चंडीगढ़। “वर्किग जर्नलिस्ट आफ इंडिया” के हरियाणा इकाई के अध्यक्ष योगेश सूद और प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष विकास सुखीजा ने यमुनानगर और कैथल प्रशासन द्वारा डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया की आजादी पर प्रतिबंध लगाने और अनचाहे आदेश जारी करने की कड़े शब्दों में निंदा की है। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा है कि हरियाणा सरकार का डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया पर किसी भी तरह का हमला बर्दाशत नही किया जाएगा। साथ ही इसके विरोध में संगठन द्वारा बड़े स्तर पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
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संगठन के अध्यक्ष योगेश सूद और कार्यकारी अध्यक्ष विकास सुखीजा ने कहा कि आज के समय में डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया समाज में पनप रही कुरितियों और समस्याओं के समाधान के लिए आवाज़ उठाने का एक आसान और सरल रास्ता है, जिसको लेकर सरकार की नीयत ठीक नही लगती, क्योंकि जिस तरह से यमुनानगर और कैथल में डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया पर बंदिश लगाने का फैसला लिया जा रहा है, वह इसी को दर्शाता है। सरकार-प्रशासन द्वारा इन जिलों में डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया पर लगाए गए बैन को जल्द नही हटाया गया औऱ अन्य जिलों में भी यदि इस तरह के आदेश देने का प्रयास किया गया, तो इसके विरोध में वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया बड़े स्तर पर आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगा, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से सरकार व प्रशासन की होगी।
सुखीजा और सूद ने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना में, वर्किंग जर्नलिस्ट्स की परिभाषा में डिजिटल मीडिया/ऑनलाइन मीडिया से जुड़े पत्रकारो को, वर्किंग जर्नलिस्ट्स की परिभाषा में शामिल किया गया है।
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केंद्र सरकार की तरफ से डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया को लेकर अभी कोई पालिसी नही आयी है, ऐसे में डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया द्वारा की जा रही कवरेज पर मन मानी नही करने दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आज के आधुनिक युग में डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को सबसे पहले आमजन तक पहुचाने का काम करता रहा है। अभी तक केंद्र ने इस पर कोई नीति नहीं बनाई है, तो इस पर किसी भी प्रकार की रोक या प्रतिबंध लगाना लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का घोर अपमान है। जिन जिलों में आर एन आई का हलावा दिया जा रहा है, तो ध्यान कर ले कि डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया का RNI से कोई वास्ता नहीं है। इसके लिए अलग से पॉलिसी बनाई जानी थी, जो आज तक नहीं बनी है। जब तक किसी भी प्रकार की पॉलिसी नहीं बनती तब तक इस प्रतिबंध या फिर मन चाहे आदेश लागू नहीं किए जा सकते। पहले भी हरियाणा सरकार ऐसा कर के देख चुकी है। जिस पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने करारा फैसला सुनाया था।
संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक गुप्ता और प्रचार सचिव शिव बतरा ने भी कैथल व यमुनानगर में डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया पर बंदिश के आदेशों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि शायद सरकार में बैठे कुछ आकाओं व प्रशासनिक अधिकारियों को ये डर सताने लगा है कि कहीं उनकी कारगुजारियां उजागर ना हो जाए या यूं कहा जाए कि उन पर लग रहे भ्र्ष्टाचार के आरोपों के साक्ष्य डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया के माध्यम से जनता के सामने ना लेकर आ जाए, तभी हड़बड़ाहट में इसी तरह के आदेश दिए जा रहे हैं। ऐसे आदेशों का संगठन पूरी तरह से विरोध करता है। एसोसिएशन ने साफ कहा है कि डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया पर किसी भी तरह की पाबंदी हरियाणा सरकार ने लगाई तो तो बड़ा आंदोलन होगा।
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