Maharashtra की राजनीति में भूचाल आने वाला है!

महाराष्ट्र
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Jyoti Shinde,Editor

महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल के बाद अब राज्य में मानसून सत्र शुरू होने वाला है। इससे पहले राज्य में कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। यह भी माना जा रहा है कि राज्य में मानसून सत्र शुरू होने से पहले कैबिनेट विस्तार हो सकता है। इस महीने की शुरुआत में एनसीपी का एक धड़ा शिंदे-फडणवीस गुट में शामिल हो गया था।

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एकनाथ शिंदे को लग सकता है झटका?
अजित पवार और उनके साथ 9 नेताओं ने भी शपथ ली है। इसके साथ ही अब शिंदे गुट और बीजेपी के पक्ष के विधायकों को भी मंत्री बनाए जाने की आशंका जताई जा रही है। वैसे शिंदे गुट के विधायक इस बात को लेकर बेचैन हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार में उनका नाम शामिल होगा या नहीं! इसके अलावा शिंदे गुट के कई विधायक पाला बदलने के मूड में हैं। एक मीडिया एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से खबर छापी है, जिसके मुताबिक कुछ विधायक उद्धव ठाकरे सेना के संपर्क में हैं। ऐसे में अगर इन विधायकों को मंत्री पद नहीं मिला तो ये जल्द ही शिंदे गुट छोड़ सकते हैं।

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अजित पवार की क्या है मांग
हाल ही में एनसीपी से बगावत कर डिप्टी सीएम बने अजित पवार, गृह, वित्त या शहरी विकास में से कोई एक मंत्रालय मांग रहे हैं। आपको बता दें कि पवार उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकर में वित्त मंत्री रह चुके हैं। साल 2022 में जब सीएम शिंदे ने शिवसेना से बगावत की थी तो उन्होंने अजित पवार द्वारा फंड बांटने में की जा रही मनमानी को बगावत की प्रमुख वजह बताया था।

फडणवीस, पवार को गृह मंत्रालय देने के इच्छुक नहीं हैं तो शिंदे उनके साथ शहरी विकास मंत्रालय में हिस्सेदारी बाटना नहीं चाहते है। अब इस बात की संभावना भी बन रही कि कि अजित पवार को ऊर्जा और राजस्व मंत्रालय दिया जा सकता है। लेकिन‌ सवाल यह है कि पिछले सरकार में वित्त मंत्री रहे पवार ऊर्जा और राजस्व से संतोष करेंगे?

क्या नये विधायकों को मिलेगा मौका?
महाराष्ट्र सरकार में 14 अन्य मंत्री शामिल किये जा सकते हैं। फिलहाल महाराष्ट्र में तीन पार्टियां मिलकर सरकार चला रही हैं। खबर है कि बीजेपी आलाकमान अपने ही कुछ मंत्रियों और शिंदे गुट के कई मंत्रियों के कामकाज से नाराज है। ऐसे में जल्द ही इन नेताओं की छुट्टी हो सकती है। उनकी जगह नए विधायकों को मौका देने की बात चल रही है।

माना जा रहा है कि शिंदे गुट के साथ आए 40 विधायकों में से ज्यादातर मंत्री बनने का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से कई नेता उद्धव ठाकरे के कार्यकाल में मंत्री थे। ये नेता इसे अपना अधिकार मानते हुए मंत्री पद पर बने रहने की वकालत कर रहे हैं। ऐसे में अगर इन नेताओं को भाव नहीं मिला तो ये जल्द ही सरकार के खिलाफ बगावत कर सकते हैं। इनमें से कई नेता उद्धव ठाकरे के संपर्क में रहते हैं।

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