष्णु की कृपा सदैव बनी रहती है। अगर आपकी भी कोई इच्छा हो और वह पूरी न हो रही होतो आप रोज तुलसी चालीसा (Tulsi Chalisa) का पाठ करें। तुलसी पूजन के बाद तुलसी चालीसा का पाठ (Tulsi Chalisa Path) अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से तुलसी जी अवश्य प्रसन्न होती हैं और रोग-दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही, सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। जो भी ये पाठ श्रद्धाभाव से करता है उसको कई चमत्कारी लाभ देखने को मिलते हैं। आइए आज के इस खबर में तुलसी पाठ से जुड़ी जानकारी जानते हैं….

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तुलसी चालीसा का पाठ करने के लाभ

हरदिन तुलसी चालीसा (Tulsi Chalisa) का पाठ करने से मां लक्ष्मी और श्री हरि अपनी कृपा बरसाते हैं।
तुलसी चालीसा का पाठ करने से आर्थिक समस्या से भी छुटकारा मिल जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक तुलसी चालीसा के नियमित पाठ करने से नव ग्रहों को शांति मिल सकती है।

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दोहा तुलसी चालीसा

श्री तुलसी महारानी, करूं विनय सिरनाय।

जो मम हो संकट विकट, दीजै मात नशाय।।

नमो नमो तुलसी महारानी, महिमा अमित न जाय बखानी।

दियो विष्णु तुमको सनमाना, जग में छायो सुयश महाना।।

विष्णुप्रिया जय जयतिभवानि, तिहूँ लोक की हो सुखखानी।

भगवत पूजा कर जो कोई, बिना तुम्हारे सफल न होई।।

जिन घर तव नहिं होय निवासा, उस पर करहिं विष्णु नहिं बासा।

करे सदा जो तव नित सुमिरन, तेहिके काज होय सब पूरन।।

कातिक मास महात्म तुम्हारा, ताको जानत सब संसारा।

तव पूजन जो करैं कुंवारी, पावै सुन्दर वर सुकुमारी।।

कर जो पूजन नितप्रति नारी, सुख सम्पत्ति से होय सुखारी।

वृद्धा नारी करै जो पूजन, मिले भक्ति होवै पुलकित मन।।

श्रद्धा से पूजै जो कोई, भवनिधि से तर जावै सोई।

कथा भागवत यज्ञ करावै, तुम बिन नहीं सफलता पावै।।

छायो तब प्रताप जगभारी, ध्यावत तुमहिं सकल चितधारी।

तुम्हीं मात यंत्रन तंत्रन, सकल काज सिधि होवै क्षण में।।

औषधि रूप आप हो माता, सब जग में तव यश विख्याता,

देव रिषी मुनि औ तपधारी, करत सदा तव जय जयकारी।।

वेद पुरानन तव यश गाया, महिमा अगम पार नहिं पाया।

नमो नमो जै जै सुखकारनि, नमो नमो जै दुखनिवारनि।।

नमो नमो सुखसम्पति देनी, नमो नमो अघ काटन छेनी।

नमो नमो भक्तन दुःख हरनी, नमो नमो दुष्टन मद छेनी।।

नमो नमो भव पार उतारनि, नमो नमो परलोक सुधारनि।

नमो नमो निज भक्त उबारनि, नमो नमो जनकाज संवारनि।।

नमो नमो जय कुमति नशावनि, नमो नमो सुख उपजावनि।

जयति जयति जय तुलसीमाई, ध्याऊँ तुमको शीश नवाई।।

निजजन जानि मोहि अपनाओ, बिगड़े कारज आप बनाओ।

करूँ विनय मैं मात तुम्हारी, पूरण आशा करहु हमारी।।

शरण चरण कर जोरि मनाऊं, निशदिन तेरे ही गुण गाऊं।

क्रहु मात यह अब मोपर दाया, निर्मल होय सकल ममकाया।।

मंगू मात यह बर दीजै, सकल मनोरथ पूर्ण कीजै।

जनूं नहिं कुछ नेम अचारा, छमहु मात अपराध हमारा।।

बरह मास करै जो पूजा, ता सम जग में और न दूजा।

प्रथमहि गंगाजल मंगवावे, फिर सुन्दर स्नान करावे।।

चन्दन अक्षत पुष्प् चढ़ावे, धूप दीप नैवेद्य लगावे।

करे आचमन गंगा जल से, ध्यान करे हृदय निर्मल से।।

पाठ करे फिर चालीसा की, अस्तुति करे मात तुलसा की।

यह विधि पूजा करे हमेशा, ताके तन नहिं रहै क्लेशा।।

करै मास कार्तिक का साधन, सोवे नित पवित्र सिध हुई जाहीं।

है यह कथा महा सुखदाई, पढ़े सुने सो भव तर जाई।।

तुलसी मैया तुम कल्याणी, तुम्हरी महिमा सब जग जानी।

भाव ना तुझे माँ नित नित ध्यावे, गा गाकर मां तुझे रिझावे।।

यह श्रीतुलसी चालीसा पाठ करे जो कोय।

गोविन्द सो फल पावही जो मन इच्छा होय।।

इस दिन जरूर करें तुलसी चालीसा का पाठ

शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) का दिन माना जाता है। इस दिन तुलसी पूजन के साथ-साथ तुलसी चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के धन-धान्य में बढ़ोत्तरी होती है। साथ ही मनचाहा फल भी मिलता है। इसके अलावा अगर आपके जीवन में किसी तरह की कोई परेशानी आ रही है, तो उससे भी छुटकारा मिल सकता है।

Disclaimer: यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसकी विषय सामग्री का ख़बरी मीडिया हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता है।