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Monkey Pox: भारत के करीब पहुंचा मंकी पॉक्स..जानिए लक्षण और इससे बचने के उपाय

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भारत के करीब पहुंच गया Monkey Pox, जानिए इसके लक्षण और बचने के उपाय

Monkey Pox: दुनिया भर के कई देशों में इन दिनों एक मंकी पॉक्स (Monkey Pox: ) वायरस काफी तेजी से फैल रहा है। मंकी पॉक्स की गंभीरता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने इसको लेकर आपातकाल का ऐलान भी कर दिया है। पूरी दुनिया में इस वायरस के मामले तेजी से बढ़ते ही जा रहे हैं। मध्य और पूर्वी अफ्रीका से शुरू हुआ यह वायरस अब भारत (India) के करीब भी पहुंच गया है। भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में मंकी पॉक्स के तीन मामले सामने आए हैं। जानकारी के अनुसार मंकी पॉक्स का पहला मामला केस सऊदी अरब (Saudi Arabia) से वापस आए एक शख्स में पाया गया है। 34 साल का शख्स 3 अगस्त को सऊदी अरब से पाकिस्तान (Pakistan) वापस आया था। खैबर मेडिकल यूनिवर्सिटी में उसकी जांच करवाई गई थी। 13 अगस्त को रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

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जानिए क्या है मंकी पॉक्स

आपको बता दें कि मंकी पॉक्स वायरस (Monkey Pox Virus) के सबसे ज्यादा मामले इस समय अफ्रीका में हैं। यह एक तेजी से महामारी फैलाने वाला वायरस है। यह चेचक जैसा ही वायरस है और जानवरों से इंसानों में फैल रहा है। इंसान में पहुंचने के बाद इसकी रफ्तार और भी तेज हो जाती है। 1958 में इस वायरस की सबसे पहले पहचान की गई थी। मध्य और पश्चिमी एशिया में इसके सबसे ज्यादा मामले पाए जाते हैं। यहां लोग जानवरों के ज्यादा करीब भी रहते हैं।

जानिए क्या है एमपॉक्स के लक्षण

मंकी पॉक्स से संक्रमित होने पर सबसे पहले बुखार आता है। ज्यादातर पूरे शरीर में चकत्ते पड़ने लगते हैं। ये चकत्ते चेहरे और गुप्तांगों पर भी हो सकते हैं। ये सफेद और पीले फुंसी का भी रूप ले सकते हैं जिसमें मवाद आ जाती है। इन चकत्तों में खुजली और दर्द होने लगता है। इसके साथ ही बुखार, सिरदर्द, मांस पेशियों में दर्द हो जाता है। हालांकि इस वायरस से बहुत कम ही लोगों की मौत होती है। आम तौर पर यह खुद ही ठीक होता है।

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कैसे खत्म होता है संक्रमण

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक वायरस के संक्रमण में आने के 21 दिन बाद तक लक्षण सामने आ सकते हैं। वहीं यह 14 से 21 दिन तक रहता है। इसके बाद यह खुद ही ठीक होता है। इस बीमारी की वैक्सीन होती है।

कैसे फैलता है वायरस

मंकी पॉक्स संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से तेजी से फैलता है। यौन संबंधों और त्वचा के कॉन्टैक्ट में आने से संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। आंख, श्वास, नाक और मुंह के माध्यम से यह वायरस प्रवेश कर सकता है। संक्रमित व्यक्तियों द्वारा छुए गए सामान जैसे बिस्तर, तौलिया आदि से भी यह वायरस फैलता है। इसके अलावा चूहा, गिलहरी और बंदर के संपर्क में आने से भी यह वायरस फैल सकता है।
मध्य और पूर्वी अफ़्रीका में संक्रामक मंकी पॉक्स (Mpox) के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। वहीं अफ़्रीका से बाहर एमपॉक्स (Mpox) का पहला केस दर्ज हुआ है। इसे देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है।

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WHO के महानिदेशक टेड्रॉस एडोनम गेब्रीयेसुस ने कहा कि एमपॉक्स के एक नए क्लेड का उभरना, कांगो गणतंत्र में इसका तेज़ी से फैलना और कई पड़ोसी देशों में इसके मामलों की जानकारी मिलना बहुत चिंताजनक है।
इससे पहले अफ़्रीका सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया था। सेंटर ने कहा था कि मंकी पॉक्स पिछली बार से ज़्यादा चिंताजनक है. ऐसा इसलिए क्योंकि नया वैरिएंट ज़्यादा घातक है।

भारत में भी अलर्ट

मंकी पॉक्स के खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने एयरपोर्ट, समुद्री बंदरगाहों और बांग्लादेश-पाकिस्तान बॉर्डर पर अलर्ट जारी कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर अधिकारियों को सावधान रहने को कहा गया है। इसके साथ ही सरकार ने अस्पतालों को मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड तैयार करने को कहा गया है।
एमपीओएक्स रोगियों को अलग करने, प्रबंधन और इलाज करने के लिए दिल्ली में तीन सरकारी अस्पतालों को प्रमुख सुविधाओं के रूप में चुना गया है। वे हैं राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल।
इसके साथ ही केंद्र ने सभी राज्यों से Mpox मामलों से निपटने के लिए अस्पतालों को तैयार रखने को कहा है। सूत्रों ने कहा कि इन अस्पतालों को नोडल केंद्र के रूप में नामित किया जाना चाहिए और इसकी जानकारी आम लोगों को दी जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने शीघ्र पता लगाने के लिए बढ़ी निगरानी के बीच Mpox के लिए देश की तैयारियों की समीक्षा के लिए रविवार को एक बैठक की अध्यक्षता की।