Kedarnath News: उत्तराखंड के केदारनाथ से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि उत्तराखंड (Uttarakhand) का मौसम तेजी से बदल रहा है। इस दौरान केदारनाथ से एक डरा देने वाली तस्वीर सामने आई है। बता दें कि केदारनाथ में गाधी सरोवर (Gandhi Sarovar) के ऊपर हिमस्खलन हुआ और बर्फ का पहाड़ देखते ही देखते भरभराकर नीचे आने लगा। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
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जब यह घटना हुई तो केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) के पास से किसी ने कैमरे में इस पूरे घटनाक्रम को रिकॉर्ड कर लिया। यहां बर्फ से ढका पहाड़ अचानक नीचे गिरने लगा। बर्फ से ढके पहाड़ के दरकने की वजह से यहां दर्शन करने आए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। सबकी नजरें दरकते हुए पहाड़ की तरफ टिकी हुई थीं।
आपको बता दें कि यह घटना उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले की है। यहां केदरानाथ मंदिर के नजदीक गांधी सरोवर के ऊपर यह भयंकर हादसा हुआ है। इस घटना की जानकारी देते हुए रुद्रप्रयाग के एसएसपी डॉ. विशाखा अशोक भदाने ने कहा कि घटना सुबह 5 बजे की है। यहां केदारनाथ में गांधी सरोवर के ऊपर हिमस्खल हुआ है। उन्होंने अपडेट देते हुए बताया कि इस घटना में किसी भी तरह की जान या माल का नुकसान नहीं हुआ है।
जानिए क्या होता है हिमस्खलन
आपको बता दें कि ऊंचाई पर स्थित पहाड़ ज्यादातर इलाकों में बर्फ से ढके रहते हैं। कई बार अलग-अलग कारण से पहाड़ों के ऊपर ढकी बर्फ अचानक से नीचे आने लगती है। इसी घटना को हिमस्खलन (Snow Avalanche) कहते हैं। इस दौरान बर्फ के तेजी से नीचे गिरने के कारण तेज आवाज भी होती है। कई बार ऐसी घटनाओं में लोगों की दबने से मौत हो जाती है।
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आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंची थी। पहले हफ्ते तक करीब 6 लाख श्रद्धालुओं ने यहां पहुंचकर दर्शन किया। इस बारे में जानकारी देते हुए रुद्रप्रयाग जिले के मजिस्ट्रेट ने कहा कि 10 मई से लेकर अबतक 7 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री इस 11वें ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने आ चुके हैं।
सितंबर और अक्टूबर 2022 में भी यहां तीन बार हिमस्खलन हो गया था। वहीं, 2023 में मई और जून में चौराबाड़ी से लगे कंपेनियन हिमनद में पांच बार हिमस्खलन की घटनाएं हुई थीं। उस समय भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान और वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र का स्थलीय और हवाई सर्वेक्षण कर पूरी स्थिति का जायजा लिया था। वैज्ञानिक दल ने तब हिमालय क्षेत्र में इन घटनाओं का होना सामान्य ही बताया था, लेकिन उन्होंने केदारनाथ मंदिर क्षेत्र में सुरक्षा को और बेहतर बनाने पर जोर दिया था।
इस महीने की शुरुआत में ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी के आवासा पर उच्चस्तरीय बैठक हुई थी। बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि चारधाम यात्रा में जिलाधिकारियों के साथ समन्वय बिठाकर व्यवस्था को ठीक ढंग से चलाएं। इस दौरान धामी ने निर्देश देते हुए कहा कि यात्रा के दौरान व्यवस्थाओं का मौके पर जाकर निरीक्षण करें और किसी तरह की कमी पाए जाने पर उसका समाधान करें।