Greater Noida West: ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो (Greater Noida West Metro) को लेकर अबतक का सबसे बड़ा अपडेट सामने आया है। नई डीपीआर में कुछ बदलाव भी हुए हैं। दो नए स्टेशनों को जोड़ा गया है, जिससे इस लाइन की लागत भी बढ़ गई है। उम्मीद की जा रही है कि लोकसभा चुनाव खत्म होते ही नए बदलाव के साथ मेट्रो के काम में तेजी आ जाएगी। ओर ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो लाइन पर तेजी से काम शुरू हो जाएगा। इससे ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Greater Noida West) के लाखों लोगों को काफी राहत मिलेगी।
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बदलाव के साथ आगे भेजी गई फाइल
ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Greater Noida West) रूट पर मेट्रो के आने में लगभग पांच साल की देरी हो चुकी है, जिसके पीछे कई वजहें हैं। इस साल की शुरुआत में ग्रेटर नोएडा वेस्ट रूट की डीपीआर (DPR) फाइनल हुई और उसे केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया। अभी तक डीपीआर को केंद्र सरकार से मंजूरी की आधिकारिक जानकारी नहीं आई है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद इस दिशा में प्रगति होते हुए नजर आएगी।
दिल्ली से ग्रेटर नोएडा वेस्ट पहुंचना होगा आसान
ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Greater Noida West) को मेट्रो के रूट से जोड़ने के लिए एनएमआरसी ने इस साल के शुरुआत में एक्वा लाइन कॉरिडोर को बढ़ाने के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है, जिससे हजारों लोगों को और फायदा होगा। पहले इस रूट में 9 स्टेशन थे जो अब 11 होंगे और यह नोएडा सेक्टर-51 से शुरू होकर नॉलेज पार्क V (ग्रेटर नोएडा) तक जाएगी। इसके साथ ही नई डीपीआर में इस रूट को दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन से भी कनेक्ट कर दिया गया है। जिससे दिल्ली से ग्रेटर नोएडा वेस्ट पहुंचना काफी आरमदेह होगा। वहीं, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों को भारी जाम से भी कुछ राहत मिलेगी।
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मेट्रो बदलने के लिए मिलेगी यह सुविधा
नई डीपीआर के मुताबिक, नोएडा सेक्टर-61 स्टेशन एक्वा लाइन और डीएमआरसी की ब्लू लाइन के बीच इंटरचेंज करने की सुविधा होगी। इससे लोगों को मेट्रो बदलने के लिए स्टेशन से नीचे उतरने की जरूरत नहीं होगी। यह लोगों के लिए बेहद सुविधानजक होगा। डीपीआर को केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा गया है। लेकिन, यह पहला मौका नहीं है, जब इस रूट के लिए डीपीआर तैयार हुई है। इससे पहली वाली डीपीआर को मंजूरी नहीं मिली थी, क्योंकि उसमें कुछ बदलाव किये जाने थे। नई डीपीआर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काफी बदलाव कराए हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस बार डीपीआर को मंजूरी मिल जाएगी।
जानिए कितना आएगा खर्च
नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के अधिकारियों ने जानकारी दी कि डीपीआर के मुताबिक, इस रूट पर मेट्रो चलाने पर 2991 करोड़ 60 लाख रुपए का खर्चा आ सकता है। दो स्टेशन और जुड़ने से रूट की लागत लगभग 794 करोड़ रुपये बढ़ गई है। इससे पहले रूट पर कुल 2197 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान था। इस बार मेट्रो का जो रूट बनाया गया है, वह पहले के मुकाबले लगभग ढाई किलोमीटर लंबा है, जिसकी लंबाई अब साढ़े सत्तरह किलोमीटर हो गई है।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कब आएगी मेट्रो
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो कब तक आएगी, इस सवाल का जवाब लाखों लोग जानना चाहते हैं। यहां के लोग सालों से मेट्रो के आने का इंतजार कर रहे हैं। कई बार इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी हुए, लेकिन अभी तक इस रूट पर काम शुरू नहीं हुआ है। अब तो ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले लोग भी निराश होते दिख रहे हैं। यहां रहने वाले एक शख्स दिगपाल सिंह कहते हैं कि अभी तक इस लाइन पर काम शुरू नहीं हुआ है और कुछ आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं। हम कई सालों से मेट्रो का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि अगले 5 सालों तक इस रूट का काम पूरा नहीं हो पाएगा।
जानिए क्या होती है डीपीआर
ग्रेटर नोएडा वेस्ट रूट के लिए डीपीआर फाइनल हो गई है। डीपीआर यानि किसी प्रोजेक्ट की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट। यह एक ऐसी रिपोर्ट होती है, जिसमें परियोजना से जुड़ी सभी जानकारी होती है। एक-एक चीज की छोटी से छोटी बात की डिटेट जानकारी होती है। प्रोजेक्ट कहां से शुरू होता, कहां पर खत्म होगा, चार्च कितना आएगा… लगभग सभी जानकारी डीपीआर में मौजूद होती है। अगर यह कहें कि डीपीआर में किसी परियोजना का पूरा लेखा-जोखा होता है, तो गलत नहीं होगा।