उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
UP News: उत्तर प्रदेश वालों के लिए खुशी की ख़बर है अब प्रदेश के छह जिलों में नए शहर बसाए जाएंगे। अब उन शहरों में भी नई टाउनशिप (Township) विकसित की जाएगी जिनके विकास प्राधिकरणों के पास भूमि जुटाने के लिए पैसा ही नहीं है। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नये शहर प्रोत्साहन योजना के तहत राज्य के पांच विकास प्राधिकरणों और एक आवास विकास परिषद को भूमि अर्जन के लिए 1580 करोड़ रुपये बतौर सीड कैपिटल देने का फैसला किया है।सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई यूपी कैबिनेट की बैठक में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।
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छह जिलों के प्राधिकरण को मंजूर किए गए करोड़ों रुपये
1580 करोड़ रुपये में से सर्वाधिक 400-400 करोड़ रुपये आवास विकास परिषद और वाराणसी विकास प्राधिकरण को दिए गए हैं। मेरठ, मुरादाबाद और कानपुर विकास प्राधिकरण को 200-200 करोड़, आगरा को 150 करोड़ और अयोध्या विकास प्राधिकरण को 30 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दी गई है।
काविप्रा का कुछ इस प्रकार होगा बटवारा
कानपुर विकास प्राधिकरण (Kanpur Development Authority) को मंजूर किए गए 200 करोड़ रुपये में से न्यू कानपुर सिटी योजना के लिए 150 करोड़ रुपये तथा विनगवां आवासीय योजना के लिए 50 करोड़ रुपये की पहली किस्त सीड कैपिटल के रूप में आवंटित की गई है। कैबिनट ने धनराशि के आवंटन में भविष्य में किसी तरह के संशोधन की आवश्यकता होने पर सीएम को अधिकृत करने का भी निर्णय किया है।
बजट में तीन हजार करोड़ की व्यवस्था
इस वित्तीय वर्ष के बजट में इस योजना के लिए तीन हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। जिनमें 1580 करोड़ रुपये मंजूर करने के बाद अब 1420 करोड़ रुपये बचे हैं। प्राधिकरण व परिषद द्वारा पहली किस्त के खर्च कर लेने के बाद इससे दूसरी किस्त के रूप में उन्हें धनराशि दी जाएगी।
सात प्राधिकरणों को जारी की जा चुकी है राशि
बता दें कि योजना के मुताबिक सरकार अगस्त माह में भी सात प्राधिकरणों को एक हजार करोड़ रुपये का बजट जारी कर चुकी है। यह धनराशि पिछले वित्तीय वर्ष के बजट से दी गई थी। गौरतलब है कि नगरीय क्षेत्रों के सुनियोजित व सुव्यवस्थित विकास के साथ-साथ नगरीय जनसंख्या को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराए जाने के लिए पिछले वर्ष मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नये शहर प्रोत्साहन योजना लागू की गई है। योजना के तहत प्राधिकरणों को भूमि अर्जन में आने वाले खर्च के 50 प्रतिशत तक राज्य सरकार द्वारा सीड कैपिटल के रूप में अधिकतम 20 वर्ष की अवधि के लिए दिए जाने की व्यवस्था की गई है।