Rent पर फ्लैट देने वालों के लिए जरूरी खबर
Rent Agreement vs Lease & License: रेंट पर फ्लैट देने वाले मकान मालिकों (Homeowners) के लिए जरूरी खबर है। आजकल बहुत से लोग प्रॉपर्टी (Property) इस मकसद से भी खरीदते हैं कि इसे किराये पर चढ़ाकर रेगुलर इनकम (Regular Income) का जरिया बनाएंगे। अगर में अगर मकान मालिक किसी दूसरे शहर में रहता है तो प्रॉपर्टी के साथ विवाद होने की आशंका और बढ़ जाती है। लेकिन, हम आपको बताना चाहते हैं कि ऐसे किसी विवाद से बचने के लिए आप रेंट एग्रीमेंट के बजाए दूसरा डॉक्यूमेंट (Document) बनवाएं जिससे आपका मालिकाना हक और सुरक्षित हो जाएगा। पढ़िए पूरी खबर…
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दूसरी बात ये है कि ज्यादातर मकान मालिकों (Homeowners) को यही लगता है कि रेंट एग्रीमेंट बनवाकर संपत्ति पर उनका मालिकाना हक सुरक्षित हो गया और किरायेदार कोई विवाद नहीं खड़ा कर सकेगा।
बता दें कि हम बात कर रहे हैं ‘लीज एंड लाइसेंस’ (Lease and License) की। यह डॉक्यूमेंट एक मकान मालिक के हितों की पूरी तरह से रक्षा करने में सक्षम है। शहरों में बहुत से लोगों ने इस तरह के डॉक्यूमेंट बनवाने शुरू भी कर दिए हैं। यह डॉक्यूमेंट ऐसे प्रावधान रखता है जिससे किरायेदार को संपत्ति पर किसी भी तरह का हक जमाने का मौका नहीं मिलता है। ऐसा भी नहीं है कि इसे बनवाना कोई मुश्किल काम है। यह पेपर भी रेंट एग्रीमेंट या किरायेनामे की तरह ही आसानी से बन जाता है।
जानिए रेंट एग्रीमेंट से क्या है अलग?
प्रॉपर्टी एक्सपर्ट (Property Expert) का कहना है कि वैसे तो यह पेपर भी रेंट एग्रीमेंट की तरह ही होता है, बस इसमें कुछ क्लाज बदल दिए जाते हैं। रेंट एग्रीमेंट ज्यादातर रिहायशी इलाकों या प्रॉपर्टी के लिए बनाया जाता है। इसकी अवधि 11 महीने की ही होती है। लीज एग्रीमेंट की बात करें तो यह 12 महीने से ज्यादा की अवधि के लिए भी बनवाया जा सकता है।
यह पेपर आवासीय और कॉमर्शियल (Residential and Commercial) दोनों ही तरह की प्रॉपर्टी के काम आता है, जबकि इसकी अवधि 10 दिन से लेकर 10 साल तक हो सकती है। यह डॉक्यूमेंट आप सिर्फ स्टांप पेपर पर नोटरी के जरिये तैयार करा सकते हैं। लेकिन, 10 या 12 साल से ज्यादा समय के लिए आपको लीज एग्रीमेंट बनवाना है तो उसे कोर्ट में रजिस्टर्ड भी कराना पड़ेगा।
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मकान मालिक का हित हो जाता है सुरक्षित
आप लीज एग्रीमेंट (Lease Agreement) बनवाते हैं या फिर लीज एंड लाइसेंस, ये दोनों ही डॉक्यूमेंट पूरी तरह मकान मालिक के हितों को सुरक्षित करने के लिए होते हैं। इसमें स्पष्ट रूप से लिखा होता है कि यह प्रॉपर्टी अमुक किरायेदार को रिहायशी अथवा कॉमर्शियल यूज के लिए दी जा रही है, जिसकी अवधि 10 दिन से लेकर 10 साल तक हो सकती है। लीज एंड लाइसेंस में साफ तौर पर मकान मालिक को ‘लाइसेंसर’ और किरायेदार को ‘लाइसेंसी’ के नाम से दर्ज किया जाता है।
लीज एंड लाइसेंस क्यों है बेहतर?
- लीज एंड लाइसेंस को 10 दिन से लेकर 10 साल की अवधि तक के लिए बनवाया जा सकता है।
- इसमें साफ लिखा होता है कि किरायेदार संपत्ति पर किसी भी रूप में हक नहीं जमाएगा और न ही अधिकार मांगेगा।
- लीज करने वाले किसी भी पक्ष की मौत होने पर उनके उत्तराधिकारी इसे जारी रख सकते हैं। रेंट एग्रीमेंट में ऐसा नहीं होता।
- प्रॉपर्टी पर किरायेदार कब्जा कर भी लेता है तो उसे कानूनी रूप से कोई अधिकार नहीं रहेगा।