उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Rajouri Encounter: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में हुए सेना और आतंकवादियों के बीच चल रही मठभेड़ खत्म हो गई है। सेना और आतंकी के बीच मुठभेड़ में भारतीय सेना के पांच जवान शहीद हो गए हैं। इन जवानों में दो कैप्टन भी शामिल हैं।
जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में गुरुवार (23 नवंबर 2023) को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया..जिसमें एक लश्कर का टॉप कमांडर कारी बताया जा रहा है। जो IED बनाने में एक्सपर्ट था जबकि दूसरा आतंकी पाकिस्तानी था। सूत्रों की मानें तो इस ऑपरेशन में अब सीमा पार से लश्कर के कमांडर का एक्शन नजर आ रहा है.
कब और कैसे शुरु हुआ था एनकाउंटर?
सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली की 19 नवंबर को राजौरी में जनरल एरिया पश्चिम निहारी तवी में दो आतंकियों की पहली सूचना मिली थी. बताया गया कि ये वे दो आतंकी हैं, जिनको सुरक्षा बलों को लंबे अरसे से तलाश थी. जानकारी मिलने के बार ऑपरेशन लॉन्च किया गया. इस ऑपरेशन में 63 आरआर और 9 पैरा के कमांडर शामिल थे. आतंकी कारी पिछले एक साल से अपने ग्रुप के साथ राजौरी-पुंछ में एक्टिव था. वह IED में स्पेशलिस्ट था और गुफाओं से छिपकर काम करने वाला ट्रेंड स्नाइपर भी था.
ये भी पढ़ेंः खालिस्तानी आतंकी पन्नू को मिले सज़ा..अमेरिका में रह रहे भारतीयों की मांग
ये भी पढ़ेंः गुड न्यूज़: दिल्ली में 10000 होम गार्ड्स की भर्ती को मंज़ूरी
जम्मू संभाग के राजौरी जिले में हुआ यह एनकाउंटर कालाकोट सब डिविजन में धर्मसाल पुलिस स्टेशन एरिया के बाजी माल के जंगलों में हुआ। एनकाउंटर के दौरान भारतीय सेना के कैप्टन एमवी प्रांजल, केष्टन शुभम गुप्ता, हवलदार अब्दुल माजिद, लैंस नायक संजय बिष्ट और पैरा टूपर टूपर सचिन लौर शहीद हो गए हैं।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक बुधवार रात भर के विराम के बाद गुरुवार सुबह गोलीबारी फिर से शुरू हो गई, जिसमें दोनों आतंकवादी मारे गए। उन्होंने बताया कि यह अभियान अब समाप्त हो गया है। इससे पहले दिन में, एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया था कि एक पाकिस्तानी आतंकवादी (Pakistani terrorists) मुठभेड़ में मारा गया है। बाद में अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य आतंकी को मार गिराया गया है।
इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस बनाने में माहिर था क्वारी
पाक और अफगान मोर्चे पर प्रशिक्षित किया गया है। कॉरी लश्कर-ए-तैयबा का उच्च रैंक आतंकवादी कमांडर था। वह पिछले एक साल से अपने ग्रुप के साथ राजोरी और पुंछ में सक्रिय था। उसे ढांगरी और कंडी हमलों का मास्टरमाइंड भी माना जाता है। इन आतंकियों को इन क्षेत्रों में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए भेजा गया था। वह आईईडी लगाने, गुफाओं से छिपकर हमला करने और प्रशिक्षित स्नाइपर था। इस साल एक जनवरी को राजोरी के ढांगरी में दोहरे आतंकी हमले को अंजाम दिया गया था, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी। इमसें पांच लोग गोलीबारी में और दो लोग आईईडी ब्लास्ट में मारे गए थे। पुलिस ने इस मुठभेड़ को लेकर बताया कि लश्कर का शीर्ष कमांडर क्वारी पिछले एक साल से अपने समूह के साथ राजौरी-पुंछ क्षेत्र में सक्रिय था। उन्होंने यह भी बताया कि मारा गया आतंकी डांगरी और कड़ी हमलों का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है।
आगरा के लाल शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता की कहानी
जम्मू कश्मीर के राजौरी में भारतीय सेना के शहीद होने वाले पांच जवाने में शामिल यूपी के आगरा जिले के लाल कैप्टन शुभम गुप्ता के शहीद होने की खबर मिलते ही ताज नगरी में शोक की लहर दौड़ गई। घरवालों से लेकर शहर का हर शख्स गम में डूबा हुआ है। पिता बसंत गुप्ता ने रोते हुए बताया कि शुभम से दो दिन पहले फोन पर बात हुई थी। तब उसने कहा था कि एक काम बाकी है, उसे पूरा करने जल्द वापस आऊंगा। वहीं, शहीद कैप्टन के भाई ने रूंधे गले से शुभम गुप्ता के जन्मदिन पर हुई पार्टी का जिक्र किया। जिसमें लोगों ने कैप्टन को लंबी उम्र की दुआ दी थी। लेकिन लोगों की दुआ ही कैप्टन को बचा नहीं पाई।
आपको बता दें कि बीते 9 अक्टूबर को कैप्टन शुभम गुप्ता का जन्मदिन था। उस समय वो घर पर ही थे। उनके भाई की आंखों में आज भी शुभम के जन्मदिन की यादें तैर रही हैं। वो कहते हैं कि जन्मदिन पर पूरा परिवार इकट्ठा हुआ था। होटल में धूमधाम से केक काटा गया था। सब लोगों ने – दिल खोलकर शुभम को बधाई दी थी। पार्टी में ‘तुम जियो हजारों साल…’ गाना बज रहा था। भाइयों ने शुभम को कंधे पर उठाकर जश्न मनाया था। मगर किसे पता था कि जिन कंधों पर कैप्टन शुभम को उठाकर डांस किया था, अब उन्हीं से उसे कंधा देना होगा।
दो दिन बाद छुट्टी पर घर आने वाले थे शुभम
जैसे ही शुभम के शहीद होने की खबर घर वालों को मिली, परिवार पर मानों गम का पहाड़ टूट पड़ा। हर कोई हैरान था कि एक झटके में क्या से क्या हो गया। आंखों में आंसू लिए शुभम के पिता बसंत गुप्ता कहते हैं कि दो दिन पहले ही बेटे से फोन पर बात हुई थी। उस वक्त उसने कहा था कि कुछ काम बाकी है उसे पूरा करके जल्द वापस आऊंगा। दो दिन बाद ही छुट्टी पर घर आने वाला था। पिछले 15 दिनों से यही बात कह रहा था कि एक काम है उसे करके आ रहा हूं।
फिर खबर आई कि आतंकवादियों से लोहा लेते समय शुभम गुप्ता घायल हो गए हैं। अस्पताल में इलाज चल रहा है। हालत सीरियस है। मगर कुछ देर बाद एक और खबर आई जिसके बारे में किसी ने सोचा नहीं था, खबर थी कि कैप्टन शुभम गुप्ता शहीद हो गए हैं।
यह ख़बर सनुते ही परिवार में कोहराम मच गया। घर पर लोगों का तांता लग गया। इस मुश्किल घड़ी में कैप्टन शुभम गुप्ता के पिता ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। उसने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। परिजनों ने बताया कि शुभम के घरवाले इस वर्ष उसकी शादी की तैयारियों में थे, मगर इसी बीच शुभम के शहीद होने की खबर आ गई। कैप्टन शुभम गुप्ता की इसी साल शादी होनी थी।
देश के लिए दी शहादत
राजौरी एनकाउंट में शहीद होने वालों में कैप्टन शुभम के साथ ही कैप्टन एमवी प्रांजिल, लांस नायक संजय बिष्ट, हवलदार माजिद और पैराट्रूपर सचिन हैं।
लश्कर ने कब-कब दिए भारत को घाव?
1. 5 जनवरी 1996 को पहली बार डोडा में 15 हिंदुओं की हत्या कर आतंकी कोहराम मचाया था.
2. 20 मार्च 2000 को इसी लश्कर के आंतिकयों ने अनंतनाग में 30 सिखों की हत्या कर दी थी.
3. 13 दिसंबर 2001 को लश्कर के ही आतंकी ने संसद भवन पर हमला किया था.
4. 29 अक्टूबर 2005 को दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट कर 62 लोगों की हत्या कर दी थी.
5. 28 दिसंबर 2005 को बैंगलोर में आतंकी हमला किया था.
6. लश्कर के आतंकियों ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकी हमला किया था और सैकड़ों लोगों की हत्या कर दी.