Greater Noida

Greater Noida: बकाया ना चुकाने पर 2 बिल्डरों के दफ्तर सील

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR
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Greater Noida के दो बिल्डरों के दफ्तर सील

Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के दो बिल्डरों पर बड़ा एक्शन हुआ है। आपको बता दें कि रिकवरी सर्टिफिकेट (RC) जारी होने के बाद भी उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (UPRERA) के बकाये को न जमा करने के कारण ग्रेटर नोएडा के दो बिल्डरों के ऑफिस सील कर दिए गया है। जिला प्रशासन ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित एसजेपी बिल्डर (SJP Builder) और मॉर्फियास प्रो डेवलपर्स (Morphias Pro Developers) पर यह कार्रवाई की है। कई बार कोशिश करने के बाद भी बिल्डर बकाये का भुगतान नहीं कर रहे थे। जिसके बाद यह एक्शन लिया गया है।

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Pic Social media

दादरी तहसीलदार ओपी पासवान ने जानकारी दी कि यूपीरेरा से दादरी तहसील के राजस्व विभाग को दो बिल्डरों से वसूली के लिए आरसी मिली थी। जिसमें एसजेपी पर 14.87 करोड़ और मॉर्फियास प्रो डेवलपर्स पर 3.56 करोड़ रुपये बकाया है। बकाया को वसूलने के लिए यह एक्शन शुरू किया गया था। लगातार राजस्व विभाग की टीम दोनों बिल्डरों से संपर्क कर रही थी। जिसके बाद भी बिल्डर ने बकाया राशि को जमा नहीं किया।

इसके बाद दादरी तहसील की राजस्व विभाग (Revenue Department) की टीम ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Greater Noida West) में बिल्डरों के ऑफिस पहुंची। बिल्डरों को बकाया जमा करने के लिए कहा। पैसा जमा नहीं कराने पर दोनों बिल्डरों के ऑफिस के सभी कर्मचारियों को बाहर निकाल कर ऑफिस को सील कर दिया गया। इस मामले में दोनों बिल्डरों को जल्द बकाया राशि जमा करने को कहा गया है। साथ ही ऐसा नहीं करने पर पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

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समय से फ्लैट न देने पर बिल्डर से हो वसूली-हाईकोर्ट प्रयागराज।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेनों में समय से फ्लैट मुहैया नहीं कराने पर बिल्डर के पास जमा पैसे को दो हमीने में वसूली कराने का जिलाधिकारी को आदेश दे दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने हृदय राम चौधरी की तरफ से दाखिल याचिका को निस्तारित करते हुए पारित किया है। अधिवक्ता सुनील चौधरी की ने दलील दी थी कि याची लखनऊ में नौकरी कर रहा था। इसी दौरान उसने नई दिल्ली की उत्तम स्टील एंड एसोसिएट्स ग्रेटर नोएडा व सहयोगी अंसल हाईटेक टाउनशिप लिमिटेड से फ्लैट बुक किया था। इसके एवज में बिल्डर संग इकरारनामे के अनुसार 2009 में याची को फ्लैट मिल जाना चाहिए था। लेकिन, बिल्डर ने निश्चित सयम पर फ्लैट मुहैया कराया और न ही बुकिंग के लिए जमा किए गए पैसे वापस किए। याची ने गौतम बुद्ध नगर स्थित यूपीरेरा के समक्ष अर्जी दाखिल की थी, जिस पर प्राधिकारी ने साल 2020 में बिल्डर कंपनी को याची के जमा 19,36,715 व्याज वापस करने का आदेश दिया था। लेकिन, कंपनी ने याची की मात्र 79,566 रुपये ही वापस किए थे। बाकी की राशि के लिए याची बिल्डर के ऑफिस का चक्कर लगा रहा है। कोर्ट ने डीएम को मामले का संज्ञान लेते आदेश पारित या है।

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3000 बायर्स के 972 करोड़ बकाया

बिल्डरों पर यूपी रेरा के रिकवरी सर्टिफिकेट का लगभग 972 करोड़ रुपये बकाया है। जिसे प्राप्त करने के लिए करीब 3000 फ्लैट खरीदार यूपी रेरा से लेकर तहसील ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन इस पर न किसी तरह की सुनवाई नहीं हो रही और ना ही बिल्डर भुगतान कर रहे हैं। वहीं ग्रेटर नोएडा के दादरी तहसील में यूपी रेरा का 800 करोड़ से भी ज्यादा राशि का 2000 आरसी बकाया है। जबकि सदर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत 160 करोड़ रुपये की आरसी बकाया है।

अतुल कुमार, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ने बताया कि तीनों तहसील की राजस्व की टीमों को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है। अगर बकायेदार बिल्डर पैसा जमा नहीं कर करेंगे तो कार्यालय सील कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।