उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Delhi School Closed: राजधानी दिल्ली और आस पास के इलाकों में इन दिनों बढ़ता प्रदूषण चिंता का विषय बन गया है, एक तरफ जहां प्रदूषण से चारो तरफ धुंध फैली हुई तो वहीं दूसरी तरफ बढ़ रहे प्रदूषण ने लोगों को बीमार करना शुरू कर दिया है। दिल्ली (Delhi) और एनसीआर (NCR) के ज्यादातर इलाके गैस चेंबर बन चुके हैं। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार जा चुका है और यह बेहद गंभीर श्रेणी में आता है। इस बीच दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी (Atishi) ने बड़ा फैसला लिया है।
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आतिशी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में खतरनाक स्तर पर वायु प्रदूषण को देखते हुए 10 नवंबर तक के लिए प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। इस दौरान कक्षा 6 से 12वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन क्लास जारी रखने का ऑप्शन दिया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक दिल्ली में एक्यूआई (Delhi Air Quality Index) गंभीर की कैटेगरी में है। दिल्ली के आयानगर में एक्यूआई 464 है। वहीं द्वारका सेक्टर 8 में एक्यूआई 486, जहांगीरपुरी में 463 और आईजीआई एयरपोर्ट टी3 का एक्यूआई 480 दर्ज किया गया है, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है।
प्रदूषण का बच्चों पर क्या असर
डॉक्टर निशंक शेखर के मुताबिक ओपीडी में मरीजों में बच्चे भी बढ़ रहे हैं। जिन बच्चों को एलर्जी जैसी दिक्कत हैं, उन्हें अस्थमा जैसे अटैक की शिकायत भी दिख रही है। पैरंट्स को एंटीऑक्सीडेंट डाइट जैसे मौसमी फल, सब्जियां बच्चों को देनी जरूरी है। अगर वो बीमार है, वो उसे स्कूल बिल्कुल ना भेजें क्योंकि प्रदूषण से मिलकर तबीयत और बिगड़ सकती हैं।
नोएडा में भी स्कूलों ने लिया है यह फैसला
नोएडा में भी बढ़ते पॉल्यूशन को देखते हुए कई स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेज शुरू करने पर ज़ोर दिया है। वहीं कुछ स्कूलों ने तो यहां तक कहा कि क्षेत्र में वर्तमान में छाई खतरनाक धुंध के मद्देनजर उन्होंने इस सप्ताह होने वाले एनुअल स्पोर्ट्स फंक्शन और इंटर स्टेट स्कूल कॉपीटीशन जैसे कार्यक्रमों को भी रद्द कर दिया है।
ANSPA आल नोएडा स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन के महासचिव के अरुणाचलम का मानना है कि जिस हिसाब से दिल्ली-NCR की हवा ज़हरीली हो रही है उससे बच्चों को बचाना बहुत ज़रूरी है। ऐसे में ऑनलाइन क्लास बेस्ट ऑप्शन है। ANSPA यूपी सरकार से इसे लागू करने की अपील करता है।
NCR पैरेंट्स एसोसिएशन के फाउंडर सुखपाल सिंह तुर का मानना है कि प्रदूषण से बच्चों को बचाना बेहद ज़रूरी है। ऐसे में NCR में मौजूद स्कूलों को ऑनलाइन क्लासेज का ऑप्शन देना चाहिए ताकि सभी बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके।
समाजसेवी शशिभूषण साह का कहना है कि दिल्ली-NCR की हवा कब साफ होगी ये कोई नहीं बता सकता। ऐसे में हमें बच्चों को सुरक्षित रखना ज़रूरी है। और इसका सबसे अच्छा और सरल उपाय है ऑनलाइन क्लास..जिससे बच्चे घर में पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे।
क्या कहते हैं डॉक्टर
सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर निशंक शेखर के मुताबिक मौजूदा समय में बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित रखना बहुत ज़रूरी है। ताकि उन्हें गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके। वहीं अस्थमा के मरीजों के लिए इस तरह का मौसम बेहद ख़तरनाक माना जाता है। ऐसे में जितना हो सके घर में रहें। अगर बाहर निकलना हो तो मास्क का इस्तेमाल ज़रूर करें।
दिल्ली में प्रदूषण का हाल
बात करें दिल्ली के अलग-अलग इलाकों की तो सबसे ज्यादा प्रदूषण शादीपुर में दर्ज किया गया है। यहां एक्यूआई 492 है। वहीं आरके पुरम में 489, ओखला फेज 2 में 484, पटपड़गंज में 464, बवाना में 479, मुंडका में 474, नजफगढ़ में 472, आयानगर में 464, नरेला में 457, डीटीयू में 423, आईटीओ पर 410, पूसा आईडी में 406 एक्यूआई दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि दिल्ली में फिलहाल करीब 40 जगहों पर प्रदूषण के स्तर को मॉनिटर किया जा रहा है। पिछले 4-5 दिनों में वायु प्रदूषण भीषण रूप ले चुका है। इस कारण दिल्ली में विजिबिलिटी का स्तर कम हो गया है और लोगों को कुछ मीटर की दूरी के बाद दिखना बंद हो गया है।
दिल्ली का अलार्मिंग AQI
आपको जानकर हैरानी होगी कि बीते शनिवार को दिल्ली का एक्यूआई 500 के पार पहुंच गया था। शनिवार को आईजीआई टी3 एयरपोर्ट व उसके आसपास का एक्यूआई 571 दर्ज किया गया था। वहीं दिल्ली के धीरपुर में एक्यूआई 542, नोएडा में 576, नोएडा सेक्टर 116 में 426, नोएडा सेक्टर 62 में 428 एक्यूआई दर्ज किया गया था। मेदांता अस्पताल के फेफड़े के वरिष्ठ विशेषज्ञ ने कहा कि वर्तमान में दिल्ली में जो लोग भी सांस ले रहे हैं वो प्रतिदिन 20-25 सिगरेट के बराबर जहरीली हवा अपने शरीर के अंदर ले रहे हैं।
12 साल कम हो जा रही है लोगों की उम्र
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के एक विश्लेषण के मुताबिक पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी से राजधानी में एक नवंबर से 15 नवंबर तक प्रदूषण उच्च स्तर पर होता है। दुनिया के राजधानी शहरों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता सबसे खराब है। शिकागो विश्वविद्यालय के ऊर्जा नीति संस्थान (ईपीआईसी) की ओर से अगस्त में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि वायु प्रदूषण दिल्ली के लोगों की उम्र लगभग 12 साल कम कर रहा है।