Wayanad Landslide

Wayanad Landslide: केरल में कुदरत का चमत्कार..5 दिन बाद बचाए गए 4 बच्चे

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Wayanad Landslide के 5 दिन बाद 4 बच्चों को बचाने में मिली कामयाबी

Wayanad Landslide: केरल के वायनाड में आए भयंकर भूस्खलन (Wayanad Landslide) में अभी तक 300 से भी ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। सैकड़ो की संख्या में अभी भी लोग लापता हैं। इस भयानक त्रासदी के बीच एक अच्छी और खुश कर देने वाली खबर सामने आई है। आपको बता दें के भूस्खलन प्रभावित वायनाड (Wayanad) के वन अधिकारियों द्वारा 8 घंटे के अथक अभियान के बाद एक दूरदराज के आदिवासी बस्ती से 4 बच्चों को रेस्क्यू किया गया।
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रेस्क्यू अभियान (Rescue Operation) पर प्रतिक्रिया देते हुए केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने बताया कि वन अधिकारियों का ये जज्बा हमें यह याद दिलाता है कि संकट की घोर घड़ी में भी केरल की जीवटता चमकती रहती है। हम एकजुट होकर पुनर्निर्माण करेंगे और फिर से मजबूत होकर उभरेंगे।
आपको बता दें कि कलपेट्टा रेंज (Kalpetta Range) के वन अधिकारी के. हशीस के नेतृत्व में 4 सदस्यों वाली टीम ने एक आदिवासी परिवार को बचाने के लिए जंगल के अंदर एक खतरनाक रास्ते को पार करते हुए इस रेस्क्यू अभियान को अंजाम दिया। इस अभियान में बचाए गए बच्चों में आदिवासी समुदाय के एक से 4 साल की उम्र के चार बच्चे शामिल हैं।

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रेस्क्यू टीम को पहुंचने में लगे साढ़े चार घंटे

वायनाड के पनिया समुदाय का यह परिवार एक पहाड़ी की चोटी पर एक गुफा में फंसा था, जिसके ऊपर एक गहरी खाई है और टीम को वहां पहुंचने में साढ़े चार घंटे से भी ज्यादा का समय लग गया। मीडिया एजेंसी से बातचीत करते हुए हशीस ने बताया कि उन्होंने गुरुवार को मां और चार साल के बच्चे को वन क्षेत्र के पास भटकते हुए देखा और पूछताछ करने पर पता चला कि उसके तीन अन्य बच्चे और उनके पिता बिना भोजन के एक गुफा में फंसे हैं।

हशीस ने आगे बताया कि परिवार आदिवासी समुदाय के एक विशेष वर्ग से ताल्लुक रखता है, जो आम तौर पर बाहरी लोगों से बातचीत नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि वे आम तौर पर वन उत्पादों पर आश्रित रहते हैं और उन्हें स्थानीय बाजार में बेचकर चावल खरीदते हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि भूस्खलन और भारी बारिश के कारण वे कोई भोजन प्राप्त करने में असमर्थ थे।

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चट्टानों पर चढ़ने के लिए बांधनी पड़ी रस्सियां

वन रेंज अधिकारी ने अपनी खतरनाक यात्रा के बारे में आगे जानकारी देते हुए बताया कि भारी बारिश के बीच फिसलन भरी और खड़ी चट्टानों से होकर गुजरना पड़ा। हशीस ने कहा कि बच्चे थके हुए थे, और हम अपने साथ खाने-पीने का जो भी सामान ले गए थे उन्हें खिलाया। बाद में, बहुत समझाने के बाद, उनके पिता हमारे साथ आने के लिए तैयार हुए, और हमने बच्चों को अपने शरीर से बांध लिया और वापस अपनी यात्रा शुरू की। अधिकारियों को फिसलन भरी चट्टानों पर चढ़ने के लिए पेड़ों और चट्टानों से रस्सियां बांधनी पड़ीं।

वे अट्टामाला के अपने स्थानीय ऑफिस वापस आए, जहां बच्चों को खाना खिलाया गया और कपड़े और जूते दिए गए। उन्होंने कहा कि फिलहाल उन्हें वहां रखा गया है और बच्चे अब सुरक्षित हैं। केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने वन अधिकारियों के चुनौतीपूर्ण प्रयास की सराहना करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया और तस्वीरे साझा कीं।

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सीएम विजयन ने की तारीफ

विजयन ने एक्स पर लिखा कि भूस्खलन प्रभावित वायनाड में हमारे साहसी वन अधिकारियों द्वारा 8 घंटे के अथक अभियान के बाद एक सुदूर आदिवासी बस्ती से छह कीमती जानें बचाई गईं। वन अधिकारियों का ये जज्बा हमें याद दिलाता है कि संकट की घोर घड़ी में भी केरल की जीवटता चमकती रहती है। हम उम्मीद के साथ एकजुट होकर पुनर्निर्माण करेंगे और मजबूत होकर उभरेंगे।

हशीश के साथ, खंड वन अधिकारी, बी एस जयचंद्रन, बीट वन अधिकारी, के अनिल कुमार और आरआरटी ​​(रैपिड रिस्पांस टीम) के सदस्य अनूप थॉमस ने परिवार को बचाने के लिए सात किलोमीटर से अधिक लंबी यात्रा की। जैसे ही बारिश तेज हुई, वन विभाग ने वायनाड में आदिवासी समुदायों के अधिकांश सदस्यों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था। अधिकारी ने बताया कि यह परिवार कुछ समय से जंगल के अंदर रह रहा था।