उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Lift Stuck: राजधानी दिल्ली हो, नोएडा या गाजियाबाद.. तमाम बड़े शहरों में हर दिन कहीं न कहीं लिफ्ट फंसने के मामले सामने आते रहते हैं। कई बार ये हादसा बड़ा रूप ले लेता है। ताजा मामला गाजियाबाद (Ghaziabad) के कोयल एन्क्लेव आवासीय सोसायटी (Koel Enclave Housing Society) के सी ब्लॉक का है। जहां लिफ्ट खराब होने से एक हॉकर लगभग दो घंटे लिफ्ट के अंदर फंसा रहा। हादसे के समय मेंटेनेंस स्टाफ (Maintenance Staff) नहीं होने के कारण निवासियों ने अपनी समझदारी और जुगत से लिफ्ट को बड़ी मुश्किल से खोला और किसी तरह से वेंडर को बाहर निकाला। वेंडर को निकालने में करीब दो घंटे लग गए।
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निवासियों का कहना है कि जब से सोसायटी विकसित हुई है, तबसे कोई भी लिफ्ट ऑपरेटर नहीं रखा गया है। इस कारण ढाई सालों में लिफ्ट में लोगों ने घंटों फंसने की सैकड़ों घटनाएं हो चुकी हैं। मंगलवार को भी मेंटेनेंस स्टाफ और लिफ्ट ऑपरेटर नहीं होने से वेंडर लगभग दो घंटे तक फंसा रहा। सोसायटी में कुल 504 फ्लैट हैं, जिसमें लगभग 80 फ्लैटों में लोग रहते हैं। 9 मंजिला इमारत में कुल 12 लिफ्ट हैं। ये सोसायटी गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा बनाई गई है।
सोसाइटी के निवासी सुनील कुमार ने कहा कि सोसायटी का रखरखाव जीडीए करता है, लेकिन रखरखाव कर्मचारी लगाए नहीं गए हैं। कोई लिफ्ट ऑपरेटर नहीं है। गार्ड भी ट्रेंड नहीं हैं। हमारे बच्चे, घर के बुजुर्गों की सुरक्षा खतरे में है। इससे पहले भी सैकड़ों बार लोग लिफ्ट में घंटों फंस चुके हैं। लिफ्ट में नेटवर्क भी काम नहीं करता। हॉकर ने करीब एक घंटे बाद जब नेटवर्क आया तब एक निवासी को फोन किया। सीनियर सिटीजन और बच्चों के पास मोबाइल भी नहीं होते। ऐसे में तो उनकी जान को भी ख़तरा है।
दूसरे निवासी आशीष मिश्रा ने बताया कि सोसायटी में लिफ्ट के रखरखाव होने की समस्या ढाई साल से बनी हुई है। काफी शिकायतों के बाद बीच में लिफ्ट का संचालन शुरू कराया गया, लेकिन बीच-बीच में तकनीकी खामियों से समस्या बनी रहती है। प्राधिकरण के कागजों में लिफ्ट ऑपरेटर की सुविधा दी गई, लेकिन जमीनी तौर पर कोई लिफ्ट ऑपरेटर नहीं रखा गया है। इससे हम सभी को लिफ्ट में आते-जाते समय फंसने का भय बना रहता है।