व्यवस्था के नाम पर सुपरटेक ईकोविलेज-1 में जमकर बंदरबांट हो रहा है और फ्लैट खरीदार बेचारे बने हुए हैं। NPCL के सर्वे करने और बिजली के इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी उजागर होने के बाद रविवार को ईकोविलेज-1 के निवासियों ने बिल्डर प्रतिनिधि(प्रोजेक्ट और फैसिलिटी चीफ) का घेराव कर उनसे इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमियों पर सवाल उठाए और उनसे विस्तृत जानकारी मांगी।
निवासियों का आरोप है की इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के नाम पर बिल्डर आउटसोर्सिंग कर रहा है। डीजी सेट,ट्रांसफार्मर आदि किराए पर लगा हुआ है जिसका पैसा मेंटेनेंस से जा रहा है जबकि उस पैसे का उपयोग किसी और विकास कार्यों पर होना है।
बिल्डर प्रतिनिधि का कहना था की जैसे जैसे पोजेशन दे रहे हैं वैसे वैसे इंफ्रा का विकास कर रहे हैं जो की सरासर ग़लत है क्योंकि इन्होंने सभी टावरों का पोजेशन खोल दिया है।
निवासियों का ये भी कहना है की अभी बिल्डर 1 किलो वॉट भार बढ़ाने के लिए 29500 रुपया वसूलता है। एनपीसीएल आने के बाद लोड में इजाफा होगा जिसके लिए बिल्डर का इन्फ्रास्ट्रक्चर अभी नगण्य है। निवासियों द्वारा पूछे जाने पर की यहां कितने ट्रांसफार्मर ,डीजी सेट एवम अन्य उपकरण की जरूरत है और कितने लगे हैं तो उसपर बिल्डर प्रतिनिधि का उत्तर संतोषजनक नहीं था जिसपर निवासी आक्रोशित हो गए और ऑडिट कराने की मांग करने लगे।
अभी एनपीसीएल की सर्वे रिपोर्ट आनी बाकी है पर यहां व्याप्त समस्याओं को लेकर निवासी पहले से ही परेशान हैं जैसे लिफ्ट, पार्किंग,क्लब, फायर सेफ्टी आदि अब बिजली इन्फ्रास्ट्रक्चर की बदहाल स्थिति पर आगे समुचित कार्यवाही नहीं होने पर बड़े आंदोलन की तैयारी भी करेंगे।