Ratan Tata के बाद अब किसको मिलेगी टाटा ग्रुप की जिम्मेदारी, जानें कौन हैं रेस में सबसे आगे
Ratan Tata Successors: देश के जानेमाने बिजनेसमैन और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन (एमेरिटस चेयरमैन) रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। रतन टाटा (Ratan Tata) के निधन के बाद अब अब यह सवाल हर किसी के मन में है कि टाटा समूह (Tata Group) का अगला मुखिया कौन होगा? यह सलाव इस लिए भी महत्वपूर्ण है कि रतन टाटा आजीवन अविवाहित रहे। रतन टाटा की कुल संपत्ति लगभग 3800 करोड़ रुपए बताई जाती है।
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जानिए कौन होगा उत्तराधिकारी
टाटा समूह (Tata Group) के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के निधन के बाद अब टाटा का उत्तराधिकार कौन होगा, उनकी जगह कौन लेगा। यह बड़ा सवाल सबके मन में है। टाटा समूह के विशाल व्यापारिक साम्राज्य की देखरेख की जिम्मेदारी किसके पास होगी? बता दें कि टाटा समूह में उत्तराधिकार की योजना पहले से ही मौजूद है। एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने 2017 में होल्डिंग कंपनी, टाटा संस (Tata Sons) के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला। परिवार के दूसरे लोग बिजनेस के विभिन्न हिस्सों का नेतृत्व कर रहे हैं और जो संभवतः भविष्य में नेतृत्व की भूमिका निभाएंगे।
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रेस में सबसे आगे कौन
उत्तराधिकारी की रेस में पहला नाम नवल टाटा की दूसरी पत्नी सिमोन से जन्मे नोएल टाटा (Noel Tata) रतन टाटा के सौतेले भाई का है। यह पारिवारिक बंधन नोएल टाटा को टाटा की विरासत हासिल करने के मामले में पहले नंबर पर रखता है। लेकिन, उनकी बढ़ती उम्र को देखते हुए उनके 3 बच्चों में से किसी एक को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
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माया टाटा का नाम भी चर्चा में
आपको बता दें कि नोएल टाटा के 3 बच्चे हैं, माया, नेविल और लिआ टाटा। जिन्हें टाटा विरासत के संभावित उत्तराधिकारी भी माना जाता है। सबसे बड़ी लिआ टाटा ने स्पेन के मैड्रिड में आईई बिजनेस स्कूल से मार्केटिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की हैं। वह 2006 में ताज होटल रिसॉर्ट्स एंड पैलेसेस में असिस्टेंट सेल्स मैनेजर के रूप में टाटा समूह में शामिल हुईं और अब विभिन्न भूमिकाओं के माध्यम से प्रगति करते हुए द इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) में प्रेंसिडेंट के तौर पर कार्यरत हैं।
रतन टाटा के ट्रस्ट
रतन टाटा ने अपना उत्तराधिकारी किसी को नहीं बनाया था। ऐसे में उनके ट्रस्ट ट्रस्टियों में से ही किसी को अध्यक्ष चुना जाएगा। टाटा समूह के 2 प्रमुख ट्रस्ट हैं- सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट। इन 2 ट्रस्टों की संयुक्त रूप से टाटा समूह की मूल कंपनी टाटा संस में लगभग 52 फीसदी हिस्सेदारी है। टाटा संस की टाटा समूह की कंपनियों का संचालन करता है। यह समूह विमानन से लेकर एफएमसीसी तक के पोर्टफोलियो को संभालता है। दोनों ट्रस्टों में ट्रस्ट्री की संख्या 13 हैं। इनमें से लोग दोनों ट्रस्टों में ट्रस्टी हैं। इनमें पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह, ऑटोमोबाइल क्षेत्र के दिग्गज वेणु श्रीनिवासन,रतन टाटा के सौतेले भाई और ट्रेंट के चेयरमैन नोएल टाटा, व्यवसायी मेहली मिस्त्री और वकील डेरियस खंबाटा के नाम शामिल हैं।