अजय द्विवेदी, ख़बरीमीडिया
उत्तर प्रदेश सरकार ने अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे 138 कानूनों को हटाने की तैयारी कर ली है। इन कानूनों को खत्म करने के लिए राज्य विधि आयोग से सुझाव मांगा गया है। विभागों से हुए पत्राचार में कहा गया है कि अगर कानून लागू करना है तो इसके पीछे ठोस कारण बताना होगा। कानून खत्म करने के लिए भी सहमति की आवश्यकता है।
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आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी उत्तर प्रदेश के 40 विभागों में अंग्रेजी हुकूमत द्वारा थोपे गए लगभग 138 कानूनों को जो कि वर्तमान में प्रचलन में नहीं हैं और ना ही इनका कोई औचित्य है उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह से खत्म करने और उनमें संशोधन करने की तैयारी बना चुकी है।
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इंडियन पार्टनरशिप एक्ट भी शामिल
इन कानूनों में भारतीय भागीदारी अधिनियम 1932 भी शामिल है। यह कानून उन लोगों के लिए बनाया गया था जो ऐसी फर्म चलाते हैं, जिनके मालिक दो या दो से अधिक लोग हैं। या ऐसी कंपनी जिसे दो या दो से अधिक लोग मिलकर संचालित करते हों। सरकार का मानना है कि अब इस कानून का कोई औचित्य नहीं रह गया है. विधि आयोग ने विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिवों से कानूनों को रद्द करने का कारण पूछा है.