खुशमिजाज, लोगों को हंसाने वाले, उनका दुख दर्द बांटने वाले, काम में मास्टर वैभव वर्धन अब इस दुनिया में नहीं रहे। आज सुबह चंडीगढ़ के अस्पताल में वैभव ने अंतिम सांस ली। वैभव वर्धन लंबे वक्त से कैंसर से पीड़ित थे। किसे पता था कि कभी हार ना मानने वाले वैभव बर्धन इस कदर अपने परिवार, अपने दोस्तों को छोड़कर हमेशा हमेशा के लिए चले जाएंगे। वैभव का दिल्ली के बाद चंडीगढ़ में इलाज चल रहा था।
वैभव माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के 1998-2000 बैच के छात्र रहे हैं। वैभव को लेकर माखनलाल के प्रोफेसर डॉ. संजीव गुप्ता लिखते हैं ‘अत्यंत दुखद! वह एम.ए. प्रसारण पत्रकारिता(1998-2000) प्रथम बैच के विद्यार्थी थे। मेरी कक्षा के वह बहुत नियमित एवं होनहार विद्यार्थी रहे हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें एवं परिवारजनों को इस वज्रपात को सहने की शक्ति प्रदान करें’ 🙏 ऊं शांति शांति शांति
माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने वैभव बर्धन के निधन को गंभीर क्षति बताया। प्रोफेसर सुरेश ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि ईश्वर वैभव जी की दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे। आज विश्वविद्यालय ने अपने अहम छात्र को खो दिया। 🙏 ऊं शांति
भोपाल नई दुनिया से करियर की शुरुआत करने वाले वैभव वर्धन अमर उजाला, आजतक और इंडिया न्यूज़ जैसे बड़े संस्थानों में प्रमुख भूमिका निभाई थी । वैभव का पार्थिव शरीर देवों के धाम हरिद्वार में परम गति को प्राप्त हुआ। ईश्वर वैभव वर्धन को अपने श्रीचरणों में जगह दे। ॐ शांति