UP: यूजी, पीजी, PhD छात्रों व शिक्षकों के लिए अच्छी और बड़ी खबर पढ़िए
UP News: यूजी, पीजी, PhD छात्रों व शिक्षकों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि एनआईआरएफ के टॉप 100 विश्वविद्यालयों में शामिल मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (Madan Mohan Malaviya University of Technology) में रिसर्च और पेटेंट को बढ़ावा देने के लिए नई शुरुआत की गई है। अब नेचर या साइंस एकेडमिक जर्नल ऑफ अमेरिकन एसोसिएशन या हार्वर्ड बिजनेस (Harvard Business) रिव्यू जैसे जर्नल्स में शोध प्रकाशन पर विश्वविद्यालय 2 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि देगा।
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इसे विद्या परिषद, वित्त समिति (Finance Committee) और प्रबंध बोर्ड में पेश करने की योजना है। तीनों समितियों से पास हो जाने के बाद इसे मूर्त रूप दिया जाएगा। एनआईआरएफ और क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में स्थान पाने के लिए रिसर्च पब्लिकेशन ओर पेटेंट का बड़ा रोल होता है। इसे देखते हुए ही कुलपति ने लगभग डेढ़ महीने पहले डीन स्टूडेंट अफेयर प्रो. वीके गिरी की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय समिति बनाई। इस समिति में प्रो. विह्वल एल गोले, प्रो. बीके पांडेय, प्रो. जीऊत सिंह और उप कुलसचिव देवेन्द्र गोस्वामी को शामिल किया गया था। समिति को यह तय करना था कि प्रोत्साहन के लिए स्तरीय शोध प्रकाशन पर कितनी प्रोत्साहन राशि दी जा सकती है। समिति ने कई दौर की मीटिंग के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार कर विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपी है।
समिति की सिफारिशों के अनुसार, नेचर, साइंस एकेडमिक जर्नल ऑफ अमेरिकन एसोसिएशन और हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू जैसी दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित जर्नल्स को कैटेगरी वन में रखा गया है। इसमें प्रकाशन पर आउटस्टैंडिंग रिसर्चर अवार्ड दिया जाएगा। इसके तहत 2 लाख रुपये इंसेंटिव के रूप में मिलेगा।
इम्पैक्ट फैक्टर के आधार पर मिलेगी इंसेंटिव
दूसरे जर्नल्स में प्रकाशन पर इम्पैक्ट फैक्टर 5 से ज्यादा होने पर प्रीमियर रिसर्चर अवार्ड मिलेगा। इसके तहत 50 हजार रुपये की राशि दी जाएगी। इम्पैक्ट फैक्टर 2 से ज्यादा लेकिन 5 से कम होने पर कमांडेबल रिसर्चर अवार्ड के तहत 20 हजार रुपये इंसेंटिव के रूप में दिया जाएगा।
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प्रो. जेपी सैनी, कुलपति, एमएमएमयूटी (MMMUT) ने कहा कि क्वालिटी रिसर्च पब्लिकेशन (Research Publication) के लिए शोधार्थियों-शिक्षकों को इंसेंटिव देने की योजना है। इसके लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी। समिति की सिफारिशों को विद्या परिषद, वित्त समिति और प्रबंध बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा।
यूएसए, यूके पेटेंट पर भी इंसेंटिव यूएसए और यूके ग्रांटेड पेटेंट पर भी 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दिए जाने की सिफारिश हुई है। इसके साथ ही दूसरे प्रतिष्ठित दूसरे देशों या भारत से मिले पेटेंट पर 25 हजार की प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
सरकारी परियोजनाओं पर भी इंसेंटिव सरकारी एजेंसियों से 1 करोड़ से अधिक का प्रोजेक्ट लाने पर 50 हजार रुपये इंसेंटिव की योजना है। 10 लाख से एक करोड़ रुपये तक की परियोजना तक 10 हजार रुपये इंसेंटिव मिलेगा।
यह होगी शर्त
प्रकाशित करने वाले शिक्षकों और शोधार्थियों के साथ ही स्नातक और परास्नातक के विद्यार्थियों को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा। संविदा और गेस्ट शिक्षकों पर भी यह योजना लागू होगा।