ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटी सुपरटेक इकोविलेज-1 में साल 2022 की गर्मी ने यहां रहने वाले लोगों को रूला दिया था। देर रात, सुबह घंटों बिजली गुल। गर्मियों में बिजली की खपत बढ़ जाती है इसमें कोई शक नहीं लेकिन व्यवस्था अगर पुख्ता हो तो समस्याओं से निबटा जा सकता है।
इकोविलेज-1 में रहने वाले स्थानीय निवासियों का मैनेजमेंट पर आरोप है कि- सुपरटेक करीब 4300 KW बिजली भार NPCL से स्वीकृत कराया है और हम निवासियों को फिक्स्ड चार्जेस के नाम पर अनुमानित 15000 KW बेच रहा है इको मार्ट सहित।
कई बार बिल्डर के समक्ष इस समस्या को रखा पर फैसिलिटी मौन है और ओवर रिकवरी में लिप्त है। मीटिंग में एक बार श्रीमान नीतीश अरोड़ा जी कबूल करते हुए कहते हैं की मेंटेनेंस में घाटा हो रहा है इसलिए ऐसा कर रहे हैं।
सवाल है की कई टावरों में अभी तक अधूरी सुविधा है फिर भी मेंटेनेंस पूरा ले रहे हैं ऊपर से प्रोजेक्ट के कंस्ट्रक्शन में खपत होने वाली बिजली का तो कोई हिसाब ही नहीं है।अगर आप सभी कैलकुलेट करोगे तो हम सब के खाते में मात्र 25-30 रुपया आएगा यानी किसी ने अगर 2 KW का बिजली भार लिया है तो उससे साल का करीब 2000 ज्यादा लिया जा रहा है।
कूपन चार्जेस के नाम पर सभी के बिलों में 47 रुपया हर महीने GST सहित लिया जा रहा है जो पूरी सोसाइटी के हिसाब से महीने का 249100 रुपया और साल का करीब 3000000.00 रुपया लिया जा रहा है।
हम लोगों ने इस मुद्दे को NPCL और कई सरकारी विभागों में भी उठाया है।लगातार प्रयास कर रहे है पर आप सभी का भी जन हित में समर्थन और सहयोग चाहिए क्योंकि बिल्डर निश्चित तौर पर हमारी एकजुटता की कमी का फायदा उठा रहा है जो उचित नहीं है।