जानिए इस बार कब है Dipawali
Dipawali: अक्टूबर का महीना आते ही पर्वों की शुरुआत हो जाती है। नवरात्रि, दशहरा और फिर दीवाली (Dipawali)। इस बार दीपों का पर्व यानी दिवाली कब मनाई जाएगी? यह सवाल कई लोगों के मन में उठ आ रहा है। अपने घर से दूर या किसी दूसरे प्रदेश में रहने वाले दीवाली पर घर आने के लिए ट्रेन की टिकट (Train Ticket) कब लें, इसे तय नहीं कर पा रहे हैं। दिवाली की डेट को लेकर कंफ्यूजन (Confusion) पर एक न्यूज चैनल ने काशी, अयोध्या, देवघर और दरभंगा के ज्योतिष से बात की है। आइए जानते हैं कि ज्योतिषाचार्यों का क्या कहना है…..
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देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल (Pandit Nandkishore Mudgal) के मुताबिक हर साल दीपावली का त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन धन के देवता कुबेर, भगवान गणेश और उनके साथ माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस साल दीपावली को लेकर 31 अक्टूबर और 1 नवंबर की तिथि में असमंजस की स्थिति देखी जा रही है।
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अमावस्या की तिथि 1 नवंबर को है, लेकिन दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी। इसका कारण यह है कि 31 अक्टूबर को शाम 3:12 मिनट के बाद अमावस्या की तिथि लग जा रही है और समापन अगले दिन यानी 1 नवंबर शाम 05 बजकर 14 मिनट पर हो रहा है। उसके बाद प्रतिपदा शुरु हो जा रही है और प्रतिपदा तिथि में दीपावली का त्यौहार नहीं मनाया जाता है।
31 अक्टूबर को पूरी रात अमावस्या होने के कारण 31 अक्टूबर को ही दीवाली का पर्व मनाया जाएगा, क्योंकि उस दिन प्रदोष काल से लेकर देर रात्रि तक माता लक्ष्मी भगवान गणेश और मां काली की पूजा आराधना होती है। इसलिए इस साल 31 अक्टूबर को ही दीपावली का त्यौहार मनाया जाएगा।
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अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के मुताबिक इस बार दीपावली को लेकर कई कंफ्यूजन है। बहुत से लोग बता रहे हैं कि 31 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी। लेकिन पत्रा के मुताबिक 1 नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी। तो वहीं राम मंदिर में भी 1 नवंबर को दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा।
बीएचयू (BHU) के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर डॉ सुभाष पांडेय के अनुसार 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 31 मिनट तक चतुर्दशी तिथि है। उसके बाद अमावस्या तिथि कि शुरुआत हो रही है, जो अगले दिन यानी 1 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। उसके बाद प्रतिपदा तिथि लग जा रही है। प्रतिपदा तिथि में दीपावली का पूजन नहीं होता है। प्रदोषव्यापिनी और रात्रिव्यापिणी अमावस्या 31 अक्टूबर को ही है, इसलिए 31 तारीख को ही देशभर में दीपावली मनाई जाएगी।
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के प्रमुख, डॉक्टर कुणाल कुमार झा बताते हैं कि इस बार दीपावली 31 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि दीपावली के दिन, यानी 31 अक्टूबर को चतुर्दशी तिथि में सूर्योदय होगा, जो दोपहर 3:23 बजे तक रहेगी। इसके बाद अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी। इसी समय दीपदान का खास महत्व होता है, और प्रदोष काल में 7 बजकर 7 मिनट के बाद लक्ष्मी पूजन का विधान है।
इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही, मध्य रात्रि में काली और तारा भगवती का प्राकट्य भी माना जाता है। इसी दिन समुद्र मंथन से अमृत प्राप्त हुआ था, और इसी कारण इसे अमृत पान दिवस भी कहा जाता है। दीपावली के दिन अमृत पान का विशेष महत्व बताया गया है, इसलिए यह पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा।