खबर ग्रेटर नोएडा वेस्ट(Greater Noida West) की सोसायटी सुपरटेक ईकोविलेज-1(Supertech Ecovillage-1) से है। जहां फ्लैट खरीदने वाले शायद अपनी किस्मत को कोस ही रहे हैं। महीनों से लोग बिजली की समस्या से दो-चार हो रहे हैं। रात में घंटों लाइट का ना होना बच्चे और बुजुर्गों के लिए परेशानी की सबब बनता जा रहा है। ऊपर से DG के हाई चार्ज ने भी लोगों को दुखी कर रखा है। लेकिन अब एक नई समस्या यहां के निवासियों के लिए खतरे की घंटी बजा रहा है। वो है सुपरटेक ईकोविलेज-1 में जहां तहां फैली गंदगी। जिसकी वजह से एक जानलेवा बीमारी कभी भी दस्तक दे सकती है।
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बीमारी का नाम है लेप्टोस्पायरॉसिस(Leptospirosis) है जो मॉनसून के दौरान बढ़ जाती है। भारत में इस बीमारी ने साल 2013 में दस्तक दी थी, उसके बाद से हर साल इस बीमारी के कारण हजारों लोग प्रभावित होते हैं। इस बीमारी से मरने वालों का आंकड़ा 10-15 फीसदी का रहता है। यह बीमारी जानवरों के मल-मूत्र से फैलने वाले लेप्टोस्पाइरा नाम के बैक्टीरिया से होती है। जो गंदगी भरे पानी- जगहों में पनपता है। बारिश के मौसम में इस संक्रमण के फैलने की आशंका बढ़ जाती है। लेप्टोस्पायरॉसिस के गंभीर प्रकार को वेल रोग के नाम से भी जाना जाता है।
बीमारी के लक्षण
लेप्टोस्पायरॉसिस गुर्दे की क्षति, मेनिनजाइटिस (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के चारों ओर सूजन), लीवर की विफलता, सांस लेने में परेशानी और यहां तक कि मौत का कारण भी बन सकता है। इसके कुछ लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, ठंड, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, पीलिया, लाल आंखें, पेट दर्द, दस्त आदि शामिल हैं।
सुपरटेक ईकोविलेज-1 के आसपास जिस हिसाब से गंदा नाला और जगह जगह पानी जमा है उससे यहां रहने वाले लोगों के लिए मलेरिया का भी खतरा बढ़ गया है।
मलेरिया– मलेरिया बरसात में होने वाली आम लेकिन गंभीर संक्रामक बीमारी है जो मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। इससे बचने के लिए अपने आसपास पानी का जमाव ना होने दें। ऐसे में फ्लैट खरीदार जो हर महीने मेंटनेंस के नाम पर मोटी रकम चुका रहे हैं और सुविधाओं के नाम पर बिल्डर से धोखा खा रहे हैं। सुपरटेक में फ्लैट खरीदकर वाकई अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।
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