14 October

14 October को ग्रेटर नोएडा में लगेगा महाजाम!

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR
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ग्रेटर नोएडा के लोगों के लिए बड़ी खबर, 14 October को यहां लगेगा महाजाम

Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के लोगों के लोगों के लिए बड़ी और जरूरी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा के किसानों ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एक बार फिर से आंदोलन का रुख किया है। किसान सभा द्वारा आयोजित यह आंदोलन 14 अक्टूबर (14 October) को सूरजपुर स्थित कलेक्ट्रेट पर होगा। इससे पहले, संगठन गांव-गांव में जन चेतना यात्रा (Jan Chetna Yatra) निकालकर किसानों के बीच जागरूकता बढ़ा रहा है। किसानों के आंदोलन से 14 अक्टूबर को ग्रेटर नोएडा में महाजाम लगने की संभावना है।

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Pic Social media

क्या है किसानों की मांग

आंदोलन करने वाले किसानों की प्रमुख मांगो में 10% प्लॉट, नए भूमि अधिग्रहण कानून का कार्यान्वयन और किसानों से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान किया जाए। इस संगठन ने एक हाई पावर कमेटी का गठन किया है, जिसकी सिफारिशों को सार्वजनिक करने की मांग की जा रही है। किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा के अनुसार किसानों की समस्याओं को उचित ध्यान नहीं दिया जा रहा है और इसलिए उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।

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नहीं हुआ अभी तक समाधान

ग्रेटर नोएडा के किसान आंदोलन के प्रति किसानों का उत्साहित हैं। पहले से ही, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के सामने विभिन्न किसान संगठनों ने धरना प्रदर्शन किया था, जिसका असर हुआ कि शासन स्तर पर हाई पॉवर कमेटी का गठन हुआ। लेकिन किसानों का कहना है कि उनकी समस्याओं का समाधान अभी तक नहीं हुआ है और कमेटी की गतिविधियों के बारे में भी उन्हें जानकारी नहीं दी गई है।

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किसानों को जोड़ने की कोशिश

किसान सभा ने गांवों में जन चेतना यात्रा का आयोजन कर किसानों से सीधा संवाद किया है। इस यात्रा का उद्देश्य लोगों को उनके अधिकारों और मांगों के प्रति जागरूक करना है। बता दें कि शनिवार को यह यात्रा ग्रेटर नोएडा के हैबतपुर, इटेड़ा, छोटी मिलक, रोजा एवं पटवारी गांवों से शुरू की गई और इसे हर दिन पांच गांवों में जारी रखा जाएगा।

जागरूकता यात्रा का क्या है उद्देश्य

किसान सभा के संयोजक सुशांत भाटी ने इस यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि यह डोर टू डोर संपर्क में किसानों को जोड़ने का एक प्रयास है। किसान 14 अक्टूबर के प्रदर्शन में बड़ी संख्या में शामिल होंगे, इस बार की लड़ाई का लक्ष्य स्पष्ट है, 10% प्लॉट का आवंटन, नई भूमि अधिग्रहण कानून का कार्यान्वयन और भूमिहीन किसानों के लिए दुकानों का आवंटन।

आगामी आंदोलन की तैयारियां आंदोलन के जरिए से किसान अपनी शिकायतों को प्रभावी रूप से उठाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी आवाज़ सरकार तक पहुंचाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। 14 अक्टूबर को कलेक्ट्रेट पर होने वाला यह अनिश्चितकालीन आंदोलन, किसानों के हक की लड़ाई की एक नई शुरुआत साबित हो सकता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह आंदोलन किस दिशा में आगे बढ़ता है और किसानों की मांगों को कितना समर्थन मिलता है।