उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Noida News: नोएडा प्राधिकरण को लेकर एक चौकाने वाला खुलासा हुआ है जिसे आप सुनकर हैरान हो जाएंगे। बता दें कि फर्जी मुआवजा वितरण के मामले में नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के अधिकारियों सहित कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हो गया है। 14 अक्टूबर को गेझा तिलपता गांव में कथित तौर पर फर्जी तरीके से करोड़ों रुपये के मुआवजा वितरण के 11 मामलों में थाना फेज-वन में प्राधिकरण (Authority) के अधिकारियों सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बता दें, मामले की विशेष जांच SIT द्वारा की जा रही है. पूरा मामला झूठे तथ्यों के आधार पर मुआवजे के वितरण का है।
अधिकारियों पर लगी धाराएं
फर्जी मुआवजा मामले में प्राधिकरण के विधि विभाग से कई अधिकारीयों के नाम पर मामले दर्ज कर लिए गए हैं। मामले में प्राधिकरण के अधिकारियों पर धोखाधड़ी के साथ- साथ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराएं भी लगाई गई है।
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गलत तरीके से मुआवजा
नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के अधिकारी सुशील भाटी ने इस मामले को थाना फेज-वन में कुछ अधिकारियों को नाम पर दर्ज कराया है। दर्ज मामले में आरोप लगाय है कि साल 2015-16 में बांटे गए मुआवजे में प्राधिकरण के अधिकारियों ने मिलीभगत करके 11 मामलों में जमीनों के मालिकों को गलत तरीके से मुआवजा दिया हैं।
SIT द्वारा की जा रही है जांच
मामले की जांच विशेष जांच दल SIT कर रही है। SIT के अधिकारियों ने अब तक कई फाइलें खंगाली हैं। मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश के राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष, मेरठ के आयुक्त और अपर पुलिस महानिदेशक (Additional DGP), ने एक दल का गठन भी किया है।
मामला झूठे तथ्यों के आधार पर
जानकारी के मुताबिक पूरा मामला झूठे तथ्यों के आधार पर मुआवजे (Compensations) के वितरण का है। बिना जांच के फाइल आगे बढ़ती रही और मुआवजा बंटता रहा। सभी मामलों में जमीनों के मालिकों ने प्राधिकरण में झूठी अपील और मुआवजे की मांग की हैं।
क्या है पूरा मामला
नोएडा प्राधिकरण में गेझा तिलतपाबाद गांव (Gejha Tillatabad Village) के 11 प्रकरणों में 75 किसानों को करीब 82 करोड़ रुपए से अधिक बतौर मुआवजा बांट दिए गए हैं। क़रीब एक साल पहले मामला सामने आने पर प्राधिकरण ने जांच बैठाई और एक एफआईआर दर्ज करवाई थी। अब शुक्रवार को अथॉरिटी की तरफ से फेज वन कोतवाली में दूसरा नया मामला दर्ज कराया गया है। नोएडा प्राधिकरण के विधि अधिकारी सुशील भाटी की तरफ से यह एफआईआर दर्ज कराई गई है।
क्या है नई एफआईआर में
नई एफआईआर (FIR) में है कि गेझा तिलपताबाद गांव के काश्तकारों ने प्राधिकरण के सामने गलत तथ्य पेश किए थे। प्राधिकरण के एलएआर विभाग में कार्यरत कर्मचारियों-अधिकारियों से मिलीभगत और 11 प्रकरणों में गलत तरीके से प्रतिकर की राशि प्राप्त कर ली थी। यह मुआवजा वर्ष 2015-16 में बांटा गया था। इस मामले में पुलिस ने धारा आईपीसी की धाराओं 420, 467, 468, 471, 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(ए) के तहत मामला दर्ज किया है।
11 मामलों में 82 करोड़ का गोलमाल
प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि इन सभी 11 प्रकरणों में किसानों ने प्राधिकरण को हाईकोर्ट दायर एक अपील संख्या का हवाला दिया। गलत तथ्य प्रस्तुत करते हुए बताया कि उनका हाइकोर्ट में मामला लंबित है, जिसमें 297 रुपए प्रति वर्ग गज से मुआवजे की मांग की गई है। जबकि मुआवजा राशि से जुड़ी याचिका का पूर्व में अदालत निस्तारण कर चुकी थी। आरोपियों को राहत नहीं मिली थी। मुआवजा लेते वक्त किसी न्यायालय में लंबित नहीं थी।
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