AajTak Prayagraj News: देश को वीपी सिंह, लाल बहादुर शास्त्री, हेमवती नंदन बहुगुणा, मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi), जनेश्वर मिश्रा जैसी नामी हस्तियां देने वाली प्रयागराज (इलाहाबाद) सीट पर इस बार मुकाबला दो राजनीतिक वारिसों के बीच है।
बीजेपी तीसरी बार इस सीट पर नए प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी (Neeraj Tripathi) के साथ हैट्रिक लगाने की तैयारी में है, तो वहीं इस सीट पर इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस के उम्मीदवार उज्जवल रमण सिंह (Ujjawal Raman Singh) मैदान में हैं।
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सदी के नायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन भी इलाहाबाद सीट चुनाव लड़े और जीत भी दर्ज की थी। हालांकि बाद में इससे किनारा कर लिया। गंगा-यमुना का संगम कराने वाले प्रयागराज में 25 मई को मतदान होना है। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) को लेकर यहां सिसासी पारा चरम पर है। पिछले दो चुनावों से यह सीट जीत रही और हैट्रिक पर नजर लगाए बीजेपी ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राज्यपाल पं. केशरीनाथ त्रिपाठी (Pt. Keshrinath Tripathi) के बेटे नीरज त्रिपाठी को मैदान में उतारा है।
इलाहाबाद लोकसभा सीट पर लगातार दो बार से बीजेपी चुनाव जीत रही है। साल 2014 में हुए चुनाव में श्यामा चरण गुप्त ने चुनाव जीता था और 2019 में बीजेपी के टिकट पर हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी ने जीत दर्ज की थी।
2024 के चुनाव में बीजेपी (BJP) तीसरी बार इस सीट पर नए प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी के साथ हैट्रिक लगाने की तैयारी में है।
आजतक की टीम सीनियर एंकर अंजना ओम कश्पय (Anjana Om Kashyap) के साथ प्रयागराज का चुनावी हलचल को जानने के लिए पहुंची प्रयागराज, जहां तैयार था आजतक का मंच और उसपर मौजूद थे बीजेपी, कांग्रेस, सपा और RLD के प्रवक्ता। कायक्रम में आई एक महिला ने मतदाता को जगाने के लिए एक गीत सुनाया। इसके बाद शुरू हुआ सवालों का सिलसिला।
पहला सवाल बीजेपी (BJP) के प्रवक्ता से हुआ तो जवाब आया कि आज जब इसको प्रयागराज कहते हैं तो वही प्राचीन प्रयागराज याद आ रहा है। इलाहाबाद से यह सिर्फ प्रयागराज (Prayagraj) नहीं हुआ है यहां कि दशा और दिशा बदलने का काम हुआ है। इस संगम में जब सपा का शासन था को कास्ट, क्राइम और करप्शन का संगम बन गया था। इस प्रयागराज की पहचान अराजकता से होने लगी थी लेकिन प्रयागराज के लोगों को सुरक्षा देने का काम बीजेपी सरकार ने किया है। इस प्रयागराज को तीर्थ राज प्रयाग का पुराना गौरव दिलाने का काम किया गया।
2019 का कुंभ प्रयागराज की गलियों को चोड़ी सड़कों में बदलने का काम किया है। बीजेपी सरकार ने प्रयागराज को महानगर बनाया है। यहां विकास कार्यों की रफ्तार काफी तेज है।
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बीजेपी प्रवक्ता के जवाबों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस (Congress) नेता ने कहा कि बीजेपी वाले वही लोग हैं जो दिलों में आग और लबों पर गुलाब रखते हैं ये अपने चेहरे पर दोहरा नकाब रखते हैं। चेहरे पर जो नकाब उतर रहा है। जिस धरती पर हम लोग मौजूद हैं ये पूर्वांचल का आक्सफोर्ड है, आज यहां के युवा परेशान हैं पेपर लीक हो रहा है तमाम समस्या है उन समस्या को दूर करने के बजाय मोदी सरकार ये नहीं समझ पा रही है कि क्या करें। 10 साल के काम बताने के लिए बीजेपी वालों के पास कुछ नहीं है वो ये नहीं बता पा रहे हैं कि हम दस साल में क्या काम किया।
यह चुनाव जनता बनाम सत्ता हो गया है। कांग्रेस नहीं लड़ रही है जनता लड़ रही है।
तो वहीं RLD प्रवक्ता ने कहा कि विपक्षी गठबंधन वाले जिन्होंने अपराध को रोजगार बनाया था, जिन्होंने नौकरी न देकर लिस्ट जारी करते थे। विपक्षी गठबंधन पूरी तरह से परेशान है हार उसको नजर आने लगी है।
इनसब पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी के लोगों ने बहुत सारे काम गिनाए उसके बाद भी ये अपने सांसद का टिकट काट दिए, जो इशारा करता है कि सच में काम नहीं हुआ है। एक बड़ा सवाल है कि अगर बीजेपी सांसद ने काम किया है तो टिकट क्यों काटा गया। इलाहाबाद के नौजवान बैठे हैं जब RO, ARO को पेपर लीक हुआ तो यूपी पुलिस इनको लाठी से पीट रही थी, कोई भूल नहीं सकता बीजेपी के पास इतना बड़ा काम है।
सवाल जब जनता से लिया गया तो पहला सवाल पूछा कि कांग्रेस के चार चरित्र एकदम साफ है। जो भारत का प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं वो क्या कर रहे हैं देखिए, कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है वहां ओबीसी आरक्षण को छीना जा रहा है। भारत में अगर विकास हुआ है प्रयागराज में अगर विकास हुआ है तो बीजेपी ने किया है।
इस सवाल के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कर्नाटक में ओबीसी आरक्षण छीना जा रहा है ये झूठ है।
जानिए इलाहाबाद की सियासत को
इलाहाबाद लोकसभा सीट (Allahabad Lok Sabha Seat) पर 2019 तक 16 बार लोकसभा चुनाव और 3 बार उपचुनाव हुए हैं। 1952 से लेकर 1971 तक कांग्रेस का इस सीट पर कब्जा रहा है। 1952 में पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में स्वतंत्रता सेनानी श्रीप्रकाश कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे और जीत दर्ज की। इसके बाद लाल बहादुर शास्त्री 1957 में इस सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे और लगातार दो बार जीत हासिल की। उनके बाद 1967 में हरिकृष्णा शास्त्री और 1971 में हेमवती नंदन बहुगुणा सांसद चुने गए थे।
कांग्रेस की गढ़ बन चुके इलाहाबाद को जनेश्वर मिश्रा ने रोका था। 1973 में भारतीय क्रांति दल से जनेश्वर मिश्रा उतरे और सांसद बने। इसके बाद 1984 में अमिताभ बच्चन कांग्रेस के टिकट पर यहां से सांसद चुने गए। 1988 के उपचुनाव में वीपी सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की। इलाहाबाद सीट पर बीजेपी का पहली बार खाता 1996 में खुला था। 1996 में बीजेपी के मुरली मनोहर जोशी ने जीत दर्ज की। 2004 और 2009 में समाजवादी पार्टी के रेवती रमण सिंह यहां से चुनाव जीते।
2014 में यह सीट बीजेपी एक बार जीतने में सफल रही। बीजेपी के श्याम चरण गुप्ता ने सपा के रेवती रमण सिंह को हराया था। लेकिन इस बार के चुनाव में श्यामा चरण गुप्ता बीजेपी का दामन छोड़कर सपा में शामिल हो गए हैं। आपको बता दें कि इलाहाबाद में दो संसदीय सीट हैं, इलाहाबाद और फूलपुर। फूलपुर वहीं संसदीय सीट है जहां भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू चुनाव लड़े थे। इस बार यहां से बीजेपी ने प्रवीण पटेल को प्रत्याशी बनाया है तो सपा ने अमरनाथ मौर्या को मैदान में उतारा है।
2019 का जनादेश
2019 लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद से बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी ने सपा के उम्मीदवार राजेंद्र सिंह पटेल हराया था। राता बहुगुणा जोशी को 4,94,454 वोट मिले थे और राजेंद्र सिंह को 3,10,179 वोट मिले।
2014 का जनादेश
इलाबाद लोकसभा सीट पर 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के श्यामा चरण गुप्ता सपा के रेवती रमण सिंह को 62 हजार 9 मतों से मात देकर जीत हीसिल की। बीजेपी के श्यामा चरण गुप्ता को 3,13,772 वोट मिले तो।