School of Eminence

School of Eminence: स्कूल ऑफ एमिनेंस..शिक्षा क्रांति की ओर बढ़ते कदम

पंजाब राजनीति
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CM Bhagwant Maan की योजना स्कूल ऑफ एमिनेंस से हो रहा है पंजाब की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव

School of Eminence: शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति के व्यक्तिगत और सामाजिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। एक शिक्षित व्यक्ति स्वस्थ समाज का निर्माण करता है। छात्रों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए और प्रदेश में शिक्षा क्रांति लाने के लिए सीएम भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Maan) जोर-शोर से प्रयास कर रहे हैं।

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सीएम भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) के ही प्रयासों से आज पंजाब की शिक्षा व्यवस्था में सुधार देखने को मिल रहा है। इसी क्रम में पंजाब की मान सरकार लगातार योजाएं भी लाकर पंजाब के स्कूलों को बेहतर बनाने का काम कर रही है। पंजाब की शिक्षा व्यवस्था को और भी बेहतर बनाने के लिए पंजाब (Punjab) की मान सरकार (Mann Government) ने स्कूल ऑफ एमिनेंस ((School of Eminence) योजना लाई।

पंजाब सरकार (Punjab Government) की योजना स्कूल ऑफ एमिनेंस (School of Eminence) मान सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना का उद्देश्य सरकारी स्कूलों को विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए आवश्यक संसाधनों और सुविधाओं से लैस करना है, ताकि सरकारी स्कूलों के छात्र भी निजी स्कूलों के बराबर या उससे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकें।
स्कूल ऑफ एमिनेंस योजना पंजाब के सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Maan) की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो पंजाब के शैक्षणिक ढांचे में सुधार लाने के लिए तैयार की गई है। इस योजना के तहत, छात्रों को आधुनिक, सस्ती, और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाती है, जिससे वे जीवन में सफलता प्राप्त कर सकें।

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पंजाब स्कूल ऑफ एमिनेंस के 5 स्तंभ

स्कूल ऑफ एमिनेंस (School of Eminence) परियोजना का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में शिक्षा का कायाकल्प और विद्यार्थियों का समग्र विकास सुनिश्चित करना है, जिससे वह जिम्मेदार नागरिक बन सकें। अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा, शिक्षाविद, मानव संसाधन प्रबंधन, खेल और सह-पाठ्यचर्या संबंधी गतिविधियां और सामुदायिक जुड़ाव इसके पांच स्तंभ हैं।

स्कूल ऑफ एमिनेंस (School of Eminence) योजना की शुरुआत

पंजाब की भगवंत मान सरकार ने स्कूल ऑफ एमिनेंस योजना को वर्ष 2023 के जनवरी में शुरू किया। इस योजना के अंतर्गत, 23 जिलों के 117 स्कूलों को स्कूल ऑफ एमिनेंस के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया था। इस योजना का औपचारिक शुभारंभ 21 जनवरी, 2023 को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किया था।

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जानिए योजना क्या है?

मान सरकार की स्कूल ऑफ एमिनेंस योजना, पंजाब के 117 चयनित सरकारी स्कूलों को उत्कृष्टता के केंद्र (Centre of Excellence) के रूप में विकसित करना है। इस योजना में नौवीं से 12वीं कक्षा पर विशेष जोर दिया जाता है। शिक्षा विभाग के अधिकारी के मुताबिक कैरियर से संबंधित परामर्श के अलावा, नवीन शिक्षण पद्धतियों का पालन किया जाता है और विद्यार्थियों को पेशेवर परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाता है।

इस योजना की खास बातें

पंजाब की “स्कूल ऑफ एमिनेंस” (School of Eminence) योजना की कई खासियत हैं। सीएम भगवंत मान सरकार की यह पहल शिक्षा में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना से पंजाब शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा। सीएम मान की इस योजना से अब पंजाब के गरीब और असहाय के घरों के बच्चों को भी बेहतर और आधुनिक शिक्षा मिल रही है।

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इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन

स्कूलों की बुनियादी सुविधाओं को आधुनिक और विश्वस्तरीय बनाया गया, इन स्कूलों में आधुनिक और उन्नत सुविधाओं का निर्माण किया गया है, जिसमें स्मार्ट क्लासरूम, उच्च गुणवत्ता वाले लैब्स, पुस्तकालय, खेल के मैदान, और अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे शामिल हैं। इससे छात्रों को एक आदर्श शिक्षा का माहौल मिलेगा।

शिक्षकों की प्रोफेशनल डेवलपमेंट
शिक्षकों को आधुनिक शिक्षा तकनीकों और पद्धतियों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे शिक्षकों की दक्षता में सुधार होगा और वे छात्रों को बेहतर ढंग से पढ़ाने में सक्षम होंगे।

करिकुलम में सुधार
करिकुलम को अपडेट किया गया जिससे वह वर्तमान समय की आवश्यकताओं के अनुरूप हो। इसमें सॉफ्ट स्किल्स, प्रैक्टिकल नॉलेज, और क्रिटिकल थिंकिंग को शामिल किया जाएगा।

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अतिरिक्त करिकुलर गतिविधियां
छात्रों की सर्वांगीण विकास के लिए अतिरिक्त करिकुलर गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, जैसे कि स्पोर्ट्स, आर्ट्स, और साइंस एवं टेक्नोलॉजी से संबंधित प्रतियोगिताएं।

सॉफ्ट स्किल्स और करियर काउंसलिंग
छात्रों को सॉफ्ट स्किल्स की ट्रेनिंग और करियर काउंसलिंग प्रदान की जाएगी, जिससे वे अपने करियर के बारे में सही निर्णय ले सकें और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफल हो सकें।

समान अवसर प्रदान करना
इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य है कि सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बीच शिक्षा के स्तर में अंतर को कम किया जाए और सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान किए जाएं। इससे सरकारी स्कूलों के छात्रों को भी विश्वस्तरीय शिक्षा प्राप्त हो सकेगी।

सामुदायिक और अभिभावक सहभागिता
योजना के तहत सामुदायिक और अभिभावकों की सहभागिता को प्रोत्साहित किया जाता है। इससे स्कूलों की कार्यप्रणाली में सुधार होगा और छात्रों की शिक्षा में बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे।

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मॉडल स्कूल का निर्माण
ये स्कूल अन्य सरकारी स्कूलों के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर रहे हैं, जहां से अन्य स्कूल भी प्रेरणा लेकर अपने स्तर में सुधार कर सकेंगे।

जानिए क्या है स्कूल ऑफ एमिनेंस योजना का उद्देश्य

स्कूल ऑफ एमिनेंस (School of Eminence) योजना का मुख्य उद्देश्य पंजाब के सरकारी स्कूलों को उत्कृष्टता के केंद्रों में बदलना है, जिससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके और वे जीवन में बेहतर अवसर प्राप्त कर सकें। इस योजना के माध्यम से, मान सरकार इन उद्देश्यों में सुधार लाना चाहती है

शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार
सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारना, जिससे छात्रों की अकादमिक प्रदर्शन में वृद्धि हो सके।

समान अवसर प्रदान करना
सरकारी और निजी स्कूलों के बीच शिक्षा के स्तर में अंतर को कम करना और सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करना।

छात्रों की प्रतिभा को निखारना
छात्रों की प्रतिभा को विकसित करना और उन्हें उच्च शिक्षा एवं करियर में सफल होने के लिए तैयार करना।

शिक्षा में नवाचार
शिक्षा के क्षेत्र में नए नवाचारों को प्रोत्साहित करना और उन्हें स्कूलों में लागू करना।

समाज में जागरूकता फैलाना
शिक्षा के महत्व के बारे में समाज में जागरूकता फैलाना और लोगों को सरकारी स्कूलों में बच्चों को भेजने के लिए प्रोत्साहित करना।

23 जिलों 117 स्कूल हुए स्थापित

बच्चों को मानक शिक्षा प्रदान करने के लिए पंजाब के 23 जिलों में 117 स्कूल ऑफ एमिनेंस स्थापित किए गए है। इन स्कूलों का ध्यान स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग, लॉ, कॉमर्स, यूपीएससी एवं एनडीए सहित पांच पेशेवर और प्रतियोगिता वाले कोर्स के लिए तैयार करने पर केंद्रित है। यहां हाईटेक साइंस लैब, स्वीमिंग पूल और खेल के मैदान की सुविधा भी उपलब्ध है। इन स्कूलों में स्पोर्ट्स को खास तवज्जो दी गई है।

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प्राइवेट स्कूल से बेहतर शिक्षा पंजाब के सरकारी स्कूल में-सीएम मान

इस योजना की शुरूआत करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा था कि, ये स्कूल स्वतंत्रता सेनानियों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए स्थापित किए गए हैं, जो विद्यार्थियों को भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार करेंगे और पंजाब को शिक्षा के क्षेत्र में आदर्श बनाने में सहायक साबित होंगे। सीएम मान ने आगे कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब ये सरकारी विद्यालय निजी स्कूलों से बेहतर शिक्षा देंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे स्कूलों ने पहले ही दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। अब पंजाब में भी शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति आ रही है।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के मुताबिक ये स्कूल स्वतंत्रता सेनानियों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए हैं जो विद्यार्थियों को भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार करेंगे और पंजाब को शिक्षा के क्षेत्र में आदर्श बनाने में मदद करेंगे। इस दौरान सीएम मान ने शिक्षकों को राष्ट्र निर्माता बताते हुए कहा कि उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तन लाने में अहम भूमिका निभानी है। सीएम मान ने 36 शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए सिंगापुर भेजने के अपनी सरकार के फैसले के बारे में कहा कि इससे उन्हें दुनिया भर में मौजूद उन्नत कार्य प्रणाली सीखने में मदद मिलेगी।

सीएम भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे विद्यार्थियों को पंजाब की अमीर सांस्कृतिक विरासत के बारे में भी जानने का अवसर मिलेगा। इसके अतिरिक्त वह राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों की तरक्की से भी अवगत होंगे और विद्यार्थियों के व्यक्तिगत विकास में भी मदद मिलेगी। सीएम ने कहा कि दिल्ली के बाद अब पंजाब में शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी क्रांति देखी जा रही है। ये स्कूल उसी का प्रतिबिंब हैं। मान ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण अवसर है और वह दिन दूर नहीं जब पंजाब देश में अग्रणी राज्य होगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान के मुताबिक गरीब छात्रों की भलाई के लिए पंजाब में इस योजना की शुरुआत हुई है। ये स्कूल आधुनिक समय के मंदिर होंगे जो छात्रों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन लाएंगे। इससे पंजाब के छात्र बेहतर शिक्षा हासिल कर बेहतरीन इंसान और अच्चे नागरिक बनेंगे।

पंजाब के बच्चों का सपना होगा पूरा: केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने लुधियाना में स्कूल ऑफ एमिनेंस के उद्घाटन के मौके पर कहा था- “मुझे याद है जब हमने दिल्ली में सरकार बनाई थी, तब स्कूलों की स्थिति बहुत खराब थी। जब हमारी मुलाकात उन्हीं सरकारी स्कूलों में से एक के छात्र से हुई तो उसने कहा कि देश का भविष्य हम नहीं बल्कि निजी स्कूलों के छात्र हैं।’’
सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा था कि तीन-चार साल बाद जब में उसी स्कूल को पूरी तरह से बदल कर दोबारा देखने गए तो उसी छात्र ने कहा, “सरकारी स्कूलों के छात्र भी भविष्य हैं.’’ कहने का मतलब यह है कि जब आप बेहतर काम करेंगे तो माहौल भी बदलता है। छात्रों के सपने भी बदलते हैं। इसी के साथ उनकी सोच भी बदलने लगती है।

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छात्रों ने सपने देखना शुरू कर दिया

सरकारी स्कूलों के छात्रों ने भी अब आत्मविश्वास जगाना और सपने देखना शुरू कर दिया है. उनके सपने निश्चित रूप से सच होंगे, क्योंकि अब उन्हें भी वही अवसर मिल रहे हैं, जो पहले केवल अमीर परिवारों के बच्चों को अभी तक मिलते थे।

पंजाब के छात्रों का भी सपना होगा पूरा

अरविंद केजरीवाल के मुताबिक पहले सिफारिश आती थी कि हमारे बच्चों को प्राइवेट स्कूल में दाखिला दिलाया जाए, लेकिन अब स्कूल ऑफ एमिनेंस बनने से बच्चे कहने लगे हैं, हम सरकारी स्कूल में ही पढ़ेंगे। यह कोई छोटी बात नहीं है। आम आदमी पार्टी की सरकार बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध करवा रही है। अब पंजाब के गरीब माता-पिता के बच्चों का हर सपना पूरा होगा।