UP By-election: उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। हालांकि, चुनाव आयोग (Election Commission) की ओर से उपचुनाव की तारिखों का ऐलान फिलहाल अभी नहीं हुआ है। लेकिन राज्य में सिय़ासी पारा बढ़ने लगा है। सूबे की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) मुख्य रूप से आमने-सामने नजर आ रही है।
योगी आदित्यनाथ के लिए सीसामऊ सीट बनीं चुनौती
दरअसल, जिन 10 सीटों पर उपचुनाव (By-election) होना है उनमें से तीन भारतीय जनता पार्टी (BJP), दो राष्ट्रीय लोक दल (RLD) और 5 समाजवादी पार्टी (SP) के पास थीं। इन सीटों में सबसे ज्यादा चर्चित अयोध्या (Ayodhya) (पूर्व फैजाबाद) की मिल्कीपुर (Milkipur) सीट है, क्योंकि इस सीट से फैजाबाद (Faizabad) के मौजूदा सांसद अवधेश प्रसाद (Awadhesh Prasad) विधायक थे। लेकिन जहां एक तरफ पूरे देश की नजर मिल्लीपुर सीट पर है। तो वहीं, प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) कानपुर शहर की सीसामऊ (Sishamau) सीट पर निगाहें टिकाएं हुए हैं। क्योंकि इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 28 साल पहले जीत मिली थी। जोकि भाजपा (BJP) के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
सपा का गढ़ मानी जाती है सीसामऊ सीट
कानपुर शहर की सीसामऊ (Sishamau) सीट पर पिछले तीन चुनाव से समाजवादी पार्टी (सपा) जीतती आ रही है। पूर्व विधायक इरफान सोलंकी (Irfan Solanki) ने इस सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ बना दिया है और इस सीट पर उपचुनाव (By-eletion) होने है। दरअसल, इरफान सोलंकी को एमपी-एमएलए (MP-MLA) लोअर कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है। जिसके चलते उनकी विधानसभा से सदस्यता चली गई है। इस सीट को जीतने के लिए भाजपा (BJP) पूरा जोर लगा रही है। हालांकि, समाजवादी पार्टी ने इस सीट से इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी (Naseem Solanki) को चुनावी मैदान में उतारा है।
ये भी पढ़ेंः UP By-election: यूपी विधानसभा उपचुवान को लेकर दिल्ली में अहम बैठक, CM Yogi भी रहेंगे मौजूद
बता दें कि कानपुर की इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को आखिरी बार जीत साल 1996 के विधानसभा चुनाव में मिली थी। राकेश सोनकर (Rakesh Sonkar) इस सीट से विधायक चुने गए थे। इसके बाद एक बार यह सीट 2007 के चुनाव में कांग्रेस नेता संजीव दरियाबादी ने जीती और 2009 के बाद हुए परिसीमन (Delimitation) के बाद यह सीट सपा (SP) का गढ़ बन गई। 2012, 2017 और 2022 तीनों ही विधानसभा चुनाव में यहां समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की।
सीसामऊ सीट का इतिहास
साल 1974 में अस्तित्व में आई सीसामऊ सीट मुस्लिम बाहुल इलाका है। यहां पर 70 फीसदी मुस्लिम आबादी रहती है। 2012 तक तो, यह सीट एक सामान्य सीट ही थी। लेकिन इसकी डेमोग्राफी (Demography) और परिसीमन (Delimitation) में हुए बदलाव के बाद स्थिति पलट गई। इस सीट पर 5 बार कांग्रेस और 3 बार बीजेपी जीती। 1974 में कांग्रेस के शिवपाल वाल्मीकि (Shivpal Valmiki) ने जीत दर्ज की थी।
योगी आदित्यनाथ ने कार्यकर्ताओं में भरा था जोश
कानपुर की इस सीट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) अगस्त में दौरा भी कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं के बीच यह भी कहा था कि भले ही अल्पसंख्यक आबादी ज्यादा हो फिर भी भाजपा (BJP) चुनाव जीत सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने इस दौरान कार्यकर्ताओं को रामपुर (Rampur) विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव और उसमें भाजपा (BJP) को मिली जीत का जिक्र भी किया था।
ये भी पढ़ेंः Dussehra 2024: विजयदशमी पर CM Yogi ने की विधिवत पूजा, लोक-मंगल की कामना…
सीएम योगी (Cm Yogi) ने सपा को लेकर लाल टोपी वाला बयान भी यहीं कानपुर से ही दिया था। उन्होंने कहा था कि सामाजवादी प्रदेश (SP) के अंदर अराजकता पैदा करने की मंशा से अवसर का जाया नहीं करती है। दरअसल, उस दौरान अयोध्या (Ayodhya) रेप केस चर्चा में था, जिसको लेकर मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) ने कहा था कि अयोध्या के अंदर सपा के चरित्र को देखा है। निषाद बेटी के साथ चरित्र का हनन करता है। सपा उसका समर्थन करती है।
इनके नेता सदन में सद्भावना ट्रेन चलाने की बात करते हैं, लेकिन बुलेट ट्रेन चलेगी। इनका तीसरा मॉडल कन्नौज (Kannuj) में नवाब ब्रांड पहचान है। कैसे बेटियों के साथ बेशर्मी से खिलवाड़ करते हैं। इनके इतिहास के पन्नों को पलटलेंगे तो लाल टोपी के काले कारनामें मिलेंगे।
अखिलेश यादव ने की थी इरफान सोलंकी के परिवारवालों से मुलाकात
एक तरफ जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) यहां से समाजवादी पार्टी (SP) पर हमलावर नजर आए थे तो दूसरी ओर सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) भी यहां पूरी ताकत झोंक रहे हैं। लखनऊ में इरफान सोलंकी को सजा होने के बाद अखिलेश यादव ने उस दौरान इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी (Naseem Solanki) समेत उनके परिजन से मुलाकात की थी।
ये भी पढ़ेंः Yogi Adityanath: राष्ट्रवाद ‘Power of Unity’ को दर्शाता योगी का बयान, ‘बंटोगे तो कटोगे’ एक रहेंगे नेक रहेंगे!
ऐसे में सीसामऊ (Sishamau) की यह सीट भाजपा (BJP) के लिए एक बार फिर चुनौती बनने वाली है। इसलिए भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Cm Yogi Adityanath) पूरी ताकत झोंक रहे हैं। इसकी वजह यह है कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) में भाजपा को हुए नुकसान के बाद मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व पर सवाल खड़े हुए थे। इसके चलते सीएम योगी (CM Yogi) ने हर सीट के लिए अपने मंत्रियों की एक स्पेशल टीम बनाई है। अब यह देखना होगा कि क्या इस सीट पर भाजपा रामपुर (Rampur) या स्वार (Suar) सीट की तरह कोई बड़ा चुनावी इतिहास रच सकती है या फिर नहीं।