सुपरटेक इकोविलेज-1 के निवासी पिछले 20 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन आज भी बिल्डर का रवैया जस का तस अड़ियल, निरंकुश व बेरुख़ी वाला है। आज भी सोसायटी के तमाम ऐसे काम लंबित हैं जिनका एक एक पैसा फ्लैट बायर सालों पहले दे चुका हैं। आरोप है कि यहां 120 रुपये का बिजली लोड बढ़वाने का चार्ज 30 हजार तक लिया जाता है। निवासियों की ये भी मांग है कि जो ओपन पार्किंग फ्लैट बायर को दी गई है अब उसको रिज़र्व कन्वर्ट कराने का चार्ज 3 लाख है, जो फ्री होना चाहिए।
आरोप है कि सोसायटी में अभी तक न तो बिजलीं का इंफ्रा दुरुस्त हुआ, जुगाड़ से बस फ्लैटों तक लाइट पहुंच रही है, फाल्ट होने पर घंटों तक बिजली बाधित रहती है। न तो अभी तक सोसायटी के सारे क्लब बनकर पूर्ण हुए, न सोसायटी की STP बनी, न टॉवरों में फायर फाइटिंग का काम पूर्ण हुआ, न बेसमेंट की पार्किंग का काम पूरा हुआ, न सोसायटी के एक्सपेंशन ज्वाइंटर सही हुआ है, जिससे हर एक जगह पानी का लीकेज सीपेज होता रहता है, बहुत से टॉवरों में न तो अभी तक सारी लिफ्ट लगी और न ही फ्लैटों का OC/ CC व रजिस्ट्री हुआ… ऐसी अनगिनत समस्याओं से भरा पड़ा है ये हमारा इकोविलेज़-1
निवासियों का ये भी कहना है कि सिक्योरिटी व्यवस्था और मेंटेनेंस बेहद निचले स्तर की है। सुपरटेक के निवासियों के मुताबिक जीएम नीतीश अरोड़ा पिछले 3 सालों से, तारीख पर तारीख देते रह रहे हैं लेकिन अभी तक एक भी काम समय पर पूरा नही किया है। आपने अपने रवैये की वजह से रज़िडेंट्स को शान्तिपूर्ण आन्दोलन करने पर बेबस कर दिया।
लोगों के मुताबिक समय को लेकर हमारी बहुत से मजबूरियां हैं, हम मिडिल क्लास नौकरी पेशा लोग अनेकों समस्याओं से जूझ रहे होते है… हमारे हक़, खून पसीने की कमाई लेने के बाद भी आप करने को कुछ राजी नही… ऐसे में हमें खुद के हक के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। ऐसे में अपने हक़ को पाने की आवाज़ तो बुलंद होगी ही !!
ये शान्तिपूर्ण जनआंदोलन चलता रहेगा और इसका स्वरूप बढ़ता रहेगा, जबतक कि इकोविलेज़-1 निवासियों की सारी की सारी मांगें पूर्ण नही होती।