दिल्ली-NCR के बिल्डर सुपरटेक(Supertech) और इनके मालिक आरके अरोड़ा को लेकर हर दिन नया अपडेट आ रहा है। ताजा मामला नोएडा के सेक्टर 118 की है। नवभारत टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक–
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सुपरटेक और अजनारा ने जिस जमीन पर ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट लॉन्च किया, वह जमीन उनके नाम नहीं थी। इस जमीन का सब डिविजन भी नहीं किया गया। इससे भी हैरानी की बात यह है कि अथॉरिटी से लेकर रेरा तक किसी ने रोक तक नहीं लगाई। अब दोनों ही बिल्डर NCLT (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) में चले गए हैं। वहां से नियुक्त आईआरपी ने नोएडा अथॉरिटी से संपर्क किया तो अथॉरिटी ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि वह दोनों बिल्डरों को इस प्लॉट के संबध में नहीं जानती है। ये प्लॉट आईवीआर प्राइम बिल्डर ग्रुप को आवंटित हुआ था। अब तक सारे दस्तावेज उसी ग्रुप के नाम से हैं। इसलिए अथॉरिटी कुछ नहीं कर सकती।
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अथॉरिटी अधिकारियों के मुताबिक ऐसे दो प्रकरण सामने आए हैं। दोनों ही प्लॉट सेक्टर-118 और 119 में आईवीआर बिल्डर को ग्रुप हाउसिंग के लिए आवंटित हुए थे। आईवीआर प्राइम बिल्डर ने सेक्टर-118 के प्लॉट का हिस्सा सुपरटेक और अजनारा को दे दिया। इसकी सबलीज डीड आदि नहीं कराई गई। यह जरूर संभव है कि आंतरिक स्तर पर कोई एग्रीमेंट कराया गया हो। इस प्लॉट पर सुपरटेक ने रोमानो ग्रुप हाउसिंग प्रॉजेक्ट लांच किया है। अथॉरिटी का कहना है कि यह प्लॉट आईवीआर प्राइम बिल्डर के नाम से है, इसलिए उस बिल्डर से ही अथॉरिटी संपर्क करेगी। नक्शा आईवीआर बिल्डर के नाम से ही पास करवाए गए हैं। मौके पर प्रॉजेक्ट वह बिल्डर किसी भी नाम से लॉन्च कर सकता है। यहां 1.33 लाख वर्गमीटर क्षेत्रफल में 36 टावर मंजूर किए गए हैं। इसमें से 19 टावर बन चुके हैं। कुल 2365 फ्लैट मंजूर किए गए हैं। सेक्टर-119 में आईवीआर बिल्डर के एक और प्लॉट का मामला अथॉरिटी के सामने आया है। यहां निर्माण कार्य उन्नति फॉर्च्यून कर रहा है।
नोएडा अथॉरिटी एसीईओ प्रभाष कुमार ने बताया कि अथॉरिटी से ज़मीन लेने के बाद बिल्डर उस पर निर्माण किसी भी ग्रुप से करवा सकता है। अथॉरिटी अपने आवंटी के प्रति ही जवाबदेह होती है। सेक्टर-118 और 119 में दो ऐसे प्रकरण सामने आ रहे हैं।