नीलम सिंह चौहान, खबरीमीडिया
क्या आपको पता है कि फिल्म इंडस्ट्री इकलौती ऐसी इंडस्ट्री है, जहां एक भी पब्लिक हॉलीडे नहीं होती है। न ही दिवाली, न होली, न ईद और न ही क्रिसमस। यहां तक कि राष्ट्रीय पर्व में भी लोग काम पर ही लगे हुए होते हैं। इसी वर्ष की स्टार्टिंग में बॉलीवुड की फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाली कई यूनियनों की फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एंप्लाइज ने संडे को सूटिंग बंद रखने के साथ ही सूची जारी करके साल में 12 और हॉलीडे का एलान किया था। लेकिन फेडरेशन की अभी भी एक नहीं सुनी जा रही है और 10 महीने के बाद भी छुट्टियां लागू नहीं हो पा रही हैं।
निर्माताओं की संस्था फेडरेशन की एक नहीं मान रही है और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर महाराष्ट्र में अमल हो पाना कितना मुश्किल है, ये भी इस मामले से समझ में आ रहा है।
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हिंदी फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में काम करने वाले सभी कारीगर, तकनीशियन की संस्था फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एंप्लॉयज ने जनवरी के महीने में साल में अनिवार्य हॉलीडे की सूची को जारी किया था। जिसमें महीने के हर रविवार की छुट्टी के अलावा साल भर में 12 और हॉलीडे का एलान किया गया था। लेकिन अभी तक इन मूवी में काम करने वाले कामगरों, तकनीशियनों के लिए छुट्टियों को लागू नहीं किया गया है। इस मामले में अब निर्माताओं की सबसे बड़ी संस्था इंपा के अध्यक्ष अभय सिन्हा ने कहा, फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एंप्लॉयज की इस पहल से हमारी संस्था का कुछ लेना देना नहीं है। हमारी संस्था केवल निर्माताओं की समस्या का ध्यान देती है और उसका निवारण करती है।
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वहीं इस बारे में फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एंप्लॉयज के अध्यक्ष बी एन तिवारी का कहना है कि, इस दिशा में हमारे प्रयास लगातार जारी हैं। फिलहाल सरकार के पास हमारे लिए समय नहीं है। अब दिवाली के बाद हम लेबर कमीशन और महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर इस बारे में अवगत कराएंगे।