उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Nodia News: सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट का मामला एक बार फिर से चर्चा में है। जबकि सुपरटेक एमरॉ़ल्ड कोर्ट (Supertech Emerald Court) के टावरों को ध्वस्त हुए करीब 15 माह का समय बीत चुका है। अब इन टावरों के निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी शुरू हो गई है। इन टावरों को एनओसी देने वाले तीन पूर्व (Fire Officer)सीएफओ के खिलाफ नोएडा के फेज दो थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसको लेकर पुलिस की जांच अब लगभग पूरी होने वाली है और इस मामले में चार्जशीट लगाने के लिए शासन से निर्देश मांगा गया है। पुलिस अधिकारियों से प्राप्त सूचना के मुताबिक इस प्रकरण में टावरों में अग्निकांड (Fire Incident) से बचाव के संसाधन न होने पर भी एनओसी (NOC) देने वाले और उस पर कार्रवाई न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मुकदमें की जांच अब लगभग-लगभग पूरी हो गई है। जिसमें वह शीघ्र ही चार्जशाटी जमा कर देंगे.
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दो आरोपियों ने ले रखी है जमानत
इस मामले में अग्निशमन विभाग (Fire Department) के तीन सीएफओ महावीर सिंह, राजपाल त्यागी और आईएस सोनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें से महावीर सिंह और आईएस सोनी ने न्यायालय से जमानत पर हैं। जबकि राजपाल त्यागी को अभी तक बेल नहीं मिली है। इस मामले में दर्ज मुकदमें में धारा-11 भी लगी थी। जबकि जांच में खुलासा हुआ है कि इस प्रकरण में यह धारा नहीं बनती, जिसको लेकर फेज दो थाना पुलिस ने एसपीओ और अन्य विशेषज्ञों से भी राय मांगी है। जिनकी राय आने के बाद इस धारा को लेकर फैसला लिया जाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ता नेहा आजाद ने कहा कि यदि किसी बिल्डिंग का निर्माण करने वाला और उसका प्रयोग करने वाला व्यक्ति अग्निशमन के नियमों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ धारा-11 के तहत मुकदमा दर्ज होता है।