Haryana Elections: हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस (Congress) के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है। बीजेपी ने एक बार फिर राज्य की सत्ता पर काबिज होने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है जबकि दूसरी ओर कांग्रेस को इस बार राज्य की सत्ता हासिल होने का पूरा भरोसा है। वहीं हरियाणा कांग्रेस (Haryana Congress) में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर विवाद के चलते प्रचार अभियान से दूर चल रहीं कांग्रेस महासचिव और सांसद कुमारी सैलजा (Kumari Selja) को मना लिया गया है। पढ़िए पूरी खबर…
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बता दें कि टिकट बंटवारे में अनदेखी, विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) नहीं लड़ने देने और आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर नाराज चल रही सैलजा (Selja) को मनाने के लिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मल्लिकार्जुन खरगे को जिम्मेदारी सौंपी थी। खरगे ने सैलजा को सीएम के चेहरे के रूप में उनके नाम पर चर्चा करने का भरोसा दिलाया। इसके बाद सैलजा प्रचार के लिए तैयार हुईं।
बगैर CM का चेहरा घोषित किए कांग्रेस लड़ रही चुनाव
आपको बता दें कि खुद मोबाइल पर मैसेज भेजकर उन्हें पार्टी अध्यक्ष से मिलने को कहा। खरगे ने सैलजा को सीएम के चेहरे के रूप में उनके नाम पर चर्चा करने का भरोसा दिलाया। तब सैलजा प्रचार के लिए तैयार हुईं। फिलहाल कांग्रेस बाकी राज्यों की तरह हरियाणा में भी सीएम का चेहरा घोषित किए बगैर चुनाव लड़ रही है।
अब वह गुरुवार को नरवाना से कांग्रेस उम्मीदवार के लिए प्रचार करेंगी। दरअसल, हरियाणा कांग्रेस ने राहुल और प्रियंका गांधी के दौरों का जो शेड्यूल तैयार किया था, उसमें सैलजा-सुरजेवाला समर्थकों के नाम नहीं थे। इस पर भी सैलजा ने आपत्ति जताई। फिर प्रचार कार्यक्रम दोबारा बनाया गया।
राहुल 26 सितंबर को वोट मांगने पहुंचेंगे असंध
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब राहुल 26 सितंबर को सबसे पहले सैलजा समर्थक के लिए वोट मांगने असंध पहुंचेंगे। माना जा रहा है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सैलजा का मान रखने और उनकी नाराजगी दूर करने के लिए ही असंध से प्रचार अभियान की शुरुआत करने पर सहमति जताई है।
कुमारी सैलजा के साथ नेता दीपेंद्र हुड्डा भी चुनाव प्रचार के दौरान राहुल के साथ होंगे। हरियाणा कांग्रेस में सीएम के चेहरे को लेकर विवाद किसी से छिपा नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा अपने को CM पद का दावेदार मान रहे हैं। सैलजा के लिए मुश्किल यह कि टिकट वितरण में हुड्डा बाजी मार ले गए हैं, जो 89 में से 72 टिकट अपने समर्थकों को दिलाने में सफल रहे।
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सैलजा के हाथ लगीं केवल 10 सीटें
समर्थकों के लिए 30 से 35 सीटें मांगने वाली सैलजा (Selja) के हाथ केवल 10 सीटें लगीं। यहां तक कि वह अपने बेहद करीबी डॉ. अजय चौधरी को भी टिकट नहीं दिलवा सकीं।
वंचित वर्ग से मुख्यमंत्री के रूप में उनकी दावेदारी को सीएम के लिए लड़ी जा रही कांग्रेस पार्टी की आंतरिक लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। हरियाणा में सैलजा बड़ा दलित चेहरा हैं। प्रदेश में 17 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं। करीब 21 विधानसभा सीटें हैं, जहां कुमारी सैलजा प्रभाव रखती हैं।