सुपरटेक के अलग अलग प्रोजेक्ट में घर बुक करवाने वाले 20 हजार से ज्यादा घर खरीदार परेशान हैं। 10 साल बाद भी हजारों लोगों को उनका फ्लैट नहीं मिला है। इनके अलावा हजारों की संख्या में फ्लैट खरीदार रजिस्ट्री का भी इंतजार कर रहे हैं। बिल्डर द्वारा पैसा नहीं देने पर प्राधिकरण रजिस्ट्री की अनुमति नहीं दे रहा है।
ऐसे में फ्लैट खरीदारों की निगाहें अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जाकर टिक गई है। क्योकि कोर्ट सुपरटेक के प्रोजेक्ट को सिंगापुर की कंपनी को फंड लगाने की इजाजत दे सकता है। ऐसे में अगर कोर्ट से सिंगापुर की कंपनी को सुपरटेक में फंड लगाने की इजाजत मिल गई तो हजारों फ्लैट खरीदारों के घर का सपना पूरा हो जाएगा। उनकी रजिस्ट्री शुरू हो जाएगी। उनको फ्लैट का मालिकाना हक मिल जाएगा।
फ्लैट खरीदारों से जब ख़बरी मीडिया ने बात की तो उन्होंने बताया कि उनके प्रोजेक्ट पूरे होने चाहिए और मकान मिलना चाहिए। फिर चाहे स्थानीय बैंक पैसा लगाएं या सिंगापुर की कंपनी प्रोजेक्टों को पूरा करे। सुपरटेक कंपनी के खिलाफ एनसीएलटी में 17 मार्च को सुनवाई पूरी हुई थी और 25 मार्च 2022 को आए आदेश में कंपनी को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने के साथ ही आईआरपी (इंट्रिम रिजॉल्युशन प्रोफेशनल) की नियुक्ति कर दी थी। इस कंपनी के 18 प्रोजेक्ट चल रहे हैं और इनके पूरे होने पर करीब 20 हजार लोगों को घर मिलेगा।
बैंकों ने पहले बकाया मांगा
आईआरपी के इस प्रस्ताव का बैंकों ने विरोध किया है। बैंकों का कहना है कि यदि सिंगापुर की कंपनी अधिक ब्याज दर पर निवेश करेगी तो उनका बकाया कैसे मिलेगा। उनके बकाये को निपटाने के बाद ही निवेश की अनुमति दी जाए। मतलब कहानी अभी बाकी है। |