Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देश पर पॉवर परचेज एग्रीमेंट्स (Power Purchase Agreements) में हेरफेर करने वालों पर विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है। सीएम भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Maan) का कहना है कि इसमें हेरफेर करने वाले किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे। आपको बता दें कि पीएसपीसीएल ने दो थर्मल पावर और 90 से अधिक ऊर्जा कंपनियों के साथ बिजली खरीद समझौते (PPA) के रिकॉर्ड विजिलेंस ब्यूरो को सौंपे है। जिस दौरान विजिलेंस ब्यूरो (Vigilance Bureau) अधिकारी ने कहा कि PPA की जांच नए सिरे से शुरू की जाएगी। आगे उन्होंने कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने नवंबर 2021 में जांच आयोग को रिपोर्ट दी थी लेकिन जांच अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है।
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आपको बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) के सीएम रहने के दौरान भी उन्होंने कहा था कि बिजली खरीद समझौते में से केवल 17 ही सही है। आम आदमी पार्टी ने अकाली भाजपा सरकार के कार्यकाल के समय सभी PPA की जांच कराने की बात कही थी। जिससे केवल राज्य के खजाने को नुकसान पहुंचा था। आम आदमी पार्टी बिजली की सप्लाई न होने पर भी अधिक कीमत चुकाने पर आपत्ती जताती रही है।
तो वहीं राज्य सरकार ने पहले ही गोइंदवाल साहब परियोजना को अपने कब्जे में ले लिया है। राजपुरा और तलवंडी साबो में दो अन्य निजी थर्मल परियोजनाओं के साथ PPA’s की जांच होगी। इसी के साथ आपको बता दें के 95 कंपनियों के साथ बिजली खरीदने के लिए उच्चतम दर 17.91 प्रति यूनिट थी।
8 रूपए प्रति यूनिट से अधिक की दर पर बिजली खरीदने के लिए 20 से अधिक समझौते हुए और 7-8 रूपए प्रति यूनिट पर बिजली खरीदने के लिए 35 समझौते किए गए थे लेकिन मौजूदा सरकार द्वारा बिजली खरीदने के लिए बनाए गए 9 PPA 2.50 से 3 रुपए प्रति यूनिट की दर से किए गए।