ग्रेटर नोएडा वेस्ट(Greater Noida West) की सोसायटी हवेलिया वेलेंसिया(hawelia-valencia) में शनिवार को मचे बवाल की असली वजह सामने आ गई। स्थानीय लोगों के मुताबिक बिल्डर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए ये पूरा खेल, खेल रहा है। आरोप है कि बिल्डर ने अपनी पावर का गलत इस्तेमाल करके पहले AOA की शक्ति छिनवा दी और फिर मेंटनेंस मैनेजर को गिरफ्तार करवा दिया। जिसके विरोध में सोसायटी के लोग खड़े हो गए।
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क्या है पूरा मामला ?
हवेलिया वेलेंसिया के AOA अध्यक्ष ने खबरीमीडिया से बातचीत में बताया कि 7 जुलाई को सोसायटी में AOA ने बिल्डर से हैंडओवर ले लिया था। यही बात बिल्डर को नागवार गुजरी। बिल्डर एओए में अपनी दखलअंदाजी चाहता था ताकि अपनी मनमानी कायम रख सके। लेकिन जब दाल नहीं गली तो पुलिस और अपने बाउंसर्स के बल पर सोसायटी में शानिवार को घुसे और जबरन मेंटनेंस मैनेजर को गिरफ्तार करवा दिया। हालांकि स्थानीय लोगों की एकजुटता की वजह से बिल्डर अपनी मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाया। विनय सिंह का कहना है कि वो जल्दी ही इस मामले में गौतमबुद्ध नगर के डीएम से मुलाकात कर अपना पक्ष रखेंगे। और जरुरत पड़ी तो कोर्ट का भी रुख करेंगे।
पुलिस को हस्तक्षेप का हक नहीं
AOA विनय सिंह का कहना है कि यूपी अपार्टमेंट एक्ट के तहत अगर एओए को लेकर कोई विवाद है तो डिप्टी रजिस्ट्रार, प्राधिकरण और इलाहाबाद हाईकोर्ट उसका समाधान निकालेंगे। लेकिन इसमें पुलिस का हस्तक्षेप समझ से परे हैं।
एओए का गठन और चुनाव अवैध घोषित
डिप्टी रजिस्ट्रार कोर्ट के नियमों का पालन न करने का हवाला देते हुए एओए को अप्रभावी एवं अप्रासंगिक घोषित किया गया है। प्रशासन ने अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के गठन और चुनाव को अवैध घोषित कर दिया गया। बता दें कि बिल्डर प्रबंधन शुरू से ही प्रस्तावित नियम और कानून के आधार पर गठन का समर्थन कर रहा है।