Greater Noida

Greater Noida के नर्सिंग होम्स और क्लीनिक्स में हड़कंप क्यों मचा है?

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा
Spread the love

Greater Noida के नर्सिंग होम्स और क्लीनिक्स पर बड़ा एक्शन, जानिए क्या है कारण

Greater Noida: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के नर्सिंग होम्स और क्लीनिक्स से जुड़ी बड़ी और हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddha Nagar) जिले में स्वास्थ्य विभाग ने 4 झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक सील (Clinic Seal) कर दिए और मानक पूरा न होने पर दो प्राइवेट नर्सिंग होम (Private Nursing Homes) को नोटिस जारी कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि बिसरख थाना क्षेत्र में यह कार्रवाई की गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (Chief Medical Officer) डॉ. सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयेश लाल के नेतृत्व में एक टीम बनाकर झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई हुई है।

ये भी पढे़ंः ख़ुशख़बरी! दिल्ली में चलने वाली है Air Train..ये रही डिटेल

Pic Social Media

स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के अधिकारी के अनुसार बिसरख थाना क्षेत्र के बिहारी बाजार में बंगाली क्लीनिक, जलपुरा गांव में स्थित संजीव शर्मा के क्लीनिक, शिवम हेल्थ केयर और एमनाबाद गांव में स्थित सायन क्लीनिक पर छापा मारा गया, जहां झोलाछाप डॉक्टर मरीज का इलाज करते हुए पाए गए।

ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करें https://whatsapp.com/channel/0029VaBE9cCLNSa3k4cMfg25

अधिकारियों ने बताया कि जांच के समय झोलाछाप डॉक्‍टर इलाज की इजाजत से जुड़े दस्तावेज नहीं दिखा पाए और आरोपियों ने मेडिकल की पढ़ाई भी नहीं की थी। डॉ. जयेश लाल शर्मा ने कहा कि चारों क्लीनिक सील कर दिए गए हैं और क्लीनिक को पुलिस की कस्‍टडी में भी दिया गया है, जिससे सील तोड़कर फिर से इलाज नहीं शुरू हो जाए। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही मानक पूरे नहीं करने पर दो नर्सिंग होम के संचालकों को नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा गया है।

ये भी पढ़ेंः Toll Tax: द्वारका एक्सप्रेसवे पर नहीं होगा कोई टोल प्लाजा..जानिए क्यों?

स्वास्थ्य विभाग ने की लोगों से अपील

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान आगे भी चलाया जाएगा। उन्होंने क्षेत्र के लोगों से अपील की है कि वे केवल रजिस्टर्ड और मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य केंद्रों पर ही इलाज कराएं। इसके साथ ही, अगर कोई अवैध क्लीनिक या झोलाछाप डॉक्टर की जानकारी मिलती है, तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें।